हलचल

खिल उठे खातेदारों के चेहरे क्योंकि 30 साल बाद सहमति से हुआ बंटवारा

-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत केशवरायपाटन उपखण्ड के बालोद गांव में आयोजित शिविर में 30 बाद आपसी सहमति से बंटवारा होने के बाद जमीन के खातेदारों के चेहरे खिल उठे। शिविर में 30 साल पुराने बंटवारे के प्रकरण का निस्तारण कर खातेदारों को राहत दी गई।
शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी केशोवरायपाटन ने बताया कि भंवर सिंह, शंभू सिंह, जसवंत सिंह, डूंगर सिंह, बृजराज सिंह व छोटू सिंह के पिता रघुनाथ सिंह के पिता का वर्ष 1990 में देहान्त होने के उपरांत सभी भाई मौके पर बंटवारा करके काश्तकारी का कार्य कर रहे थे। राजस्व रिकार्ड में सभी भाइयों का नाम सहखातेदारों के रूप में दर्ज था। जिस कारण से सभी को सरकारी सुविधाओं, कृषि ऋण आदि प्राप्त करने में असुविधा होती थी तथा उनके बीच मनमुटाव का कारण बन रहा था।
सभी भाई जिनमें से एक भाई जिनका देहान्त हो जाने के कारण उनके वारिसानों ने आपस में मिल बैठकर प्रशासन के द्वारा समझाईश करने से सहमत होकर आपसी सहमति से ग्राम जगदरी पटवार मण्डल बालोद में दर्ज कुल भूमि 10.20 हैक्टेयर का मौके अनुसार राजस्व रिकार्ड में आपसी बंटवारा कराने हेतु सहमत हो गए। इस पर शिविर प्रभारी के निर्देशन में तहसीलदार केशोरायपाटन ने आदेश पारित किया। बंटवारे का आदेश होने के पश्चात् खातेदार भंवर सिंह, शंभू सिंह, जसवंत सिंह, डुंगर सिंह, बृजराज सिंह, छोटू सिंह पिता रघुनाथ सिंह व लोकेन्द्र सिंह आत्मज नारायण सिंह, नेहा आत्मज नारायण सिंह एवं माधवी पत्नी नारायण सिंह जाति राजपूत निवासीयान जगदरी के चेहरे खिल गए।

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