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छः दिनों तक चलने वाले वसंत रंग उत्सव में नेपाली, बहु भाषीय एवं गैर शाब्दिक नाटकों का मंचन किया जाएगा

नई दिल्ली। चौथे वसंत रंग उत्सव का शुभारंभ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सिक्किम रंगमंच प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा रंगमंडल के साथ मिलकर किया गया। अब यह केन्द्र अपने विभिन्न किस्मों के नाटकों, आपसी बातचीत के सत्रों एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों द्वारा शहर में रंगमंच प्रेमियों को रसास्वादन करवाने के लिए तैयार है। इस समारोह का उद्घाटन समारोह दिनांक 30 अप्रैल, 2019 को श्रीराम सेंटर सभागार में सायं 6.00 बजे किया जाएगा जिसमें श्री विपिन कुमार द्वारा निर्देशित नाटक ‘हमी नई आफई आफ’ का प्रदर्षन किया जाएगा। इस वर्ष यह समारोह पूर्ववत् श्रृंखला की चैथी कड़ी है जिसका आयोजन पहली बार दिल्ली में किया जा रहा है।
इसके लिए की गई प्रेस काॅन्फ्रेंस को श्री सुरेष शर्मा, प्रभारी निदेशक (रानावि), श्री बिपिन कुमार, केन्द्र निदेशक, सिक्किम रंगमंच प्रशिक्षण केन्द्र (रानावि) और डॉ. अभिलाष पिल्लई, एसोसिएट प्रोफेसर एवम् केंद्र प्रभारी यरानाविद्ध द्वारा संबोधित किया गया। इन प्राधिकारियों ने समारोह के संबंध में और इस समारोह के यहाँ तक के सफर के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।

वसंत रंग उत्सव का सफर
वर्श 2016 में राष्ट्रीय नाट्î विद्यालय, सिक्किम रंगमंच प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा वसंत रंग उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें रंगमंडल ने अपने नाटकों को प्रदर्शित किया। इस बार यह उत्सव 5 से 6 दिवसों तक चलेगा। आरंभ में यह उत्सव गंगटोक और सिक्किम के अन्य चार जिलों में आयोजित किया गया था। वर्ष 2017 में रंगमंडल ने उŸार पूर्व के राज्यों जैसे त्रिपुरा, गुवाहाटी, तेजपुर, डिब्रूगढ़, कलिमपोंग में अपने नाटक प्रदर्शित किये।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, एस टी टी सी द्वारा पिछले वर्श दिसंबर – जनवरी माह में शीतकालीन उत्सव किया गया, इसलिए इसे शीतकालीन रंग उत्सव कहा गया। यद्यपि जब इस उत्सव का आयोजन मार्च से मई महीनों में किया जाता है तब इसे वसंत रंग उत्सव कहा जाता है। इस वर्ष रानावि, एस टी टी सी ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए पहली बार दिल्ली में होने वाले इस वसंत रंग उत्सव को 6 दिनों तक के लंबे समय तक करने का निर्णय लिया है। इस उत्सव में रंग-बिरंगी लोक परम्पराओं को रंगमंच के समकालीन रूप में ढालकर प्रस्तुत किया जाएगा।

सिक्किम रंगमंच प्रशिक्षण (रानावि), गंगटोक
सिक्किम रंगमंच प्रशिक्षण केन्द्र राश्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा वर्ष 2011 में दिल्ली से बाहर स्थापित किया गया पहला केन्द्र है जिसमें नाट्य कलाओं के एक वर्षीय आवासीय प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। रंगमंच के एक वर्शीय गहन प्रषिक्षण प्रदान करने वाला यह केन्द्र गंगटोक की हरी-भरी मनोरम वादी में बसा हुआ है।
पाठ्यक्रम का पहला फेज प्रतिभागियों के प्रषिक्षण एवं उन्हें रंगमंच के अनुरूप तैयार करने का होता है जिसमें योग, गति संचालन, मार्षल आट्र्स, वाक एवं संभाशण, संगीत, पाश्चात्य नाटक, शास्त्रीय एवं आधुनिक भारतीय नाटक एवं अभिनय की विभिन्न पद्धतियों का समावेश किया जाता है। दूसरे फेज का केन्द्र तकनीकी प्रशिक्षण, मंच परिकल्पना, प्रकाश व्यवस्था, रूपसज्जा एवं रंगमंच के अन्य पहलुओं को शामिल किया जाता है। तीसरे फेज में प्रतिभागियों को सिक्किम और भारत के अन्य स्थानों पर और उनके आसपास के स्थानों पर प्रोफेशनल दौरों की श्रृंखला का अनुभव करवाया जाता है जिससे कि उन्हें आपस में और अधिक सहज होने का भरपूर अवसर मिलता है और विभिन्न संस्कृतियों, लोगों और भू-भागों की जानकारी मिलती है।

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