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पंजाबी एन.आर.आई उद्योगपति दर्शन सिंह धालीवाल कृषि क्षेत्र में दस हज़ार करोड़ निवेश करेंगे

नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा इस बर्ष इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस पर व्यापार और समाजिक सेवा में अनुकरणीय योगदान के लिए के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान अवार्ड से नवाजे गए एन.आर.आई पंजाबी उद्योगपति दर्शन सिंह धालीवाल अमेरिका में सफल व्यवसाय के बाद अब भारत में कृषि क्षेत्र में निवेश की योजना बना रहे हैं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया की वह देश भर में किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृड़ करने के लिए विकसित देशों में अपनाई जा रही कृषि क्षेत्र में नबीनतम टेक्नोलॉजी के उपयोग तथा कृषि क्षेत्र में ढांचागत विकास, उन्नत बीज, पौधों आदि की मदद से कृषि व्यवसाय को लाभप्रद पेशा बनाएंगे।
श्री दर्शन सिंह धालीवाल ने बताया की शुरूआती दौर में पंजाब के कृषि क्षेत्र में निवेश करके पंजाब में नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि पंजाब के किसान आर्थिक रूप में सुदृढ़ बन सकें तथा कर्ज आदि से मुक्ति पा सकें।
सरदार दर्शन सिंह धालीवाल ने बताया की वह फ़िनलैंड टेक्नोलॉजी को लागु करके पंजाब में टमाटर, मटर, गोभी, गाजर सहित अन्य नकदी फसलों की लागत को कम करेंगे और ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक फसलों को ऊगा कर किसानों के मुनाफे को बढ़ाएंगे। एक प्रश्न के उत्तर में उद्योगपति दर्शन सिंह धालीवाल ने कहा की बह आगामी छह बर्षों में देश में लगभग दस हज़ार करोड़ रूपये कृषि क्षेत्र में निबेश करेंगे जिसमे आयतित टेक्नोलॉजी के इलावा प्रोसैसिंग प्लांट्स, कोल्ड चौन सहित विश्व की नवीतम ढांचागत सुविधायंे स्थापित की जाएँगी।
उन्होंने कहा की फ़िनलैंड में प्रयोग की जा रही ह्यड्रोफोनिक टेक्नोलॉजी के कार्यन्वन से किसानों की इनपुट लागत कम हो जाएगी क्योंकि उन्हें वर्तमान में प्रयोग की जा रही खाद के मुकाबले मात्र दस प्रतिशत खाद ही प्रयोग करनी पड़ेगी और सिंचाई के लिए भी वर्तमान में उपयोग किये जा रहे पानी की बजाय मात्र दस-पन्द्रह प्रतिशत पानी ही उपयोग करना पड़ेगा और इससे पैदा हुई फसल वर्तमान में उपजी फसल के मुकाबले में ज्यादा पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होगी क्योंकि इन फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए वर्तमान में उपयोग किये जा रहे महंगे केमिकल स्प्रे नहीं करने पड़ेंगे।
उन्होंने कहा की वह कृषि क्षेत्र में निवेश की शुरुआत वर्ष 2023 से पंजाब से कर देंगे और इसकी सफलता के बाद चरणबद्ध तरीके से देश की बाकी राज्यों में भी निवेश करेंगे। अमेरिका में रहने बाले दर्शन सिंह धालीवाल अमेरिकी विश्व विद्यालयों में पड़ने बाले भारतीय छात्रों की दिल खोल कर मदद करते हैं। उनका कहना है की अनेक भारतीय छात्र अमेरिकी विश्व विद्यालयों में प्रवेश तो ले लेते हैं लेकिन विदेशी भूमि पर फीस/खर्चे के बढ़ते बोझ को उठाने में अनेक दिक्क्तों का सामना करते हैं।
बह कहते हैं की वह ऐसे सभी छात्रों की मदद करना अपना फ़र्ज़ समझते हैं ताकि जरूरतमंद छात्र बिना किसी मानसिक दबाव के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें।
उन्होंने बताया की जरूरतमंद छात्र सीधे उनसे सम्पर्क करते हैं और वह भी सीधे उनकी मदद कर देते है तथा इसके लिए किसी भी अन्य प्रक्रिया अपनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा की वह इस समय पंजाब में भी व्यवसायिक डिग्री में पढ़ने वाले अनेक छात्रों की मदद करते हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया किस इस मद्द में उन्होंने कोई कोटा आदि तय नहीं किया हैं और उनकी नज़र में जो भी गरीब परिवार का होनहार छात्र उनसे सम्पर्क करता है वह उन सभी की मदद कर देते हैं।
किसान आन्दोलन के दौरान दिल्ली के हवाई अड्डे से वापिस अमेरिका लौटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उद्योगपति दर्शन सिंह धालीवाल का कहना है की हर घटना भगवान की मर्ज़ी स होती है और इसकेलिए उनके दिल में किसी के प्रति द्वेष या बुरी भावना नहीं है क्योंकि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी इस घटना पर उनसे खेद व्यक्त कर चुके हैं और इसे अब बंद इतिहास माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा की प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने सिखों के अनेक लम्बित मद्दों को सुलझाने के लिए सार्थक पहल की है और उनके सिख समुदाय के प्रति किये गए कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा की मुझे लगता है की उनके प्रयास काफी हैं।
वर्ष 1972 में पंजाब से अमेरिका गए धालीवाल आज अमेरिका के छह प्रान्तों में 1000 पेट्रोल और गैस स्टेशनों के मालिक हैं और उनकी गिनती अमेरिका के धनाढ्य और समृद्ध उद्योगपतियों में की जाती है। उनकी सालाना कमाई दो अरब डॉलर से ज्यादा है। तमिलनाडु में सुनामी के दौरान उन्होंने ट्रेन भर कर राशन, दवाईयां, कपडे और राहत सामग्री भेजी थी।

-डॉ. गिरधारी लाल महाजन
स्वतन्त्र पत्रकार

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