पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि की अर्पित
नई दिल्ली। ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था एवं अनुसचित जाति/जनजाति, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक विभाग दिल्ली सरकार के संयुक्त तत्वाधान में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित एवं भारत के महान संत गुरू रविदास की जंयती मधु विहार स्तिथ नव जीवन स्कूल में आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. गोरख प्रसाद मस्ताना और शक्ति गर्ग बिश्नोई ने शहीदों को पुष्प अर्पित किया।
इस मौके पर ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपना प्रशिक्षण पूरा कर चुके बच्चों को प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ नागरिकों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए बी.के. सिंह ने बताया कि संत रविदास महाराज का जन्म 1398 ईसा पूर्व में माता कालसा देवी के घर वाराणसी उत्तर प्रदेश में हुआ था। महाराज के पिता का नाम संतोख दास था। आगे सिंह ने अपने विचारो में रविदास की जीवनी पर बात रखते हुए कहा कि संत शिरोमणि रविदास की वाणी ज्ञानाश्रयी एवं प्रेमाश्रयी शाखाओं के मध्य सेतु की तरह है। प्राचीन काल से ही भारत में विभिन्न धर्मो तथा मतो के अनुयायी निवास करते रहे है इन सब में मेल जोल और भाईचारा बढाने के लिए संतो ने समय-समय पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे संतो में शिरोमणि रैदास का नाम अग्रणीय हैं। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए आज के मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय कवि डॉ. गोरख मस्ताना ने अपनी कविताओं से देश के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।