स्वास्थ्य

पुरुषों को महिलाओं की तुलना में डायबिटीज होने का खतरा ज्‍यादा

इस वर्ष वर्ल्ड डायबिटीज डे (विश्व मधुमेह दिवस) की थीम ‘डायबिटीज शिक्षा तक पहुंच’ रखी गई है। इस थीम का एकमात्र उद्देश्य डायबिटीज से सम्बंधित शिक्षा की सुलभता बढ़ाना और डायबिटीज के शिकार लोगों का जीवन बेहतर बनाना है। डायबिटीज मेलिटस (डीएम) की बढ़ती घटना पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इंडस हेल्थ प्लस – निवारक हेल्थकेयर में अग्रणी- ने ब्लड शुगर (रक्त शर्करा) की प्रवृत्ति का अध्ययन किया है। स्वास्थ्य की जाँच पर आधारित इस अध्ययन में अक्टूबर 2021 से लेकर सितम्बर 2022 तक किये गए स्वास्थ्य-जाँच का अवलोकन किया गया। देखा गया कि इनमें से 23% लोगों को डायबिटीज था और जाँचे गए लोगों में से 32% डायबिटीज के कगार पर या पूर्व-डायबिटीज अवस्था में थे, यानी उनका शुगर लेवल 100 से 125 एमजी/डीएल के बीच था।
स्वास्थ्य-जाँच के डेटा के सम्बन्ध में इंडस हेल्थ प्लस के जेएमडी और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, श्री अमोल नाइकवाड़ी ने कहा कि, भारत को दुनिया की डायबिटिक राजधानी माना जाता है। इसे संबोधित करने के लिए इंडस हेल्थ प्लस लोगों को बीमारी की शीघ्र जाँच और समय पर उपचार के महत्व के बारे में शिक्षित करने के अनेक जागरूकता अभियान चलाता रहा है। जिन लोगों को पहले से डायबिटीज है, वे स्वास्थ्यकर जीवनशैली, खाने-पीने पर नियंत्रण और जीवनशैली में बदलावों जैसे सुधारात्मक उपाय करके रोग को दूर कर सकते हैं। मोटापा, स्पष्ट पारिवारिक इतिहास, सुस्‍त जीवनशैली और गर्भावस्था में शुगर बढ़ने के इतिहास वाले लोगों को डायबिटीज होने का जोखिम अधिक रहता है। इस श्रेणी के लोगों को ब्लड शुगर लेवल की नियमित निगरानी के महत्व और रोगजनक जीवनशैली के कारण होने वाले इस रोग के प्रकोप को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियों के बारे में बताया जाना चाहिए। इसके अलावा, आबादी में ज्यादा जोखिम वाले लोगों की पहचान करने में जेनेटिक टेस्टिंग से भी काफी मदद मिल सकती है।”
अध्ययन के आधार पर निम्नलिखित मुख्य निष्कर्ष प्राप्त हुए
नमूनों की संख्या : 9000
• कुल जाँचे गए लोगों में से 25% पुरुष और 20% महिलाएँ डायबिटीज की शिकार हैं और 32% पुरुष तथा 31% महिलाएँ रोग की सीमारेखा पर हैं।
• यह रोग मुख्यतः तनाव, मोटापा, चीनी खाने, शराब पीने, अस्वास्थ्यकर खाद्य का सेवन करने और पर्याप्त व्यायाम नहीं करने के कारण होता है।
• महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इस रोग की व्यापकता ज्यादा है।

प्लाज्मा ग्लूकोज (फ़ास्टिंग)

स्थिति महिला पुरुष कुल योग

सामान्य 49% 43% 46%
सीमारेखा 31% 32% 32%
असामान्य 20% 25% 23%
कुल योग 100% 100% 100%

Hba1c

स्थिति महिला पुरुष कुल योग

सामान्य 50% 49% 50%
सीमारेखा 27% 26% 26%
असामान्य 23% 25% 24%
कुल योग 100% 100% 100%

इंडस प्लस के डेटा के अनुसार समान डेटा अवधि के लिए इंडस हेल्थ प्लस द्वारा की गई Hba1c जाँच में 26% लोग सीमारेखा पर या प्रीडायबिटिक अवस्था में और 24% लोग डायबिटीज की रेंज में पाए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *