स्वास्थ्य

पारस हॉस्पिटल ने इडियोपैथिक इंट्राकैनायल हाइपरटेंशन (IIH) के लिए ब्रेन वेनस साइनस स्टेंटिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया

गुरुग्राम। 39 वर्षीय रेखा पिछले पांच सालों से गंभीर सिरदर्द और धुंधलेपन दिखने की समस्या से पीड़ित थीं। जब पारस हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रजनीश कुमार और डॉ. सुनील सिंगला और न्यूरोइंटरवेंशनिस्ट डॉ. निहार कथरानी की डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी जांच की, तो पता चला कि उनके मस्तिष्क का दबाव बढ़ गया था जिससे उनका ब्रेन वेनस आउटफ्लो को सिकुड़ रहा था। बेहतरीन मेडिकल मैनेजमेंट प्रदान करने के बावजूद उनके लक्षण बदतर होते जा रहे थे। मरीज को ब्रेन वेनस प्रेशर की जांच और स्टेंटिंग का इलाज ऑफर किया था, यह इलाज बिना किसी एनेस्थीसिया के केवल कमर में दो छोटे मिलीमीटर आकार के पंचर द्वारा की जाने वाली एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। प्रक्रिया को डॉ. कथरानी द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। इससे मस्तिष्क (इंट्राक्रैनियल) का दबाव कम हो गया और मरीज अंधी होने से बच गयी।
इस केस पर बात करते हुए पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के न्यूरोलॉजी यूनिट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ रजनीश कुमार ने कहा, ‘वेनस साइनस स्टेंटिंग चिकित्सकीय रूप से रिफ्रेक्टरी IIH और सम्पूर्ण नजर खो चुके मरीजों के इलाज के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इसमें नस का विस्तार करने और इंट्राक्रैनील दबाव को कम करने में सहायता करने के लिए संकुचन का समाधान करने के लिए संकुचित वेनस के क्षेत्र में एक ट्यूब (स्टेंट) के आकार में एक धातु की जाली लगाना होता है। सीएसएफ शंटिंग, ऑप्टिक नर्व फेनेस्ट्रेशन आदि जैसे अन्य आक्रामक सर्जिकल विकल्पों की तुलना में यह इलाज अपेक्षाकृत नया, सुरक्षित और न्यूनतम इनवेसि (कम चीड़फाड़) वाला है। चूंकि इसमें सामान्य एनेस्थीसिया नहीं होता है, इसलिए मरीज को प्रक्रिया के उसी दिन छुट्टी दी जा सकती है।’
डॉ कथरानी ने आगे कहा, ‘इडियोपैथिक इंट्राक्रैनील हाइपरटेंशन (IIH) तब होता है जब मस्तिष्क के चारों ओर उच्च दबाव सिरदर्द और धुंधलापन दिखने जैसे लक्षण पैदा होते है। यह काफी प्रचलित लेकिन कम डायग्नोसिस वाली कंडीशन है, जो मुख्य रूप से मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करती है। मरीजों को वेनस साइनस स्टेंटिंग जैसे न्यूनतम इनवेसिव उपचार विकल्प शायद ही कभी ऑफर किए जाते हैं, क्योंकि इसके लिए बीमारी की गतिशीलता और हाई एक्सपर्टाइज की गहन समझ की जरुरत होती है।’
इस तरह के केसेस में आमतौर पर पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम जैसे हॉस्पिटलों की जरूरत होती है, क्योंकि इस तरह के हॉस्पिटल में एडवांस मेडिकल फैसिलिटी होती है। हॉस्पिटल ने स्ट्रोक जैसे न्यूरो समस्याओं के लिए एक विशेष रूप से समर्पित हेल्पलाइन नंबर 7009899091 भी शुरू किया है। इसमें टीम नियमित रूप से ऐसी कई कॉम्प्लेक्स न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को संभाल रही है। हॉस्पिटल को कई मरीजों को न्यूरोलॉजिकल समस्या को ठीक करने या रोकने में मदद करने की काबिलियत प्राप्त है।

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