हलचल

मानव अधिकार आयोग की टीम ने किया जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
राज्य मानव अधिकार आयोग के सचिव बीएल मीणा एवं रजिस्ट्रार ओमी पुरोहित ने सोमवार को जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण कर अधिकारियों की बैठक ली तथा गत् दिनों नवजातों शिशुओं की मौत के मामले में आयोग द्वारा लिये गये प्रसंज्ञान के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली।
आयोग की टीम ने जेके लोन अस्पताल पहुंचकर वार्डों का निरीक्षण किया, पीकु-नीकु वार्ड में नवजात शिशुओं के उपचार के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने वार्ड में उपकरणों के रखरखाव तथा शिशुओं को उपचार के दौरान अस्पताल स्टाफ अथवा परिजनों के द्वारा वार्डो में शिशुओं की देखभाल की व्यवस्था के लिए जानकारी दी। उन्होंने प्रत्येक वार्ड का निरीक्षण कर वर्तमान में भर्ती नवजात शिशुओं के बारे में फीडबैक लिया तथा अस्पताल प्रबन्धन द्वारा किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली।
आयोग की टीम ने गत् दिनों नवजात शिशुओं की मौत के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करने तथा जिला कलक्टर को मेडिकल बोर्ड बनाकर प्रत्येक मौत के कारणों का आकलन करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाये गये सुधारात्मक कदमों की क्रियान्विति समय पर हो। प्रत्येक चिकित्सक या नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी के समय यह भी सुनिश्चित किया जाये की उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं होनी चाहिए। समय-समय पर कोविड जांच कर यह भी सुनिश्चित किया जाये।
आयोग की टीम ने अस्पताल के विस्तार के लिए चल रहे विकास कार्यों तथा भविष्य में नवीनीकरण के प्रस्तावों एवं कार्यभार को देखते हुए नवजात शिशुओं के नीकु-पीकु वार्डो के विस्तार के बारे में बनाई गई कार्ययोजना की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नये विस्तार में मापदण्डों के अनुसार वार्डों में उपकरणों के रखरखाव एवं संसाधनों का समावेश भी करे। उन्होंने अस्पताल में परिजनों के द्वारा की जाने वाली शिकायतों के निस्तारण तथा चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ द्वारा प्रतिदिन वार्डो में भ्रमण के समय की कार्यवाही के बारे में जानकारी लेकर अबतक लिये गये निर्णयों की भी जानकारी ली।
आयोग की टीम द्वारा अस्पताल में भवन के बाहर की तरफ भी कचरे का नियमित उठाव तथा वार्डों की नियमित सफाई व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए। अस्पताल में उपकरणों की वर्तमान स्थिति एवं अनुपयोगी उपकरणों के निस्तारण की कार्यवाही को समय पर करने के निर्देश दिए। आयोग सचिव ने अन्य अस्पतालों का अध्ययन कर साफ-सफाई व्यवस्था एवं भवन मरम्मत के कार्य की निगरानी के लिये पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। रजिस्ट्रार ने अस्पताल में उपलब्ध उपकरणों का समुचित उपयोग करने एवं सुधारात्मक प्रस्ताव बनाकर समय पर निर्णय लेने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के समय आयोग की टीम को नीकु वार्डों में क्षमता से अधिक नवजात शिशु भर्ती पाये गये तथा पीकु वार्ड में 10 बैडों पर 8 शिशु व एक वेंटीलेटर पर पाया गया। अस्पताल में भर्ती शिशुओं के परिजनों से भी उन्होंने चर्चा की जिसमें सभी परिजनों ने अस्पताल व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उनके शिशुओं का इलाज के बाद स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा ने प्रत्येक वार्ड में भर्ती शिशुओं तथा विभिन्न जिलों से रैफर शिशुओं के कारण वर्कलोड व स्वीकृत स्टाफ के बारे जानकारी दी।

  • अधिकारियों की ली बैठक –

आयोग सचिव एवं रजिस्ट्रार द्वारा सीएडी सभागार में अधिकारियों की बैठक लेकर निरीक्षण व नवजात शिशुओं की मौत के कारणों के बारे में समीक्षा की। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा, जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़, पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना, एएसपी शहर प्रवीण जैन, ग्रामीण पारस जैन, उपखण्ड अधिकारी दीपक मित्तल, अधीक्षक जेके लोन डॉ. एससी दुलारा, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एएल बैरवा, सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर उपस्थित रहे।
जिला कलेक्टर ने बताया कि 70 करोड़ की लागत से अस्पताल में नवीन विस्तार का कार्य जारी है जो सितम्बर 2021 तक पूरा होने से पर्याप्त वार्ड एवं संसाधन उपलब्ध होंगे। प्राचार्य डॉ. सरदाना ने नये नीकु वार्ड के सामने भी नया वार्ड तैयार कर मापदण्डों के अनुसार वार्मर लगाने के बारे बताया। अधीक्षक डॉ. दुलारा ने अस्पताल में अनुपयोगी हो चुके 117 उपकरणों के निस्तारण की प्रक्रिया के बारे में तथा सफाई व्यवस्था में सुधार के लिये अपनाई जा रही प्रक्रिया के बारे में बताया। डॉ. बैरवा ने नवजात शिशुओं की मौत के कारणों के बारे में जानकारी दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *