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भारतीय इतिहास और संस्कृति अध्ययन हेतु अनूठी पहल

नई दिल्ली। भारतीय भारतीय ज्ञानप्रणाली पर आधारित डिजिटल क्रांति ‘शोध भारत का! बातें भारत की’ के अंतर्गत कोई भी अब भारतीय ज्ञान संपदा अर्जित कर सकता है। दरअसल पुणे की संस्था भीष्म इंडिक्स ने भारतीय ज्ञानप्रणाली और भारतीय अध्ययन में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की घोषणा की है जो 2 अगस्त, 2021से शुरू हो रहा है जो की संस्था का छठा संस्करण है। भीष्म स्कुल ऑफ इंडिक स्टडीज यह भीष्म इंडिक फाउंडेशन द्वारा चलाने जाने वाला एक उपक्रम है।
‘आगामी भविष्य हेतु प्राचीन भारतीय ज्ञान’ को संवर्धित एवं संयोजित करने, भारत के युवाओं में जिज्ञासा पैदा करने तथा भारतीय ज्ञान प्रणाली और भारतीय अध्ययन के लिए बौद्धिक योद्धा बनाने में मदद के उद्देश्य से भीष्म इंडिक्स ने ये जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की है जिसमे राजीव मल्होत्रा (यूएसए), डॉ. विजय भटकर, स्वामी गोविंददेव गिरि, डॉ. रवींद्र कुलकर्णी (न्यू यॉर्क), डॉ. मिलिंद साठे (ऑस्ट्रेलिया) जैसे वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भीष्म इंडिक्स की मेंटर सूची में हैं। भीष्म संगठन पिछले ४० वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहा है
भीष्म इंडिक्स के संस्थापक-निर्देशक प्रा. क्षितिज पाटुकलेजी ने बताया की प्राचीन भारतीय ज्ञानप्रणाली अब केवल समाज के विद्वानों और अभिजन-वर्ग तक ही सीमित नहीं रहेगी। इस पहल ने सभी के लिए प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रवाह खोल दिए हैं। भीष्म इंडिक्स के भारतीय ज्ञानप्रणाली शुरू किए ऑनलाइन पाठ्यक्रम आईएसीडीएससी  (IACDSC) परिषद (यूएसए) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
वर्तमान में सात पाठ्यक्रम अभी उपलब्ध हैं, जो क्रमशः पुराणों का अध्ययन, वेद, वेदांग और दर्शन का अध्ययन, प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला, उपनिषद का अध्ययन, हिंदू मंदिरों और देवताओं का अध्ययन, प्राचीन भारतीय संस्कृतियां और परंपराएं एवं भगवद गीता का अध्ययन है।

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