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आरएसएस की ताकत अब होगी दोगुनी : सुनिल आंबेकर

-रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू। राजस्थान के झुंझुनू स्थित खेमी शक्ति मंदिर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आज समापन हुआ। तीन दिन तक इस बैठक में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भावगत ने देश के 45 प्रांतों से आए प्रांत प्रचारकों और सह प्रांत प्रचारकों से वर्षभर की गतिविधियों की समीक्षा की और आगामी कार्यक्रम को लेकर भी विचार विमर्श किया। संघ के 2025 में आने वाले शताब्दी वर्ष को लेकर मुख्य रूप से चर्चा की गई। साथ ही संकल्प दोहराया गया कि 2024 में आरएसएस की शाखाओं की संख्या लगभग दोगुनी करनी है। फिलहाल देश में 56 हजार शाखाएं संचालित की जा रही है। जिसे एक लाख करना है। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक की बैठक में आजादी के 75 साल पर भी चर्चा हुई।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनिल आंबेकर ने प्रेस वार्ता में बताया कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे हो रहे है। आरएसएस पूर्व से ही आजादी 75 वर्ष कार्यक्रम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में चर्चा की गई है कि स्वाधीनता आंदोलन के मुख्य बिंदू स्व से जुड़े हुए थे। चाहे बात स्वभाषा की हो या फिर स्वदेशी या फिर स्वतंत्रता या स्वाधीनता। इसी स्व को आगे बढाते हुए आरएसएस स्वावलंबी जैसी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि आजादी के आंदोलन के ऐसे अनसीन हीरो को आगे लाने का काम चल रहा है। जिन्होंने आजादी में अपनी महत्ती भूमिका तो अदा की। लेकिन आज तक उन्हें कोई जानता नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकारों और विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर स्वयंसेवक इस खुशी के पल को और आगे बढ़ाने का काम कर रहे है।
आम्बेकर ने बताया कि आरएसएस द्वारा स्वावलंबी भारत अभियान शुरू किया गया है। समीक्षा के दौरान अच्छी चीजें सामने आई है। अब तक इस अभियान के तहत विभिन्न प्रांतों में 45 प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया जा चुका है। जिसके तहत 4000 युवाओं ने संकल्प लिया है कि वे स्वावलंबी भारत अभियान को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि आरएसएस का मानना है कि स्वरोजगार से ही देश आगे बढ़ सकती है। वहीं आर्थिक समृद्धि हर व्यक्ति तक पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में अब तक 22 संगठन जुड़े है और 200 से अधिक उद्योग इकाई भी जुड़ी है। जो युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा इन संगठनों ने तय किया है कि 15 जुलाई अंतरराष्ट्रीय कौशल दिवस से लेकर 21 अगस्त एंट्रोप्रेयर डे तक पूरे देश में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन कर युवाओं को इस अभियान में जोड़ेंगे। जिसमें स्वयंसेवक अपना समर्थन देेंगे। जरूरत पड़ने पर सहयोग भी करेंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह ना केवल आरएसएस व्यक्ति निर्माण और शाखा कार्य, बल्कि समाज के लिए उपयोगी और आवश्यक कार्य में भी अपना सहयोग देगा।
उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर भी चर्चा हुई है। 2025 संघ का शताब्दी वर्ष है। इस वर्ष संघ कार्य को 100 साल पूरे हो रहे है। इसके लिए पहले भी व्यापक कार्य विस्तार योजना बनाई गई थी। जिस पर काम चल रहा है। 2021 में जो योजना बनाई थी। वो तीन साल की थी। कार्य विस्तार को लेकर एक साल के कार्यों की समीक्षा प्रांत प्रचारक बैठक में की गई है। जिसमें तय किया गया कि संघ 2024 तक, यानि कि आगामी दो साल में अपनी शाखाओं की संख्या एक लाख करेगा। 2021 में जब यह संकल्प लिया गया था। तब 55 हजार शाखााओं की संख्या थी। अब फिलहाल 56 हजार से अधिक शाखाएं संचालित है। लेकिन दो साल में इसमें लगभग दोगुनी संख्या हो जाएगी। इसके लिए प्रांत, जिला और मंडल स्तर पर जिस तरीके से विस्तार योजना पर काम करना है। उस पर चर्चा की गई।
प्रेस वार्ता में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए सुनिल आंबेकर ने काली फिल्म और उदयपुर मामले में भी संघ का पक्ष रखा। उन्होंने काली फिल्म को लेकर पूछे गए सवाल पर बोलते हुए कहा कि क्रिएटिव फ्रीडम भारत की परंपरा है। बहुत लंबी परंपरा है। लेकिन इस फ्रीडम का उपयोग करते हुए हर व्यक्ति को दूसरों की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए कि कहीं पर दूसरों की भावना आहत नहीं हो रही है और ना ही किसी दूसरे के भावना का अनादर हो रहा है। साथ ही उन्होंने उदयपुर में हुई नृशंस हत्या की निंदा की और कहा कि इस मामले की जितनी भर्त्सना की जाए। उतनी कम है। हमारे देश में लोकतंत्र है। संवैधानिक लोकतंत्र अधिकार है। किसी को कोई बात पसंद नहीं है तो अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए लोकतांत्रिक मार्ग है। जिस तरह से हिंदू समाज शांति और संवैधानिक तरीके से प्रतिक्रिया भी दे रहा है और आक्रोश भी जता रहा। इसी तरीके से मुस्लिम समाज को भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध जनों को आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए। हालांकि कुछ विरोध भी रहे है। लेकिन इस तरह की बातें निषेध होनी चाहिए। यह ना तो समाज के लिए और ना ही देश के लिए ठीक है। साथ ही उन्होंने धमकियों के साथ भय पैदा करने वाले माहौल की भी कड़े शब्दों में निंदा की है।
इस तीन दिन की महत्वपूर्ण बैठक के आरंभ में आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने शक्ति के दर्शन और शिव का अभिषेक किया था। उसी शक्ति को बढाने का संकल्प इस प्रांत प्रचारक की बैठक में निर्णय लिया है। संघ जिस शक्ति के साथ वर्तमान समय में काम कर रहा है। अब दो सालों में संघ की शक्ति दोगुनी होने वाली है। इसके अलावा देश में जो युवाओं की बेरोजगारी को लेकर माहौल बना रहा है। उसे दूर करने और युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के लिए भी संघ अब धरातल पर काम कर प्रत्यक्ष रूप से अपनी महत्ती भूमिका अदा करने वाला है। इस प्रेस वार्ता में सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, आलोक तथा प्रांत प्रचार प्रमुख मनोज कुमार आदि मौजूद थे।

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