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भारत के राष्ट्रपति 01 फरवरी 2020 को करेंगे 34वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेेले का उद्घाटन

हरियाणा। सूरजकुंड शिल्प मेला 1987 में पहली बार हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की संस्कृति विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। यह मेला शिल्प, संस्कृति और भारत के व्यंजन प्रदर्शन के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर गर्व और प्रमुखता से स्थान रखता है।
34 वां सूरजकंुड मेला 01 फरवरी से 16 फरवरी तक लगा रहेगा। इस बार मेले का उद्घाटन भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा किया जाएगा। हरियाणा के माननी राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य 01 फरवरी, 2020 को सुबह 11.00 बजे उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
बता दें कि श्री मनोहर लाल – माननीय मुख्यमंत्री (हरियाणा), श्री जय राम ठाकुर, माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश, श्री कंवर पाल, हरियाणा के माननीय पर्यटन मंत्री और महामहिम श्री फरहाद आरज़िएव, उज़्बेकिस्तान दूतावा के राजदूत इस अवसर पर उपस्थित होंगे।
हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष श्री रणधीर गोलन, श्रीमती सीमा त्रिखा, एम.एल.ए., बड़कल, श्री कृष्णपाल गुर्जर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार और श्री मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री, हरियाणा के सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।
सूरजकुंड मेला ग्राउंड, फरीदाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सचिव, श्री योगेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि यह शिल्प मेला पूरे भारत के हज़ारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक दर्शकों को दिखाने में मदद करता है। इस प्रकार मेला ने भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में मदद की है। समय के तालमेल बनाए रखते हुए आॅनलाइन टिकट बुक माय शो डाॅट काॅम जैसे पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं।
श्री योगेप्र्द त्रिपाठी ने आगे बताया कि इस साल सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और ब्रिटिश काउंसिल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और सूरकुंड मेला पहली बार इंग्लैंड के कलाकारों और शिल्पकारों की मेज़बानी करेगा। इसके अलावा 40 राष्ट्र मेले का हिस्सा होंगे, जिसमें पार्टनर नेशन – उज्बेकिस्तान शामिल हैं। अफगानिस्तान, आर्मेनिया, बांग्लादेश, भूटान, मिस्र, इथियोपिया, घाना, कज़ाकिस्तान, मलावी, नामीबिया, नेपाल, रूस, दक्षिण अफ्रीक, श्रीलंका, सूडान, स्वाज़ीलैंड, सीरिया, तज़ाकिस्तान, थाईलैंड, ट्यूुनीशिया, तुर्की, युगांडा, यूनाईटेड किंगडम, वियतनाम और जिम्बाब्वे से उत्साही भागीदारी होगी।
इस बार हिमाचल प्रदेश 34 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प 2020 का थीम राज्य है, जो राज्य से विभिन्न शिल्प और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित कर रहा है। हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्यों और कला रूपों से लेकर व्यंजनों तक, दर्शकों को लुभाने के लिए हिमाचल प्रदेश से विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता है। साथ ही भीमा काली मंदिर और पहले से मौजूद महेश्वर देव मंदिर की प्रतिकृति भी इस साल के मेले का मुख्य आकर्षण होगी।
श्री विजई वर्धन अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन हरियाणा ने कहा कि मेला मैदान 40 एकड़ भूमि में फैला है और इसमें शिल्पकारों के लिए 1000 से अधिक कार्यस्थल हैं। इस साल आगंतुक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा मुगलई, दक्षिण के व्यंजनों और भारतीय स्ट्रीट फूड के साथ चीन के स्वादों का फूड कोर्ट में आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, फरीदाबाद और पानीपत के होटल के प्रबंधन के इंस्टिटयूट आफ मैंनेजमेंट विभिन्न व्यंजनों का प्रबंध करेंगे।

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