हलचल

ऐतिहासिक इमारतों का कायाकल्प के साथ शहर को हेरिटेज लुक

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
राजस्थान के कोटा नगर में विकास की एक नई इबारत लिखी जा रही है। बेहतर आधारभूत सुविधाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर से नूतन आयाम जोड़ते हुए पर्यटन मानचित्र पर लाने को संकल्पबद्ध नगरीय विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल एतिहसिक इमारतों का कायाकल्प कर शहर को हेरिटेज सिटी की पहचान दिलाने में रात – दिन एक किए हुए हैं। किए जा रहे कार्यों का सतत रूप से बार – बार मौके पर जा कर स्वयं देखना, प्रगति की जानकारी लेना, कार्यों में देरी पर संवेदक और अधिकारियों को फटकार लगाना और गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से कार्यों को पूरा करना सुनिश्चित करने के निर्देश देना उनकी कार्यशैली का प्रमुख हिस्सा हैं। विकास के कार्य तेजी से पूरे हो वेे प्रयत्नशील हैं।
रियासत काल के पुराने शहर के विशाल परकोटे के ऐतिहासिक दरवाजें, कॉलेज की नायाब हेरिटेज घड़ी सहित कई अन्य भवनों का कया कल्प करने के साथ – साथ शहर के प्रवेश विवेकानंद चैराहा परिक्षेत्र, कलेक्ट्री चैराहा परिक्षेत्र सहित कई अन्य चैराहों का विकास हेरिटेज लुक में किया जा रहा है। इन परिक्षे त्रों के व्यवसायिक एवं आवासीय भवनों को पूरी तरह हेरिटेज लुक दिया गया हैं।
इन सब कार्यों में हाड़ौती स्थापत्य शिल्प का वेभव नजर आने लगा हैं। इन कार्यों से कोटा शहर का एक नया रूप उभर कर सामने आ रहा है।
हाड़ौती के स्थापत्य शिल्प प्रयोग से कोटा पर्यटन के क्षेत्र में नए स्वरूप में उभरेगा वहीं आठ सौ करोड़ रुपए से चंबल नदी पर निर्माणाधीन चम्बल रिवर फ्रंट को वैश्विक स्तर पर आकर्षक और खूबसूरत बनाया जा रहा हैं। माना जा रहा है कि इसका कार्य पूर्ण होने पर यह दुनिया का सबसे खूबसूरत रिवर फ्रंट होगा। रिवर फ्रंट का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है और धरातल पर आकृतियां नजर आने लगी हैं। पर्यटन के क्षेत्र में यह कोटा का ही नहीं वरन राजस्थान का बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट है। मुख्य उद्देश्य है विश्व के पर्यटक कोटा को देखने आए। इसी ध्येय के चारों ओर विकास कार्य केंद्रित हैं। आठ साल पहले धारीवाल की पहल पर शहर के मध्य किशोर सागर तालाब के किनारे विकसित सेवन वंडर पार्क को अब तक करीब 18 लाख पर्यटक देख चुके हैं जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
राजकीय महाविद्यालय की ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार, सौन्दर्यकरण का कार्य के तहत इमारत के केमिकल वाश के साथ ग्रीन कारपेट ग्रास बेड बिछाकर गार्डन विकसित कर विविध सौंदर्यकरण कार्य कराए गए हैं।
वर्ष 1919-20 में निर्मित इमारत का वैभव लौट आया है।
किसी भी ऐतिहासिक शहर के परकोटे के दरवाजे उस शहर की शान होते हैं। इन्हें संजोए रखने की जिमेदरी भी धारीवाल बखूबी निभा रहे हैं। दरवाजों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यकरण इस प्रकार किया जा रहा है कि मूल रूप सुरक्षित रहे। इन्हें और अधिक आकर्षक एवं लुभावना बनाया जा रहा है।
पर्यटन नगर बनाने के साथ-साथ कोटा को पशु मुक्त बनाने, यातायात की दृष्टि से सुगम बनाने, उद्यानों को आकर्षक बनाने, ओक्सिजोन के रूप में एवं बैराज उद्यान की नई संकल्पनाएं उभरते नए कोटा की खास पहचान होंगे। साथ ही खेल,चिकित्सा,पेयजल,सड़क सुविधाओं आदि के विस्तार और विकास की कई परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है।
जब धारीवाल को पहले एक मौका मिया था उस समय भी विभिन्न सुविधाओं के विकास कार्यों के साथ पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर करीब 1800 करोड़ के कार्यों को मूर्त रूप प्रदान किया था। इस बार जन फिर से अवसर मिला है तो कोटा के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और करीब 3000 हजार करोड़ के कार्यों से कोटा की सूरत बदलने का संकल्प उनके मन में हैं। केबनेट मंत्री के रूप में दो कार्यकाल में किए गए विकास और सौंदर्यकरण के कार्य निश्चित ही बेमिसाल कहे जा सकते है,इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है। आज लोगों की जुबान पर धारीवाल के विकास कार्य मुंह चढ कर बोल रहे हैं।

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