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हरिद्वार में पांच दिवसीय 69 वां अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन एवं रुद्राभिषेक  आयोजित 

हरिद्वार। पावन नगरी हरिद्वार में आयोजित पांच दिवसीय 69 वां अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन एवं रुद्राभिषेक श्री पूर्णांनन्द आश्रम कनखल हरिद्वार में सम्पन्न हुआ। इस धार्मिक आयोजन का सुभारम्भ दीप प्रज्वलित करके महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी श्याम चौतन्यपुरी जी महाराज बृंदाबन और महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी विवेकानन्द गिरी जी महाराज हरिद्वार द्वारा किया गया। इस बर्ष इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के लगभग 450 धार्मिक अनुयाईओं ने भाग लिया।
इस रुद्राभिषेक आयोजन के बारे में बताते हुए आश्रम के मुखिया महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी गिरिधर गिरी जी महाराज ने बताया की हिन्दू धर्म की आध्यात्मिक विरासत महत्ता और इसके बारे में जनमानस को जानकारी देने के लिए आश्रम में अखिल भारतीय वेदांत सम्मेलन वर्ष 1954 से आयोजित किया जा रहा है लेकिन पिछले कुछ बरसों से यह महसूस किया जा रहा था की हिन्दू समाज को धार्मिक पद्धति, सांस्कृतिक धारा और रीती रिवाजों की कोई वैज्ञानिक या तर्कसंगत जानकारी नहीं है और उनके घरों में पण्डितों द्वारा करवाए गए यज्ञों/अनुष्ठानों आदि में पण्डितों द्वारा उचारे जा रहे मंत्रोच्चारण को अधिकतर हिन्दू परिवार के लोग नहीं समझ पाते जिसके अभाव में नई हिन्दू पीढ़ी हिन्दू ग्रंथों, वेदों, पुराणों आदि के बारे में अनभिज्ञ ही रहते हैं और अपने धर्म के मूल मूल्यों की ही जानकारी नहीं रखते।
उन्होंने बताया की समस्या के निदान के लिए आश्रम में वर्ष 2014 में आश्रम के प्रमुख महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज के पंच तत्वों में बिलीन होने के बाद आश्रम में यह निर्णय किया की उनकी यादगार में बार्षिक अखिल भारतीय बेदांत सम्मेलन के साथ ही रुद्राभिषेक भी आयोजित किया जाये। इस कड़ी में यह फैसला लिया गया की इस रुद्राभिषेक में जो भी मंत्रोच्चारण किया जाये उन सबका यजमानों को हिन्दी अनुबाद करके धार्मिक महत्व भी बताया जाये ताकि रुद्राभिषेक में भाग लेने बाले धर्म अनुरागी पूरी विधि, महत्व आदि को समझ सकें और इस तरह बह अपनी धार्मिक संस्कृति की गहन जानकारी रख सकें तथा इसके बारे में बाकि हिन्दू समाज को भी बता सकें। उन्होंने बताया की सभी हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं लेकिन नई पीढ़ी संस्कृत भाषा पढ़ती ही नहीं है जिसकी वजह से वह हिन्दू धार्मिक मान्यताओं से दूर होती जा रही है। उन्होंने बताया की पिछले दिनों बिहार के एक मन्त्री द्वारा राम चरित मानस पर अभद्र टिपणी भी उस मन्त्री की हिन्दू धर्म के प्रति नासमझ को दर्शाती है और ज्यादातर हिन्दू ऐसे मामलों में चुप रहते हैं क्योंकि उन्हें खुद ही ज्ञान नहीं होता जिसका कुछ तत्व नाजायज फायदा उठा रहे है और हिंदू धर्म के बारे में गलत प्रचार करके समाज को गुमराह कर रहे हैं तथा इन परिस्थितिओं का सामना करने के लिए आश्रम ने इस अभियान को चलाया है।
आश्रम के मुखिया महामण्डलेश्वर श्री 1008 स्वामी गिरिधर गिरी जी महाराज ने बताया की उनके अनुयायी उन्हें देश के बिभिन्न भागों में भागवत कथा के लिए आमन्त्रित करते हैं और बह यह सुनिश्चित करते हैं की इन सभी कथा आयोजनों में रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जाये जिसमे सभी यजमानों को संस्कृत में उच्चारण किये जा रहे मन्त्रों का हिंदी अनुबाद बताया जाता है और इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक रीतियों, अनुष्ठानों को सही तरीके से करने की बिधि भी बताई जाती है तथा इस बिधि के लाभ भी बताये जाते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती।
उन्होंने बताया की उनके आश्रम में कराये जा रहे रुद्राभिषेक का कोई खर्चा या फीस नहीं ली जाती है बल्कि श्रद्धालुओं को रहने ठहरने की व्यवस्था मुफ्त की जाती है। श्रद्धालु अपनी इच्छा से दान मात्र कर सकते हैं।

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