कैसा हो गर्भवती महिलाओं का डाइट प्लान ?
गर्भावस्था के दौरान किसी महिला का शरीर कईं शारीरिक और हाॅर्मोनल परिवर्तनों से गुज़रता है, इस दौरान आप अपने शरीर को जिस तरह से पोषण देंगी, वो आपको और आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। आपको गर्भावस्था के दौरान हर दिन पोषक और संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। जो भोजन आप खाती हैं, वही आपके बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत है, उचित पोषण आपके बच्चे के उचित विकास में सहायता करता है। गुरु ग्राम स्थित वेल वुमेन क्लीनिक के निदेशक कंसलेंट ऑब्स्टट्रिशन एंड गाइनोकोलोजिस्ट डा.नुपुर गुप्ता का कहना है कि गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में आपको कैलोरी इनटेक बढ़ाने की ज़रूरत नहीं है। आपको केवल इतना करना है कि जंक और हैवी फूड के बजाय संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करना है।गर्भावस्था के दौरान किसी महिला का शरीर कईं शारीरिक और हाॅर्मोनल परिवर्तनों से गुज़रता है, इस दौरान आप अपने शरीर को जिस तरह से पोषण देंगी, वो आपको और आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। आपको गर्भावस्था के दौरान हर दिन पोषक और संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। जो भोजन आप खाती हैं, वही आपके बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत है, उचित पोषण आपके बच्चे के उचित विकास में सहायता करता है। डाॅ.नुपुर गुप्ता का कहना है कि गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में आपको कैलोरी इनटेक बढ़ाने की ज़रूरत नहीं है। आपको केवल इतना करना है कि जंक और हैवी फूड के बजाय संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करना है।
पहले तीन महीने कैसी हो डाइट ?
गर्भावस्था में पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है। आपको ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा के साथ ही विटामिन्स और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होना चाहिए।
क्या खाएं?
साबुत अनाज – ये उर्जा के अच्छे स्त्रोत हैं।
फल और सब्जियां – ये एंटी ऑक्सीडेंट्स, फाइबर, मिनरल्स और विटामिनों से भरपूर होती हैं।
मांस, सुखे मेवे और फलियां – ये आपके शरीर को प्रोटीन, फोलेट और आयरन उपलब्ध कराते हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स – ये कैल्शियम और विटामिन डी के अच्छे स्त्रोत हैं। बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए फॉलिक एसिड बहुत जरूरी है, इसके लिए लिवर, सुखे मेवे, अंडे, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें, लेकिन खाद्य पदार्थों से इसकी पूर्ति नहीं होती इसलिए इसके सप्लीमेंट्स भी लें। इसकी कमी से बच्चे में जन्मजात विकृतियां होने की आशंका बढ़ जाती है।
कैसे खाएं?
डाॅ. का कहना है कि पहले तीन महीनों में अक्सर महिलाओं को जी मचलाने की समस्या हो जाती है, इसलिए सुबह उठने के बाद कार्बोहाइड्रेट युक्त कोई फूड खा लें जैसे सूजी टोस्ट, होल ग्रेन बिस्किट या ब्रेड स्लाइस, पांच बादाम, सेब आदि। हर 2-3 घंटे में कुछ खाती रहें, इससे एसिडिटी भी कम होगी और जी भी नहीं मचलाएगा। इस दौरान भूख कम लगती है, अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो सॉलिड फूड की बजाय लिक्विड फूड खा लें जैसे सूप, दूध, लस्सी आदि। कैफीन (चाय या कॉफी एक दिन में एक कप से अधिक नहीं) का सेवन कम करें।
दूसरे तीन महीनों में (13-24 सप्ताह)
कितनी कैलोरी चाहिए?
सामान्य से 300-350 कैलोरी अधिक।
कैसी हो डाइट?
इस दौरान 3-4 किलो वजन बढ़ता है, क्योंकि बच्चे का शरीर विकसित होने लगता है। ऐसे भोजन का सेवन करें जिसमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में हों।
क्या खाएं?
प्रोटीन – अंडे, मांस, चिकन, दाले, फलियां और डेयरी उत्पाद।
कार्बोहाइड्रेट – साबुत अनाज, हेल ग्रेन ब्रेड।
आयरन – खट्टे फल, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, सुखे मेवे, मांस, अनाज।
कैल्शियम – दूध, दही, अंडे, टोफु पनीर, पत्तागोभी।
कैसे खाएं?
बढ़ी हुई कैलोरी की पूर्ति जंक फूड से नहीं बल्कि ऐसे भोजन से करें जिसमें कैल्शियम, फॉलेट और आयरन अधिक मात्रा में हों। वसा रहित या कम वसा वाले दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन करें। अंकुरित अनाज को कच्चा नहीं उबालकर खाएं, नियमित अंतराल पर कुछ खाएं ताकि शरीर में उर्जा का स्तर बना रहे, शरीर में पानी की कमी न हो, रोज 8-10 गिलास पानी पिएं।
अंतिम तीन महीनों में (25-प्रसव तक) :
कितनी कैलोरी चाहिए – सामान्य से 300-350 कैलोरी अधिक।
कैसी हो डाइट ?
डाॅ. के अनुसार यह गर्भावस्था का अंतिम चरण है। इस दौरान महिलाओं का वजन 4-6 किलो तक बढ़ जाता है। बच्चे का विकास ठीक तरह से हो, इसके लिए उचित मात्रा में प्रोटीन का सेवन जरूरी है। बच्चे के लगातार विकास के लिए ब्लड का सप्लाय आवश्यक है, जिसके लिए आयरन से भरपूर भोजन का सेवन किया जाए। आयरन, जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने और समयपूर्व प्रसव को रोकने में भी सहायता करता है, इसके अलावा ऐसे खाद्य पदार्थों को भी अपने डाइट चार्ट में शामिल करें जिनमें कैल्शियम और आमेगा 3 उचित मात्रा में हो, इनके अलावा विटामिन के (प्रसव और स्तनपान के लिए आवश्यक) और जिंक (एंजाइम्स और इंसुलिन के स्त्रावण में सहायक) का सेवन भी अधिक मात्रा में करें।
क्या खाएं?
प्रोटीन के लिए चिकन, मांस, फलियां और दालें खाएं। रोज एक अंडा जरूर खाएं, अंडे में सेलेनियम, जिंक, विटामिन ए, बी काम्प्लेक्स और डी अच्छी मात्रा में होता है जो गर्भावस्था के दौरान जरूरी है। मौसमी फल और सब्जियां खाएं, इनसे आपको जरूरी मिनरल्स, विटामिन्स और फाइबर मिल जाएंगे। आयरन और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का भी सेवन करें।
कैसे खाएं?
अगर आप मांसाहारी हैं तो सप्ताह में एक बार मांसाहार का सेवन जरूर करें। लेकिन एक बात ध्यान रखें, इन्हें अच्छी तरह पकाकर खाएं, अधपका न खाएं। अंडे को तलने के बजाय उबालकर खाएं, इससे पोषक तत्व भी नष्ट नहीं होंगे और अनावश्यक रूप से कैलोरी का इनटैक भी नहीं बढ़ेगा। जूस पीने के बजाय फलों को साबुत रूप में खाएं। पकी हुई सब्जियों के साथ सलाद के रूप में कच्ची सब्जियां भी खाएं। एक दिन में कम से कम पांच प्रकार की रंग-बिरंगी सब्जियां और फल खाएं। दिन में तीन बार मेगा मील खाने के बजाय छह बार मिनी मील खाएं। स्नैक्स में जंक फूड खाने के बजाय सुखे मेवे या फल खाएं।
जरूरी टिप्स :
पूरी गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन कैल्शियम, फोलेट और आयरन की एक निश्चित मात्रा की निरंतर आवश्यकता होती है।
कैल्शियम – 1200 मिलिग्राम
फोलेट – 600-800 मिलिग्राम
आयरन – 27 मिलिग्राम
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान 100 एमजी की आयरन की सौ गोलियों का सेवन अवश्य करना चाहिए, यह मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है।
प्रेमा राय