हलचल

गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी दार्शनिक विचारणा पुस्तक प्रदर्शनी, संगोष्ठी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
युवाओं को महात्मा गांधी के विचारों से रुबरु कराने के उद्देश्य से राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय मे महात्मा गांधी की 150 वी जयंति पर “महात्मा गांधी दार्शनिक विचारणा पुस्तक प्रदर्शनी” का शुभारंभ नीरज कंसल अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी भाषा एवं पुस्तकालय विभाग राजस्थान जयपुर द्वारा किया गया।
इस अवसर पर “महात्मा गांधी का विज्ञान दर्शन” विषय पर आयोजितसंगोष्ठी में गांधी विचारक प्रोफेसर डॉ. आर.सी. गुप्ता ने मुख्य अतिथी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने विज्ञान के सर्वोदय स्वरूप को ही हमेशा स्वीकार किया था। उन्होने हमेशा विज्ञान के विध्वंशकारी और मुनाफाखोरी रुप का विरोध किया था। उनके ये विचार हमारे लिये सदैव प्रेरणादायक रहें हैं। इसी क्रम में विशिष्ठ अतिथि अजय सिंह (सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग कोटा) ने अपने विचार व्यक्त करते हुये आत्मनिर्भर भारत और आम जीवन मे मौलिक चिंतन पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये बिगुल कुमार जैन (सेवानिवृत उप मुख्य अभियंता तापीय परियोजना कोटा) ने अपने संबोधन में, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के मित्व्ययता, सादगी और समय की पाबंदी जैसे गुणों को अपनाने पर बल दिया।
महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन विषय पर निःबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे मुकेश कुमार गौर ने प्रथम स्थान, विशाल प्रजापति एवं तृतीय स्थान राजेन्द्र सिंह हाडा एवं अल्फिया शैंख ने प्राप्त किया। इसके निर्णायक प्रोफेसर डॉ आर.सी .गुप्ता, व्याख्याता विकास दिक्षित एवं पुष्पेन्द्र सिंह चन्द्रावत रहे। वही भाषण प्रतियोगिता जिसकी थीम – “वर्तमान दौर मे गांधी विचारों की प्रासंगिकता” मे प्रथम स्थान चन्द्रशेखर सिंह सिसोदिया ने हासिल किया वहीं द्वितीय योगेन्द्र सिंह तंवर एवं तृतीय स्थान सुश्री ब्रेन ने प्राप्त किया। इसके निर्णायक मण्डल मे अजय सिंह सहायक अभियंता , प्रोफेसर डॉ आर.सी .गुप्ता, व्याख्याता विकास दिक्षित एवं बिगुल कुमार जैन डीपुटी चीफ इंजीनीयर शामिल रहे।
डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव मण्डल पुस्तकालयाध्यक्ष ने बताया कि आज के युवाओं को गांधी जी के विचारों की बेहद आवश्यक्ता है महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक एवं अनुकरणीय है जितने अपने वक्त मे थे। गांधी का बचपन, उनके सामाजिक एवं राजनितिक विचार, सर्वोदय, सत्याग्रह, खादी ग्रामोधोग, महिला शिक्षा, अस्पृश्यता, स्वावलम्बन एवं अन्य सामाजिक चेतना के विषय आज के युवाओं के शोध एवं शिक्षण के प्रमुख क्षेत्र है। आज के युवा की सोच निरंकुश है और वह नही चाहते ऐसी परिस्थितियों मे गांधी जी के विचारों की सर्वाधिक जरुरत आज के युवाओं की है।
सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष शशि जैन ने बताया कि इस कार्नर पर महात्मा गांधी से जुडी करीब 110 पुस्तकें रखी गई है। इनमे मोहनदास करमचंद गांधी, ऐसे थे बापु, गांधी – जीवन और दर्शन, गांधी आख्यानमाला, अहिंसादूत महात्मा गांधी, मोहन से महात्मा, खोज गांधी भी, सत्याग्रह की संस्कृति, सत्य के प्रयोग, सत्याग्रह विचार और युद्ध नीति, गांधीगिरी, बापू की कारावास कहानी, कार्टुनो मे गांधी, सम्पूर्ण गांधी वांग्मय रू 64 खण्ड, गांधी – एज वी हेव नॉन हीम, दी अन- गांधीयन गांधी आदि किताबे पाठकों को पढने के लिये मिलेंगी।

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