सामाजिकहलचल

राजस्थान दिवस पर बहुरंगी प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर सूचना केन्द्र सभागार में जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कोविड-19 गाइडलाइन की पालना करते हुए कोटा एवं राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों की लगाई प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजकीय ब्रजविलास संग्रहालय में संभाग के लोक कलाकारों ने मनभावक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की। जिसमें हरिहर बाबा का भवाई नृत्य, रूपसिंह चाचोड़ा का चकरी नृत्य, मथुरा लाल का तेजाजी गायन एवं आशाीष मीणा का मयूर नृत्य तथा फूलों की होली का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राओं एवं आगतुंक पर्यटकों ने भाग लिया। राजस्थान दिवस के अवसर पर राजकीय संग्रहालय में प्रवेश निशुल्क होने के कारण छात्र-छात्राओं द्वारा अधिक संख्या में दृश्यावलोकन किया गया।
संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा नगर निगम उत्तर की महापौर मंजू मेहरा, दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल, जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ एवं आयुक्त नगर निगम वासुदेव मालावत ने फीता काटकर उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में जिले तथा राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ-साथ राजस्थान के गठन के विभिन्न चरणों को प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में फ्लैक्स एवं रंगीन छायाचित्र प्रदर्शित किए गए है। जिनमें राजस्थान के गठन से लेकर वर्तमान स्वरूप तथा प्रमुख किले, झील, ऐतिहासिक पुरूष का उल्लेख किया गया है। कोटा के प्रसिद्ध छायाकार एएच जैदी एवं मनीष आर्य द्वारा विभिन्न अवसरों के साथ-साथ पर्यटक महत्व के स्थलों व वाइल्ड लाइफ से संबंधित छायाचित्रों का प्रदर्शन भी किया गया है। सात दिवसीय यह प्रदर्शनी 5 अप्रेल तक प्रातः 10 से सांय 5 बजे तक आमजन के अवलोकन के लिए खुली रहेगी।
प्रदर्शनी के अवलोकन के पश्चात् संभागीय आयुक्त ने सभी को राजस्थान दिवस की बधाई दी और कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से राजस्थान की कला, संस्कृति एवं वैभव की झलक इस प्रदर्शनी में देखने को मिली है। उन्होंने आमजन से प्रदर्शनी का अवलोकन करने का आव्हान किया है जिससे युवा पीढ़ी राजस्थान की कला और संस्कृति से रूबरू हो सके।
जिला कलक्टर ने कहा कि फोटो प्रदर्शनी में राजस्थान की गौरवशाली परम्परा, ऐतिहासिक किले, प्रसिद्ध झीलें, तीज त्यौहार, दशहरा, मेले इत्यादि को प्रदर्शित कर सम्पूर्ण राजस्थान कला और संस्कृति को बखूबी रूप से प्रदर्शित किया गया है जो सराहनीय है। उद्घाटन से पूर्व हाड़ौती के लोक कलाकारों द्वारा राजस्थानी लोक गीतों पर कालबेलियां व कच्ची घोड़ी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी और अतिथियों का स्वागत किया।

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