पीएचडीसीसीआई ने कलाकारों, नर्तकियों, संगीतकारों, पेन्टर्स और मूर्तिकारों को सम्मानित किया
दिल्ली। पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने एक सांस्कृतिक संध्या – यूनिटी इन डायवर्सिटी (विविधता में एकता) का आयोजन किया। इसमें थिएटर कलाकारों समेत जाने-माने कलाकारों, नर्तकियों, संगीतकारों, पेन्टर्स और मूर्तिकारों को सम्मानित किया गया। इस संध्या के दौरान कत्थक गुरू (पद्मश्री से सम्मानित) शोवना नारायण का विशेष प्रदर्शन रहा। कलाकारों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान जाने-माने कत्थक उस्ताद, पंडित बिरजू महाराज जी (पद्म विभूषण विजेता) और जानी-मानी फिल्म, थिएटर व टीवी अभिनेत्री सुश्री सुषणा सेठ ने दिए। इस मौके पर पीएचडीसीसीआई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ. डीके अग्रवाल और उनके ठीक पहले के प्रेसिडेंट श्री अनिल खैतान, कला और संस्कृति समिति के चेयरमैन श्री संदीप मारवाह, पीएचडी फैमिली वेलफेयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन – सुश्री अनुराधा गोयल, को-चेयरमैन, टूरिज्म कमेटी, श्री किशोर काया और श्री राजन सहगल तथा प्रमुख डायरेक्टर, पीएचडीसीसीआई श्री योगेश श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
सम्मानित किए जाने वालों में गुरू डॉ. सरोजा वैद्यनाथन, गुरू डॉ. एस राजा राधा रेड्डी, गुरू आरके सिंहजीत सिंह, गुरू माध्वी मुद्गल, सुश्री प्रतिभा प्रहलाद, नृत्य के क्षेत्र में गुरू शैरॉन लोवेन और नृत्य आलोचक सुश्री लीला वेंकटरामन और श्री रवीन्द्र मिश्रा शामिल हैं। संगीत के क्षेत्र में जिन लोगों को सम्मानित किया गया वे हैं – पंडित राजन और साजन मिश्रा, पंडित लक्ष्मण कृष्णराव, उस्ताद इकबाल अहमद खान, पंडित विद्याधर व्यास, सुश्री मालिनी अवस्थी और सुश्री दीपमाला मोहन।
सम्मान सुश्री अपर्णा गौर, सुश्री अल्का रघुवंशी, श्री नरेश कपूरिया, श्री निरेन सेनगुप्ता, सुश्री श्रुति गुप्ता चंद्रा और श्री सुधीर वी फडनिस को भी उनके योगदान के लिए दिए गए जो कला, पेंटिंग और मूर्ति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिए गए। शिल्प और हस्तशिल्प के क्षेत्र में योगदान के लिए सुश्री लैला तैयबजी को सम्मानित किया गया।