पिछली माइथोलॉजिकल फिल्मों से हटकर बनी है फिल्म हनुमान
फिल्म का नाम : हनुमान
फिल्म के कलाकार : तेजा सज्जा, अमृथा अय्यर, वारलालक्ष्मी सार्थकुमार और अन्य
फिल्म के निर्देशक : प्रशांथ वर्मा
फिल्म के निर्माता : निरंजन रेड्डी
फिल्म की अवधि : 136 मिनट
फिल्म का बैनर : प्राइमशो एंटरटेनमेंट
रेटिंग : 3.5/5
राम भक्त हनुमान जी पर बनी इस फिल्म का ट्रेलर फिल्म के मेकर ने रिलीज से सिर्फ 10 दिन पहले ही रिलीज किया और फिल्म के ट्रेलर को दर्शको की हर क्लास ने जी भर कर सराहा इस ट्रेलर को सोशल मीडिया पर गजब का रिस्पॉन्स मिला। यह फिल्म हमारी भारतीय संस्कृति के साथ साथ हमारी धार्मिक भावनाओं को भी दर्शाती है, भगवान हनुमान जी की पृष्ठ भूमि में एक छोटे से गांव और वहां रहने वाले सैकड़ों लोगों के बीच भाई बहन की सिम्पल कहानी के सहारे आगे बढ़ती है फिल्म की शुरुआत बेशक कुछ धीमी है लेकिन इंटरवल के साथ फिल्म आई रफ्तार पकड़ती है कि आप फिल्म के साथ पूरी तरह से बंध जाते है ऐसे में फिल्म का क्लाइमेक्स ऐसा है की हॉल में दर्शको की हर क्लास तालियां बजाती नजर आती है और फिर फिल्म के सेकंड पार्ट का पैगाम देकर द एंड होती है लेकिन फिल्म का एंड ऐसे जबरदस्त।मोड़ पर होता है जहां से फिल्म के अगले पार्ट का इंतजार शुरू हो जाता है। इस फिल्म को हिन्दी मलयालम, कन्नड तमिल सहित कई अन्य भाषाओ मे रिलीज किया गया है।
फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी अंजनाद्री गांव में शुरू होती है ,बता दें हनुमान जी का जन्म अंजनाद्री पहाड़ियों पर ही हुआ था,वर्तमान में यह कर्नाटक में है. इस छोटे से गांव में हनुमान अपनी बड़ी बहन के साथ रहता है हनुमान के सपने बहुत बडे है लेकिन अभी करता कुछ नही सीधा सादा हनुमान अपने गांव वालो का प्यारा है मां बाप की मौत के बाद बड़ी बहन ने ही दिन भर मेहनत करके हनुमान को बड़ा किया है बहन की जिद है की अपनी शादी उसी से करेगी जो उसके भाई को भी अपने घर रखने को राजी होगा इसी लिए उसकी शादी नही हो रही , गांव में कुछ ऐसे लोग भी है जो गांव वालो पर अत्याचार करते है और उन्हें सताते है गांव में लोकल चुनाव भी नही होने देते ऐसे में एक दिन हनुमान को ऐसी एक अद्भुत शक्ति वाली मणि मिलती है जो उसमे असीम शक्तियों को लाती है इस मणि की शक्ति से हनुमान अब गांव में सबसे बलशाली है और एक दिन इस मणि को हासिल करने की जंग शुरू होती है जिसमे हनुमान इस मणि के दम पर इन बुरी शक्तियों को हराने में जुट जाता है।
कैसी बनी है फिल्म? :
फिल्म के स्पेशल विजुअल इफेक्ट्स का जवाब ही नही है, इस फिल्म को मेकर ने पिछली माइथोलॉजिकल फिल्मों से हट कर इस फिल्म को ऐसे अंदाज से बनाया है जो दर्शको की हर क्लास की कसौटी पर खरी उतरती है।
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसका तकनीक है। वीएफक्स का इस्तेमाल इस बेहतरीन स्टाइल से किया गया है, जिसे देख आप दंग रह जाएंगे तेजा सज्जा ने हनुमान के किरदार को जीवंत करने के लिए तीस दिन की वर्कशॉप अटेंड की यही वजह है स्टार्ट टू लास्ट तेजा अपने किरदार में सौ फ़ीसदी फिट नजर आते है।
फिल्म क्यों देखें? :
आप अपनी फैमिली और दोस्तांे के साथ फिल्म को देख सकते हैं क्योंकि फिल्म आपका भरपूर्ण मनोरेजन करती है, यकीन मानिए आप निराश नहीं होंगे।