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पानी बचाओ पेड़ लगाओ जैसे संदेश को देकर दिल्ली के राजा का हुआ भूमिपूजन एवं ध्वज पूजन

नई दिल्ली। ‘‘दिल्ली के राजा” श्री गणपति महाराज के नाम से विश्व विख्यात श्री गणेश उत्सव के पावन पर्व पर भव्य आयोजन पिछले 21 साल से करते आ रहे हैं। गणेश चतुर्थी पूजा एवं शोभायात्रा के जरिए ‘पानी बचाओ पेड़ लगाओ’ आपसी भाईचारा बढ़ाने तथा स्वच्छता का संदेश दिया जाएगा। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह आयोजन श्री गायत्री नवयुवक मंडल (रजि.) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी के रमेश नगर, नई दिल्ली में 02 सितम्बर से 12 सितम्बर 2019 तक आयोजित किया जायेगा। आज समारोह के आयोजन स्थल पर भूमि पूजन, ध्वज पूजन एवं हवन किया गया। परम आदरणीय जगद्गुरु शकराचार्य ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज नें सभी को अपना आशीर्वाद दिया ।
पूर्व विधायक सुभाष सचदेवा, विधायक शिवचरण गोयल, निगम पार्षद श्रीमती वीना विरमानी, विधायक शिवचरण गोयल, समाज सेवक गुलशन विरमानी, वरेन्द्रर बब्बर, नेशनल अकाली दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा, रमेश आहुजा (मुख्य संरक्षक), राजकुमार खुराना, रमेश पोपली, अमृतवाणी सेवा ट्रस्ट के धर्मवीर आनंद, दिल्ली प्रदेश महिला माहेश्वरी संगठन की अध्यक्षा किरण लढा, गुलशन डींगरा, शेखर ग्रोवर, अरूण सहगल, राजकुमार भूटानी, मोतीनगर विकास मंच के सोनू सचदेवा, अजय गौतम, देवराज सेठी, श्रीमती दिव्या गोसांई, संदीप भारद्वाज, विमल भयाना, जग उठा भारत के संयोजक ललित कुमार सुमन, क्षेत्र के सभी गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। साथ ही आगामी कार्यक्रम की सफलता के लिए भगवान श्री गणेश से आर्शीवाद लिया।
दिल्ली के राजा आयोजन समिति के अध्यक्ष सरदार मनदीप सिंह ने बताया कि हमारा मकसद हमेशा धर्म के कार्यों के साथ-साथ समाज के कार्यों के साथ भी लोगों को जोड़ना है जिसमें लोगों में एक अच्छा संदेश जाए। दिल्ली के राजा आयोजन समिति के महामंत्री श्री राजन चड्ढा ने कहा, ’’धरती का श्रृंगार वृक्ष लगायें क्योंकि जिस तरह से लोग पोलूशन से जूझ रहे हैं आने वाला समय बच्चों और महिलाओं के साथ साथ हर इंसान को अपनी चपेट में ले लेगा।’’
उत्सव आयोजन समिति के सदस्य श्री हर्ष बंधू ने बताया कि “21 वर्षों से श्री गणेश उत्सव में गणेश जी की भक्ति से जुड़े सभी धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर आपसी भाई-चारे एवं श्रद्धा के साथ बड़ी धूम धाम से इस उत्सव को मनाते है”। दिल्ली का राजा आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष दीपक भारद्वाज ने कहा कि संस्था की ओर से जरूरतमंद लोगों की सहायता का भी आयोजन किया जाता है इस साल ‘‘दिल्ली के राजा” गणेष चतुर्थी का मुख्य उद्देश्य ष्पानी बचाओ पेड़ लगाओ जैसे मुख्य समस्या के ऊपर केंद्र किया गया है।
आयोजन समिति के उपाध्यक्ष सरदार सरबजीत सिंह ने कहा कि “इस आयोजन के जरिए समाज के सभी वर्ग के लोगों के बीच मेल मिलाप होगा और समाज में शांति तथा सदभाव कायम करने में मदद मिलेगी”। उत्सव समिति के उपाध्यक्ष श्री कमल पाहुजा ने बताया कि “इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारे एरिया की एक पहचान स्थापित हुई है आज ‘दिल्ली का राजा’ की दिल्ली में एक अलग सी पहचान बन चुकी है”।
इस कार्यक्रम के दौरान अनेक धर्म गुरुओं एवं संतों का पदार्पण होगा जिनमें मुख्य तौर पर श्री कामाख्या शक्ति पीठ के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 अनंत विभूषित जगतगुरु पंचानंद गिरी जी महाराज, प्रयागराज पीठ के शंकराचार्य ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज, विश्व विख्यात गुरुदेव जी डी वशिष्ठ जी एवं परम श्रद्धा श्री सच्चिदानंद जी महाराज के वचनों से कार्यक्रम का आयोजन आगे बढ़ाए गए इन सभी संतो व कर्मकांडी ब्राह्मण आचार्य मुरलीधर शर्मा जी एवं अन्य विद्वान आचार्य द्वारा पूजन यज्ञ सहस्त्रार्चन आरती एवं श्रृंगार, पूजा सम्पन्न हो गई।
कार्यक्रम में भजन संध्या के लिए विभिन्न शहरों से विश्व विख्यात भजन गायक प्रतिदिन भजन संध्या का कार्यक्रम करेंगे। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिविर भी आयोजित की जाएगी जिसमें जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क परामर्ष, चश्मे, दवाइयां एवं प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी।
धार्मिक सामाजिक संस्था ‘‘श्री गायत्री नवयुक मंडल (रजि)’’ पिछले 21 वर्षों से ब्लॉक 8, रमेश नगर, नई दिल्ली में श्री गणेश चतुर्थी का आयोजन ‘‘दिल्ली के राजा” के नाम से करती आ रही है। साल दर साल बढ़ते-बढ़ते यह कार्यक्रम एक विशाल आयोजन का रुप ले चुका है। इस कार्यक्रम के तहत गणेश चतुर्थी के दौरान प्रतिदिन पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान श्रीमद् भागवत कथा, रुद्राभिषेक एवं विश्व विख्यात गायकों द्वारा भजन संध्या आयोजित की जाती है। इस कार्यक्रम में पूरे हिंदुस्तान से संत-महंतो का पदार्पण होता है।
गणपति जी की विशाल प्रतिमा हर वर्ष मुंबई से लाई जाती है और बड़े ही प्रेम भाव से 10-12 दिन तक उनका श्रृंगार किया जाता है एवं श्री गणेश चतुर्थी के दिन एक भव्य शोभा यात्रा नगर भ्रमण करते हुए गणेश जी महाराज को उत्सव स्थल पर लाकर उनका आवाहन किया जाता है एवं स्थापना की जाती है जो कि विद्वान आचार्यों द्वारा संपन्न कराई जाती है। बड़े ही हर्षोल्लास प्रेम और भाई चारे के बीच इस कार्यक्रम में हिंदू, सिख एवं मुसलमान भाइयों का भी सहयोग रहता है।

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