Wednesday, May 15, 2024
हलचल

डॉ. चन्द्रभानु सतपथी द्वारा रचित ग्रंथ ‘श्री गुरु भागवत’ के राजस्थानी संस्करण व संगीतबद्ध सीडी का हुआ लोकार्पण

नई दिल्ली। आध्यात्मिक विचारक डॉ. चन्द्रभानु सतपथी द्वारा रचित भक्ति प्रधान ग्रंथ ‘श्री गुरु भागवत’ की राजस्थानी भाषा में अनुवादित पुस्तक एवं संगीतबद्ध सीडी का लोकार्पण किया गया। राजस्थान कल्चरल फाउंडेशन की ओर से तथा सीबीएस कल्चरल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में ग्रंथ के मूल रचनाकार डॉ. चन्द्रभानु सतपथी स्वयं उपस्थित रहे। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त न्यायाधीश) कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। राजस्थान कल्चरल फाउंडेशन की ट्रस्टी सीमा (शालिनी) कठोतिया ने श्री गुरु भागवत का राजस्थानी भाषा में अनुवाद किया है।
राष्ट्रगान व द्वीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। राजस्थान कल्चरल फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी सुनील कठोतिया ने सभी का स्वागत किया और फाउंडेशन की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। राजस्थान कल्चरल फाउंडेशन तथा सीबीएस कल्चरल फाउंडेशन द्वारा साथ मिलकर किए जा रहे सामाजिक कार्यों पर आधारित शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई। आईएएस राजीव चंद्र जोशी ने श्री गुरु भागवत के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया। इसके बाद मुख्य अतिथि अरुण कुमार मिश्रा, डॉ. चन्द्रभानु सतपथी और पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट द्वारा श्री गुरु भागवत के राजस्थानी संस्करण एवं संगीतबद्ध सीडी का लोकार्पण किया गया।
डॉ. चन्द्रभानु सतपथी ने बताया कि श्री गुरु भागवत मूल रूप से उड़िया भाषा में काव्यात्मक नवाक्षरी छंद शैली में रचित ग्रंथ है। संपूर्ण गुरु तत्व पर आधारित इस ग्रंथ को उड़िया में आठ खंडों में लिखा गया है, जिसमें लगभग 34 हजार पंक्तियां हैं। इसमें गुरुकृशिष्य परंपरा से संबंधित विभिन्न पक्षों एवं आध्यात्म की अनेक अवधारणाओं को संयोजित किया गया है। इनमें गुरु के प्रकार, भेद, गुरु-शिष्य संपर्क, गुरु पूजन पद्धति, गुरु सेवा का महत्व तथा रामायण व महाभारत में निहित गुरु तत्व प्रमुख हैं। इसका अब तक 14 भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। लोकार्पण किए गए संगीतबद्ध संस्करण में मूल स्वर मामे खान का है।
इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया। इसमें पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत और पधारो म्हारे देस की सुमधुर प्रस्तुति दी गई। किंकिणी सांस्कृतिक संस्थान के स्टूडेंट्स की ओर से श्री गुरु भागवत संगीत की लाइव प्रस्तुति दी गई। इनके अलावा राजस्थान के प्रसिद्ध घूमर नृत्य एवं भवई नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। अंत में मनीष शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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