राष्ट्रीय

11 दिसंबर को प्रधानमंत्री पणजी में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह को संबोधित करेंगे

पणजी । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को यहां 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। 8 दिसंबर से शुरू होने वाला चार दिवसीय सम्मेलन आयुर्वेद के प्रमुख चिकित्सकों और दुनिया भर के हितधारकों की एक पूरी श्रृंखला को एक साथ लाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल इस बैठक का उद्घाटन करेंगे। इसमें मुख्य रूप से गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रही दुनिया में समग्र और जांची-परखी भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली की बढ़ती प्रासंगिकता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। करेगी।
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक और केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई भी इस बैठक को संबोधित करेंगे। सम्मेलन का मुख्य विषय है ‘एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद’, जो आचार्य चरक जैसे प्राचीन संतों द्वारा परिकल्पित कल्याण के दर्शन को समाहित करता है। सम्मेलन का आयोजन, विज्ञान भारती की एक पहल, विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन, केंद्रीय आयुष मंत्रालय और गोवा सरकार के सहयोग से कर रहा है।
सम्मेलन का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि ऐसे सम्मेलन का आयोजन तभी किया जाता है जब दुनिया भर के लोग आयुर्वेद की ओर लौटते हैं और उन पारंपरिक औषधीय और कल्याण प्रणाली (वेलनेस सिस्टम) के प्रति अपना दिखाते हैं, जिसने सदियों से अपनी गुण-कारिता को साबित करता आ रहा है।
पारंपरिक वेलनेस सिस्टम पर सबसे बड़ा वैश्विक सम्मेलन होने के कारण, इस कार्यक्रम में 5000 से अधिक आयुर्वेद हितधारकों सहित उद्योग जगत के दिग्गज, चिकित्सक, पारंपरिक चिकित्सक, शिक्षाविद, छात्र, दवा निर्माता, औषधीय पौधों के उत्पादक के साथ-साथ विश्व भर के मार्केटिंग रणनीतिकार भाग लेंगे। इसमें 35 देशों के 150 आमंत्रित मुख्य वक्ता और 600 विदेशी आयुर्वेद हितधारक हिस्सा लेंगे। यह आयोजन प्रमुख आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं और कल्याण (वेलनेस) संस्थानों से गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाले क्रेता-विक्रेता बैठक की भी मेजबानी करेगा।
सम्‍मेलन के दौरान अनेक सत्र होंगे, जिसमें प्रभावशाली वक्ता एकत्र होंगे, व्याख्यान देने के लिए लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, सफलता की कहानियों का वर्णन किया जाएगा, आयुर्वेद एक्सपो और आयुर्वेद पर एक वृत्तचित्र फिल्म समारोह सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इसमें होंगे। विचार-विमर्श किए जाने वाले प्रमुख विषयों में आयुर्वेद के दायरे का विस्तार- नए युग की संभावनाएं, नवाचार और उद्यमिता, आयुर्वेद शिक्षा, आयुर सूचना विज्ञान, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र, भारत में स्वास्थ्य और पर्यावरण और उपचार शामिल हैं। केंद्रीय आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) के सचिव श्री राजेश कोटेचा, और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले सत्रो में वक्ताओं के रूप में शामिल होंगे।
मानवता को चुनौती देने वाली कोविड- 19 महामारी जैसी गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों को ध्यान में रखकर आयोजित होने वाला इस सम्मेलन में चर्चा का एक प्रमुख विषय है ‘आयुर्वेद के साथ महामारी का सामना करना।’ इस सम्मेलन का मुख्य विषय है— एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद- इस बात की पुष्टि करता है कि मनुष्य का स्वास्थ्य सभी जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य और हमारे साझा पर्यावरण से निकटता से जुड़ा हुआ है। आयुर्वेद के ग्रंथों में निहित स्वास्थ्य का यह दर्शन 5000 वर्ष पुराना है।
दुनिया की पहली आयुर्वेद निर्माण कंपनी धूतापापेश्वर के प्रमुख रंजीत पुराणिक ने कहा, “दुनिया भर में, पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की ओर रुझान बढ़ रहा है। उन पारंपरिक दवाओं में, आयुर्वेद मन और शरीर दोनों के लिए समग्र स्वास्थ्य देखभाल समाधान प्रदान करता है।” इस आयोजन के मुख्य संरक्षक मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने कहा, “गोवा उस समय कांग्रेस की मेजबानी कर रहा है जब राज्य ने वैश्विक आयुर्वेद और कल्याण पर्यटन केंद्र के रूप में उभरने की महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू की है।”
डॉ. सावंत ने कहा कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पर्यटन, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आयुष वीजा से देश को लाभ होगा।
डब्ल्यू द्वारा अपने पिछले सम्मेलनों में बनाया गया सकारात्मक प्रभाव इस बार भी देखने को मिलेगा। आयोजकों ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों, हितधारकों, चिकित्सकों और विशेषज्ञों को सीखने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए सबसे बड़ा मंच प्रदान करता है।

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