लाइफस्टाइलस्वास्थ्य

युवाओं में है हाई ब्‍लड प्रेशर होने का ख़तरा ज्यादा

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पूरी दुनिया में हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य ब्‍लड प्रेशर की निगरानी का महत्व उजागर करना और इसके प्रभाव पर विश्वव्यापी जागरूकता पैदा करना है। हाई ब्लड प्रेशर भारत में स्वास्थ्य से सम्बंधित जोखिम का प्रमुख घटक है और बीमारी एवं मृत्यु के बोझ में इसका सबसे बड़ा योगदान है। बढ़ते शहरीकरण के कारण सुस्‍त जीवनशैली और मोटापे के साथ-साथ ज्यादा नमक खाना, तम्बाकू का सेवन, और शराब जैसे जीवनशैली के अन्य घटक हाई बीपी के इस बोझ में इजाफा कर रहे हैं। हाल में किए गए अध्ययन से यह भी साबित हुआ है कि स्मार्टफ़ोन के इस्तेमाल से युवाओं में हाइपरटेंशन हो रहा है।
2016 से 2020 के बीच लैंसेट द्वारा किये गए हाल के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में हाई ब्लड प्रेशर वाले 75% लोग इस रोग को सँभालने या पर्याप्त उपचार पाने में असमर्थ हैं। इंडस हेल्थ प्लस द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, 25 वर्ष से कम आयु के 75% पुरुषों और 26% महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का स्तर सीमारेखा पर पाया गया है जो बेहद चिंताजनक है। इसके अलावा, पहले के अध्ययनों से पता चला है कि हाई ब्लड प्रेशर होने के लगभग 30-50% खतरों के पीछे आनुवांशिक कारणों का हाथ है (गुप्ता एट ऑल, 2016)। नमक के प्रति संवेदनशीलता, रेनिन-एंजियोटेंसिन तंत्र (रक्तचाप, तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को नियंत्रित करने वाला हॉर्मोन तंत्र) और एंडोथेलियल फंक्शन (रक्त की तरलता, प्लेटलेट्स का समूहन और नाड़ियों को स्वस्थ करने वाली क्रियायें) से सम्बंधित जीन में परिवर्तन भारतीय आबादी में हाई ब्लड प्रेशर के प्रमुख आनुवंशिक निर्धारकों के रूप में चिन्हित किये गए हैं।

इसे ‘साइलेंट किलर’ क्यों कहा जाता है?

• अधिकांशतः कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते
• यह वयस्कों में या तो एक सुनियोजित या अवसरवादी प्रोग्राम के रूप में जागरूकता की कमी और हाई ब्लड प्रेशर पता नहीं चलने के कारण होता है
• यह शारीरिक लक्षण और जीवनशली का चुनाव हैं जो आपको हाई ब्लड प्रेशर के बढ़े हुए खतरे की श्रेणी में ला ला सकता है
• इलाज नहीं कराने पर, आपके रक्त संचार तंत्र पर उच्च रक्तचाप से होने वाली क्षति हार्ट अटैक, स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है
• जिन्हें रक्तचाप हैं, उनमें से 50% से कम लोगों को अपनी अवस्था की जानकारी रहती है
• हालाँकि अनेक दूसरे लोगों को पता रहता है, फिर भी उनका ठीक से उपचार नहीं होता।

उच्च रक्तचाप को रोकने के उपाय

  1. स्वस्थ वजन बनाए रखें

वजन बढ़ने से रक्‍तचाप में वृद्धि हो सकती है। मोटापा के कारण स्लीप ऐप्निया (निंद्रा अश्वसन) भी हो सकता है। वजन कम करना ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने के सबसे बढ़िया तरीकों में से एक है।

  1. हाई ब्लड प्रेशर का वंशानुक्रम

हाई ब्लड प्रेशर का पारिवारिक इतिहास आम घटना है। अगर किसी व्यक्ति के माता-पिता, दोनों को हाई ब्लड प्रेशर है, तो वैसे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर होने की ज्यादा आशंका रहती है। जिनके परिवार में उच्च हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास है, उन लोगों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जाँच करानी चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर होने का ख़तरा जानने के लिए आनुवंशिक परीक्षण (जेनेटिक टेस्टिंग) कराने की सलाह भी दी जाती है। हाई ब्लड प्रेशर होने के उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान करने में आनुवंशिक परीक्षण से काफी मदद मिलती है और लक्षित मध्यवर्तन एवं निवारक उपाय करने में आसानी होती है। हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े आनुवंशिक रूपान्तरों की पहचान करने से जीवनशैली में बदलाव को बढ़ावा देने और रक्तचाप के बेहतर नियंत्रण के लिए शीघ्र मध्यवर्तन के लिए व्यक्तिपरक रणनीतियाँ लागू की जा सकती हैं।

  1. नियमित रूप से व्यायाम करें

रोजाना व्यायाम करने से उच्च रक्तचाप 5 से 8 एमएम एचजी (मिलीमीटर ऑफ़ मरकरी) तक कम हो सकता है। एक सामान्य उद्देश्य के रूप में प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की हल्की शारीरिक गतिविधि का रूटीन बनायें, जिसमें टहलना, तैरना, साइकिल चलाना, आदि शामिल हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग नियमित व्यायाम से अपना ब्‍लड प्रेशर सुरक्षित तरीके के कम कर सकते हैं।

  1. सेहतमंद डाइट की आदत डालें

साबुत अनाजों, फलों, सब्जियों, कम चर्बी वाले दुग्ध उत्पाद, और कम संतृप्त चर्बी वाले आहार ब्‍लड प्रेशर को 11 एमएम एचजी तक कम कर सकते हैं। फलों और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थ प्राकृतिक रूप से नियमित आधार पर हमारी पोटैशियम की ज़रुरत पूरी करते हैं। सप्‍लीमेंटरी फूड या दवायें केवल चिकित्सीय परामर्श के बाद ही लेनी चाहिए।

  1. अपने आहार में नमक (सोडियम) कम करें

सोडियम के सेवन में ज़रा-सी कमी से भी हृदय को लाभ हो सकता है और इससे ब्‍लड प्रेशर में 5 से 6 एमएम एचजी तक की कमी होती है। लेकिन, अधिकाँश वयस्क 1,500 मिलीग्राम या इससे कम नमक का सेवन कर सकते हैं।

  1. धूम्रपान छोड़ें

सिगरेट पीना हानिकारक होता है। धूम्रपान से ब्‍लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे आप पर स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक खतरों के अलावा हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ती है।

  1. रात में अच्छी नींद लें

खराब नींद के कारण हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, जो कुछ सप्ताहों तक हर रात छः घंटे से कम सोने का परिणाम हो सकता है। सोने की एक समय-सारणी रखें। हर रोज सोने जाने और जागने के लिए एक रूटीन का पालन करें। वीकेंड्स में और वीकनाइट्स पर उसी समय-सारणी का पालन करने का प्रयास करें।

  1. तनाव कम करें

दीर्घकालिक (क्रॉनिक) भावनात्मक तनाव से हाई ब्लड प्रेशर बिगड़ सकता है। आप अपना तनाव नियंत्रित करने और इस प्रकार हाई ब्लड प्रेशर कम करने के लिए ध्यानयोग कर सकते हैं।

  1. घर में अपने ब्‍लड प्रेशर पर नजर रखें और नियमित रूप से जाँच करायें

आप अपने ब्लड प्रेशर पर घर में ही नजर रख सकते हैं। इससे आपको अपनी दवाओं और जीवनशैली संबंधी बदलावों के प्रभाव पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर बहाल रखने के लिए डॉक्टर से सामान्य परामर्श करना भी ज़रूरी है।

सबसे बढ़कर, भविष्य में रोग बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली जारी रखना हमेशा अच्छा रहता है।
उचित उपचार और प्रबंधन के द्वारा आप अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे आपको लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी।

-श्री अमोल नाईकावाडी,
ज्‍वाइंट मैनेजिंग डायरेक्‍टर, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर विशेषज्ञ, इंडस हेल्थ प्लस

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