हलचल

सद्भाव लेखन के लिए सम्मानित हुए अख्तर खान

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
सोशल मीडिया तेजी से मुखर हो रहा है। वैचारिक पोस्ट समाज में प्रभावी संदेश दे रही हैं। ऐसे ही सोशल एक्टिविस्ट में एक हैं कोटा के लेखक , साहित्यकार, स्वतंत्र पत्रकार , समाजसेवी , एडवोकेट अख्तर खान ‘अकेला’ को हर क्षेत्र पर अपना ब्लॉग लिखते हैं। अपने ब्लॉग लेखन से इन्होंने आज राजस्थान में सामाजिक एकता, सद्भाव, समाज सेवा, स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय मुद्दे आदि सभी पर जागृति उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हैं। किसी भी राष्ट्रव्यापी घटना, प्रसंग आदि पर इनकी त्वरित टिपण्णी आती हैं। अमन चैन बनाए रखने में इनके ब्लॉग अग्रणी हैं।
गौरतलब है की हाल ही में कुछ ही समय में फेसबुक पर 35 हजार 786 ब्लॉग लिखने को ऑल इंडिया पीस मिशन, गुरुग्राम ने देश की एकता और अखंडता तथा सद्भाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण मानते हुए कोटा में आयोजित एक समारोह में प्रबुद्ध लोगों द्वारा इन्हें सम्मानित किया गया।
इनके सम्मान कार्यक्रम में आल इंडिया पीस मिशन के कोटा जिला अध्यक्ष सूफी ज़हीर ने अख्तर खान के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये झालावाड़ रियासत के समय से वर्तमान ज़िले के पिड़ावा क्षेत्र के कड़ोदिया के सम्मानित जागीर दार परिवार से हैं। इनके स्वर्गीय पिता इंजीनियर असगर अली अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ रहे हैं। अख्तर खान भी, एन. सी. सी. के प्रशिक्षित केडेट हैं, और निशानेबाज़ी में राष्ट्रपति से पुरस्कृत हैं।
उन्होंने कहा यह ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव होने के नाते मानवाधिकार संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में सबसे पहली शिकायत इन्ही के द्वारा दर्ज कराने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड है और इसी शिकायत का निस्तारण भी सबसे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रिकॉर्ड बना है । जिसमे पुलिस अधीक्षक सहित कई लोगों के खिलाफ थाने में पिटाई के मामले में मुक़दमा दर्ज होकर पीड़ित को नक़द मुआवज़ा भी दिलवाया है। जनहित याचिका के माध्यम से इन्होंने कई मामलों में,ऐतिहासिक निर्णय करवाए हैं।
उन्होंने कहा कि यह समाज सेवी संस्थाओं में लगातार सक्रिय रहे हैं। यह वर्ष 1998 से 2014 तक लगातार कोटा जिला वक़्फ़ कमेटी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष , विधि सलाहकार पद पर रहे हैं। उर्दू संरक्षण आंदोलन के लिए गठित तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान में कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद की सरपरस्ती में प्रदेश को कोऑर्डिनेटर भी हैं। भारतेन्दु समिति साहित्यिक संस्था, रेडक्रॉस सोसायटी, सहित कई संस्थाओं के सक्रिय सदस्य है, जबकि प्रेस क्लब कोटा में, अख्तर खान अकेला, लगातार पदाधिकारी रहे।
समारोह अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार , लेखक, समाजसेवी, गाँधीवादी विचारक इंजीनियर नरेश विजयवर्गीय ने कहा की अख्तर बाल्यकाल से ही लिखने के शौक़ीन रहे अख्तर लेखन और पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हो गए। हैं। बचपन के दिनों से ही लोटपोट, धर्मयुग, चंदामामा, सरिता, मुक्त ,मनोहर कहानियां आदि पत्रिकाओं में इनके लेख, कहानियां, लघु कविताऐं लगातार प्रकाशित होती रही हैं। जब पत्रकारिता का शोक लगा तो इन्होने कोटा के करीब आधा दर्जन समाचार पत्रों में संपादक रहे और ब्लिट्स जेसे समाचार पत्र में प्रतिनिधि रहे। वर्तमान में भी कई समाचार पत्रों में विधि सलाहकार हैं। आपने विधि साक्षरता पर विशेष रूप से लेखनी चला कर जागरूकता पैदा करने का कार्य किया और समाजिक समस्याओं और कमजोर लोगों को न्याय के लिए अपने अखबारों में निडर हो कर प्रभावी रूप से आवाज उठाई।
उल्लेखनीय है की वकालत में व्यस्त रहने के बावजूद भी रोज़ लिखते हैं। हर विषय पर लिखते हैं। बचपन से ही नियमित पत्र लिखने के आदि है और वर्तमान में भी नियमित रूप से रोज़मर्रा जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सहित कई ज़िम्मेदारों को समस्याओं के समाधान के लिए पत्र लिखते हैं और ज़रिये ई मेल शिकायत करते हैं।
विशिष्ठ महानुभावों को पत्र लिखने की एक बानगी उन्होंने अपने संबोधन में बताई कि यही वजह रही है कि ट्रेडिल पत्रकारिता के वक़्त जब राजीव गांधी देश के प्रधामंत्री बने तो इन्होने पत्र के माध्यम से उन्हें कुछ प्रश्न भेजकर साक्षत्कार के रूप में जवाब देने खुद राजीव जी की राइटिंग में ही जवाब देने का निवेदन किया तो राजिव जी ने उस पत्र को गंभीरता से लेकर उनका पहला पत्र साक्षात्कार के रूप में हर सवाल का जवाब उनकी खुद की हेंड राइटिंग में लिखकर भेजा। उनका यह साक्षात्कार उस समय सर्व प्रथम दैनिक धरती करे पुकार, कोटा में प्रकाशित हुआ जो अपने आप में एतिहासिक महत्व रखता है।
उनके सम्मान समारोह में खादी ग्रामोद्योग के उपाध्यक्ष गांधीवादी विचारक पंकज मेहता, सुल्तानपुर के पूर्व प्रधान और पंचायत समिति डाइरेक्टर रईस खान, कोटा संभागीय पुस्तकालय के प्रभारी डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव, प्रेस फोटोग्राफर सुधींद्र गोड़, वरिष्ठ पत्रकार के डी अब्बासी के. के. शर्मा ‘ कमल’, बालकल्याण समिति के सदस्य एडवोकेट आबिद हुसैन अब्बासी, सहित कई पत्रकार, समाजसेवक, संगठन के लोग उपस्थित रहे।

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