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एयर फोर्स की 3 दिवसीय कॉन्फ्रेंस का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया

नई दिल्ली। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को एयर फोर्स कमांडरों की 3 दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान रक्षामंत्री ने लद्दाख में वायु सेना के रोल की खुलकर तारीफ की और कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। अगर भारत-चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो वायुसेना को शार्ट नोटिस पर ही सभी तैयारी कर लेनी है।
22 जुलाई से 24 जुलाई तक 3 दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में एलएसी पर चीन के साथ चल रहे तनाव, एयर फोर्स की तैयारियों और तैनातियों को लेकर चर्चा होगी। रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, “आज एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इंडियन एयर फोर्स की भूमिका का पूरा देश सम्मान करता है। कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में उनका योगदान बहुत ही तारीफ के लायक है।”
बता दें कि कॉन्फ्रेंस में इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) फ्रांस से इस महीने के अंत तक देश में पहुंचने वाले राफेल लड़ाकू जेटों की तेजी से तैनाती और संचालन पर भी चर्चा करेगा। दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सबसे उन्नत जेट के इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हो जाने से उसकी ताकत काफी बढ़ जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि फाइटर जेट्स में भारत स्पेसिफिक एन्हांसमेंट के साथ-साथ लंबी दूरी के हथियार जैसे मीटियोर एयर टू एयर मिसाइल भारत को चीन और पाकिस्तान पर बढ़त दिलाएगी।
बता दें कि भारतीय वायुसेना प्रमुख ने इस परियोजना के लिए भारतीय निगोशिएशन टीम के प्रमुख के रूप में भारत के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके तहत लगभग 60,000 करोड़ रुपये के 36 राफेल जेट इमरजेंसी पर्चेज रूट के तहत भारत आएंगे। राफेल के दो स्क्वाड्रन भारत को लंबी दूरी के हमलों को अंजाम देने की अपनी क्षमताओं को मजबूत करने में मदद करेंगे।

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