हलचल

सभी राजकीय विद्यालयों में प्रहरी क्लबों का हो शीघ्र गठन : जिला कलेक्टर

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
एक युद्ध नशे के विरूद्ध तथा जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक शुक्रवार को जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित की अध्यक्षता में मिनी सचिवालय के सभागार में आयोजित हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में प्रहरी क्लबों का शीघ्र गठन किया जाए तथा जिन विद्यालयों में गठन हो चुका है उनमें प्रहरी क्लब की प्रति माह बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा तम्बाकू का उपयोग पूर्णतः बन्द कर दिया गया है उन्हें तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान घोषित किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक राजकीय विद्यालय में तम्बाकू निषेध क्षेत्र एवं तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के बैनर लगवाए जाने के निर्देश प्रदान किए।
जिला कलक्टर ने सभी विद्यालयों के परिसरों के भीतर एवं बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश प्रदान किए जिससे विद्यालय परिसर में तम्बाकू का सेवन करने वालों पर निगरानी रखी जा सके। जिला कलक्टर ने जिला औषधि नियंत्रक को जिले के सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने तथा उनकी निगरानी करने के निर्देश प्रदान किए।
जिला कलक्टर ने आबकारी विभाग के अधिकारी को विद्यालयों के आसपास 100 मीटर के दायरे में मदिरा/शराब की दुकान न हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के मादक पदार्थ बेचने व खरीदने की सूचना प्रदान करने के लिए टोल फ्री नम्बर एवं आबकारी विभाग के दूरभाष नम्बर प्रत्येक मदिरा की दुकान पर लिखवाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कोटपा एक्ट के तहत तम्बाकू सेवन करने वालों के चालान काटने की कार्यवाही करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारी को प्रदान किए।
जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक में जिला कलेक्टर ने आगामी आखा तीज के अवसर पर होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम हेतु सभी विभागों के अधिकारियों को तत्पर रहने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि राजकीय विद्यालयों में जागरूकता शिविर आयोजित कर छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाए कि उनके आसपास बाल विवाह की कोई भी सूचना मिलने पर तुरंत वे अपने विद्यालय के अध्यापकों को सूचित करें ताकि समय रहते बाल विवाह को रोका जा सके। सूचना देने वाले छात्र या छात्रा की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। जिला कलक्टर ने एनजीओ के प्रतिनिधियों से कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार करें तथा इसके दुष्परिणामों की जानकारी से भी ग्रामीणों को अवगत कराएं।
जिला कलक्टर ने पंचायत समितियों एवं ग्राम पंचायतों में गठित बाल संरक्षण समितियों की नियमित बैठक आयोजित करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को प्रदान किए। इस दौरान जिला कलक्टर ने अस्पताल परिसर में लगे पालना गृह, बाल लैंगिक हिंसा के विरूद्ध एवं विद्यालयों में 1098 की जानकारी की जनजागरूकता गतिविधियों की रूपरेखा, बाल श्रम, पोक्सो अधिनियम 2012 तथा पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना से संबंधित प्रगति एवं प्रकरणों की समीक्षा की।
इस दौरान जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीनिधि बी.टी., अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक महेश चन्द गुप्ता, सामजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक गौरीशंकर मीना, जिला बाल सरंक्षण इकाई बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक श्रद्धा गौतम, नगर परिषद् सहायक अभियंता पुरषोत्तम, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक हरिशंकर शर्मा, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लेखराज मालव, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शिवराज सिंह हाड़ा, सदस्य डॉ. राजेश खंगारोत, पूर्णिमा सिकरवार, बबली मीणा, गजेन्द्र कुमार सेन, पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक प्रभुलाल एरवाल, एनजीओ संचालक उदयभान सिंह, प्रतिमा चौहान, अनन्त शर्मा, आदि उपस्थित रहे।

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