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स्कूलों में प्राथमिक सैनिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए : राष्ट्रीय सैनिक संस्थान

नई दिल्ली। राष्ट्रिय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली के द प्रेस क्लब में हुई, प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रिय संरक्षक गौरव सेनानी श्री रमेश अग्रवाल जी ने कहा की स्कुलो में सैनिक प्रशिक्षण की आवश्यकता तो 1947 से ही थी परन्तु अब ये आवश्यकता चिल्लाने लगी है। कत्ल गाँव में होता है, ट्रेफिक जाम हाइवे पर कर दिया जाता है। भाषण कोई करता है, पुलिस चैकी जलाने कार्यकर्ता पहुँच जाते है। इस स्थिति से निबटने के लिए आवश्यकता है – कर्तव्य निष्ठां की, प्रशिक्षण की, अनुशासन की और ईमानदारी की। ये सब सैनिक को सिखाई जाती हैं।
राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रिय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा की हमने स्कुलो में प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण का एक सिलेबस बनाया है, जिसमे पेट्रोलिंग, एम्बुश, फर्स्ट ऐड, स्वतंत्रता संग्राम, संविधान की धारा 51 ए, कृत्रिम बुद्धिमता का आभास, आपदा प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण आदि शामिल हैं। इस प्रशिक्षण से सीधे-सीधे राष्ट्रीय एकीकरण और चरित्र निर्माण होगा। कर्नल त्यागी ने ये भी कहा की आवश्यकता व्यक्तिगत चरित्र और राष्ट्रीय चरित्र में फर्क समझने की भी है। व्यक्तिगत चरित्र में अपार सहनशीलता शामिल है जबकि राष्ट्रीय चरित्र में सहनशीलता शून्य होनी चाहिए।
राजेन्द्र बगासी और मेजर सुशिल गोयल ने बताया की राष्ट्रीय सैनिक संस्था देश भक्त नागरिको और पूर्व सैनिको का एक 20 वर्ष पुराना संगठन है, जिसने प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण पर विभिन्न शहरों में अब तक 6 प्रशिक्षण सिविर आयोजित किये है। यह संगठन पूरे देश में प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण देने के लिए तैयार भी हैं और सक्षम भी हैं।
श्री वेद प्रकाश, कर्नल शेलेन्द्र, श्री जोली खोसला, डाॅ सपना, उर्वशी वालिया, राहुल विज ने विश्वास व्यक्त किया की 21 मार्च को साईं ऑडिटोरियम, लोधी रोड, नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रिय सैनिक संस्था के 15 वे राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण को अनिवार्य करने का और क्रियान्वित करने का निर्णय अवश्य ही लिया जाएगा।

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