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यूआरओ का लाल किले से ऐलान, विश्व विज्ञान में भारत को 5 साल में महागुरु बनाएंगे

नई दिल्ली। यूनिवर्स रिफॉर्म ऑर्गनाइजेशन ने बुधवार को लाल किले के 15 अगस्त पार्क से देश को अगले पांच सालों में विश्व विज्ञान महागुरु बनने की घोषणा की है। यूनिवर्स लॉर्ड ऑफ साइंटिस्ट (यूआरओ) के सहसंस्थापक और चेयरमैन सुंदर सिंह राठी ने इसके लिए मिशन तय किया है। राठी ने बुधवार को कहा कि इस मिशन के तहत अगले पांच वर्षों में ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषित पर्यावरण, बाढ़ की समस्या और पानी का किल्लत का हल निकलना वैज्ञानिक दुनिया की चमत्कारी घटना होगी।
गौरतलब है कि यूनिवर्स रिफॉर्म ऑर्गनाइजेशन मानव समाज को बचाने के लिए बौद्धिक वर्ग की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो जागृति सेवा समिति, विश्व पर्यावरण विज्ञान प्रतिष्ठान और बौद्ध मानवाधिकार अधिवक्ता संगठन के सहयोग से यह पहल कर रही है। यह संस्था सभी मनुष्यों के मूलभूत अधिकारों जैसे पीने के लिए शुद्ध जल, सांस लेने के लिए शुद्ध और ताजी हवा, पोषक आहार और मनुष्यों के रहने के लिए कुदरती वातावरण के जन्म के साथ मिले अधिकार को दोबारा दिलाने की वकालत कर रही है
यूनिवर्सल लॉर्ड ऑफ साइंटिस्ट यूआरओ के सहसंस्थापक और चेयरमैन सुंदर सिंह राठी ने कहा, “इंसान को सांस लेने के लिए प्रदूषण मुक्त ताजी हवा, शुद्ध पीने का पानी, भरपेट पौष्टिक भोजन प्राकृतिक तत्वों से ही हासिल होता है। पिछले कुछ सालों से यह प्राकृतिक व्यवस्था हमारी अज्ञानता और गलतियों के कारण नष्ट-भ्रष्ट हो गई है।“ उन्होंने कहा कि संस्था ने महाविज्ञान की मदद से 5 वर्षों में इस व्यवस्था को फिर से चुस्त-दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया है। सभी वैज्ञानिकों को इस मिशन में सहयोग देना चाहिए। जरूरत से ज्यादा प्राकृतिक दोहन से ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, भंडारण, जल समस्या और खाद्य समस्या आदि समस्याएं सिर उठा रही हैं।
यूआरओ के संहसंस्थापक और चेयरमैन ने कहा, “महाविज्ञान से हर इंसान की जीवनशैली में सुधार आएगा। पराली को वैज्ञानिक विधि से जलाकर प्रदूषण से मुक्ति पाई जा सकती है। बारिश के मौसम में पानी का भंडारण देकर हम मानव जाति को जल के संकट से मुक्ति दिला सकते है। प्राकृतिक जल का बड़ी-बड़ी टंकियों में भंडारण कर मानव समुदाय को पीने के पानी के संकट से मुक्ति दिलाई जा सकती है। भूगर्भ जल का आवश्यकता से अधिक दोहन न कर हम पेड़-पौधे और वनस्पति को नया जीवन दे सकते हैं। बेहद कम लागत से पनबिजली के उत्पादन को बढ़ावा देकर हम उद्योगों और चिमनियों से निकले धुएं से लोगों को राहत दिला सकते है।
वरिष्ठ पत्रकार, सदस्य, प्रेस क्लब आफ इंडिया शैलेश तिवारी ने बताया कि आज के दौर की सबसे ज्यादा आवश्यकता स्वच्छ हवा और स्वच्छ जल है और इस महामारी के बीच वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी जी का लाल किले के ऐतिहासिक मैदान से दिया गया संदेश निश्चित तौर पर मानवता के ऊपर एक उपकार रहेगा ।
राठी ने कहा, “संपूर्ण मानव जाति को विज्ञान की मदद से मूलभूत समस्याओं जैसे ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, पानी की कमी और भुखमरी से मुक्ति दिलाना यूनिफॉर्म रिफॉर्म ऑर्गनाइजेशन (यूआरओ) का मिशन है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए यूआरओ की स्थापना की गई। प्रदूषण मुक्त माहौल लोगों को प्रदान कर ग्लोबल वार्मिंग से मुक्ति प्रदान की जा सकती है। किसानों को 100 फीसदी सिंचाई की सुविधाओं के साथ उच्च कोटि के फर्टिलाइजर प्रदान किए जा सकते हैं।प्रदूषण मुक्त पावर जेनरेशन सिस्टम अपना कर पावर और एनर्जी की मांग पूरी की जा सकती है।“
यूआरओ के सदस्य सचिव सरोजा साहू ने कहा, “यूआरओ की मूल सैद्धांतिक विचारधारा मानव समाज को जन्म के साथ मिले अधिकार दोबारा दिलाने की है। यह अधिकार हमें दुनिया के खबसूरत गृह पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व को कायम रखने के लिए प्रकृति की ओर से दिए थे, लेकिन हमारी गलतियों के साथ आज कुदरत का स्वरूप बिगड़ गया है, जिससे मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा है। आइए हम सब मिलकर कुदरत के साथ इंसाफ करें और महाविज्ञान से मानव जाति का कल्याण करें।“
भूपेंद्र रावत, सोशल एक्टिविस्ट ने कहा ‘पूरे ब्रह्मांड में ये ग्रह है जहा जल है, ये प्रकृति हमे 3 मौसम देती जिसमे एक ने पानी देता है, हमे पानी का भंडार वैज्ञानिक तरीके से कर देश में पानी को बचा कर देश को देने का काम करना हैं’
इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार रखे। माननीय वैज्ञानिक महोदय ने जलविज्ञान पर आधारित सवालों का जवाब भी दिया। यूआरओ की ओर से मानव जाति के कल्याण की कामना के साथ अगले पांच साल में विश्व महागुरु बनाने और सभी समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रयास करने की घोषणा की गई।

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