प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने केम्पेगोडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अत्याधुनिक टर्मिनल 2 (टी2) का उद्घाटन किया
बैंगलुरू। केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बैंगलुरू (बीएलआर एयरपोर्ट) टर्मिनल 2 (टी2) का उद्घाटन भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कर्नाटक के माननीय गवर्नर, श्री थावर चंद गहलोत; कर्नाटक के माननीय मुख्यमंत्री, श्री बसवराज बोम्मई; केंद्रीय संसदीय मामले, कोयला एवं खनन मंत्री, प्रहलाद जोशी; कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, बी एस येदुरप्पा; और कर्नाटक के हाउसिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास मंत्री, वी सोमन्ना भी मौजूद थे।
टी2 का बहुप्रतीक्षित लॉन्च का आयोजन बैंगलोर एयरपोर्ट के ऑपरेटर बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) द्वारा किया गया।
प्रेम वत्स, चेयरमैन एवं सीईओ, फेयरफैक्स फाईनेंशल होल्डिंग्स ने कहा, ‘‘केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 का उद्घाटन हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। पिछले दो साल सबसे चुनौतीपूर्ण थे। महामारी ने पूरी दुनिया के व्यवसायों को प्रभावित किया। लेकिन टी2 का काम पूरा करने का हमारा प्रयास लगातार जारी था। बैंगलुरू उभरता हुआ और लगातार विकसित होता हुआ शहर है, जो अपनी उपलब्धियों के लिए सदैव सुर्खियों में रहता है। महामारी के बाद आई मंदी से एविएशन सेक्टर उबर रहा है, और हमने टी2 का उद्घाटन सही समय पर किया है। हम जब इस अभूतपूर्व निर्माण का काम कर रहे थे, तो सरकार ने लगातार हमारा सहयोग किया। यह वो सरकार है, जो बिज़नेस का स्वागत करती है। और जब भी बिज़नेस का स्वागत होता है, तो ज्यादा बिज़नेस होता है, और हम इसके लिए आशान्वित हैं कि टी2 की शुरुआत के साथ हम और ज्यादा उद्यमों एवं साझेदारों के साथ सहयोग करेंगे। हम सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे सपने में भरोसा किया और हमें निरंतर सहयोग दिया।’’
हरी मरार, एमडी एवं सीईओ, बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) ने कहा, ‘‘टी2 के लॉन्च के साथ हमने हर साल 250 लाख या 25 मिलियन अतिरिक्त यात्रियों को सेवाएं देने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार किया है। टी2 केवल पेमाने और आकार के कारण ही खास नहीं है, बल्कि यह बैंगलुरू शहर से प्रेरित है। एक गार्डन में निर्मित टर्मिनल के कारण टी2 बैंगलुरू की हर विशेषता को प्रदर्शित करता है – एक हरा-भरा, आधुनिक, अभिनव, सस्टेनेबल और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर। बैंगलोर एयरपोर्ट पिछले 14 सालों में दक्षिण भारत के गेटवे के रूप में उभरा है और विस्तार के इस नए चरण के साथ इसका उद्देश्य इस एयरपोर्ट को भारत का नया गेटवे बनाना है।’’
255,661 वर्ग मीटर का नया टी2 टर्मिनल ब्यूटीफुल सिटी, बैंगलुरू को समर्पित है। यह नया टर्मिनल टर्मिनल 1 के उत्तर पूर्वी सिरे पर स्थित है, और न्यूयार्क स्थित आर्किटेक्चरल फर्म एसओएम द्वारा डिज़ाईन किया गया है।
- वास्तुकला का पहलू
टी2 का स्केल और जानकारीवर्धक डिज़ाईन यात्रियों को सबसे अलग अनुभव प्रदान करता है। 90 काउंटर्स के साथ टी2 का उद्देश्य तीव्र चेक-इन सुनिश्चित करना है, और सिक्योरिटी चेक एरिया से गुजरना भी उतना ही आसान है। दो तलों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय रिटेल और लाउंज एरिया इस तरह संरचनाबद्ध किए गए है ताकि भवन के अंदर और बाहर सुंदर हरे-भरे दृश्य दिखाई दें। एल-आकार के पियर में 19 बोर्डिंग गेट (कोड सी के तुल्य एयरक्राफ्ट के लिए) आ सकते हैं, जो मुख्य कॉम्प्लेक्स से बाहर की ओर खुलते हैं, जिससे घूमने-फिरने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है। टर्मिनल के इंटीरियर इंजीनियर्ड बाँस में लिपटे हैं, जो पारंपरिक भारतीय केन वीविंग से प्रेरित है, और इस टर्मिनल को समकालीन के साथ क्लासिक लुक व अहसास प्रदान करते हैं।
- चार स्तंभ
टी2 के डिज़ाईन और वास्तुकला को प्रभावित करने वाले चार मार्गदर्शक सिद्धांत हैं – गार्डन में टर्मिनल, सस्टेनेबिलिटी, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन, एवं कला व संस्कृति।
टर्मिनल 2 को गार्डन सिटी, बैंगलुरू के सम्मान में बनाया गया है, और यह यात्रियों को ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जैसे वो ‘बगीचे में टहल रहे हों’। यात्री 10,000 वर्ग मीटर की हरी दीवारों, हैंगिंग गार्डंस, और आउटडोर गार्डंस से होकर गुजरते हैं, और यह गार्डन भारत की घरेलू तकनीक का इस्तेमाल करके भारत में बनाए गए हैं।
बैंगलोर एयरपोर्ट अपने परिसर में 100 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करके सस्टेनेबिलिटी में नए मानक स्थापित कर चुका है। टर्मिनल 2 को डिज़ाईन में सस्टेनेबिलिटी के सिद्धांतों के साथ बनाया गया है। इन इनोवेशंस के साथ टर्मिनल 2 ने अनेक कीर्तिमान बना लिए हैं। अपने सस्टेनेबिलिटी के अभियानों के लिए टर्मिनल 2 को ऑपरेशंस शुरू होने से पहले ही यूएसजीबीसी (यूएस ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) द्वारा प्लेटिनम लीड रेटिंग वाला दुनिया का सबसे बड़ा टर्मिनल होने का सम्मान मिल गया है।
टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन का सिद्धांत टर्मिनल के लिए महत्वपूर्ण है, जो डिजी यात्रा का इस्तेमाल कर यात्रियों के आसान सफर द्वारा प्रदर्शित होता है। अनेक इंटीग्रेटेड टेक्नॉलॉजी विशेषताएं टर्मिनल को ग्राहक केंद्रित, प्रभावशाली संचालन और इनोवेटिव बने रहने में समर्थ बनाती है।
इस टर्मिनल में सभी मानव भावनाओं का चित्रण देखा जा सकता है। ‘नौरस’ की थीम में टर्मिनल 2 के लिए सभी कमीशंड आर्टवर्क्स का समावेश किया गया है। इन आर्टवर्क्स को महत्वपूर्ण स्थानों पर प्रदर्शित किया गया है और ये यात्री के सफर में ज्ञानवर्धक स्तंभों का काम करते हैं, ताकि यात्री रुककर ये चित्रण देखें और उनका आनंद लें। ये आर्टवर्क कर्नाटक एवं भारत की विरासत व संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं। इसके लिए 300 स्वतंत्र प्रविष्टियों में से 43 कलाकारों और 60 आर्टवर्क्स का चयन किया गया।
ये सभी पहलू टी2 को ऐसे टर्मिनल का विशेष स्थान प्रदान करते हैं, जो आधुनिक होने के साथ संस्कृति में डूबा हुआ है, और यह एयरपोर्ट सभी यात्रियों को यादगार अनुभव प्रदान करता है।
- गार्डन में टर्मिनल
टी2 अपनी तरह का पहला ‘टर्मिनल इन ए गार्डन’ है और बैंगलोर एयरपोर्ट को बैंगलुरू शहर की हरियाली व खूबसूरती के एक आदर्श प्रतीक के रूप में स्थापित करता है। यह टर्मिनल और यहाँ ले जाने वाला क्षेत्र यात्रियों को बगीचे में घूमने का अहसास प्रदान करता है। मुख्य एक्सेस रोड (एमएआर) से बैंगलोर एयरपोर्ट के परिसर में प्रवेश करने से लेकर टी2 में प्रवेश करने और फिर पियर्स से हवाई जहाज में चढ़ने तक यात्रियों को हरे रंग के शेड दिखाई देंगे। टर्मिनल के चारों ओर 10,235 वर्गमीटर की हरी दीवारों, टर्मिनल की छत से कांस्य के आवरण पर नीचे की ओर लटकते हैंगिंग गार्डन और छत पर लटकी घंटियों तथा परिसर में हरे लगूंस से लेकर टर्मिनल और बोर्डिंग पियर्स के बीच विस्तृत वन पट्टी क्षेत्र तक यात्रियों को हरियाली का एक नया अनुभव प्राप्त होगा। टी2 के चारों ओर बैंगलोर एयरपोर्ट के विशाल हरे क्षेत्र में 620 स्थानीय पौधे, 3,600 से ज्यादा पौधों की किस्में, 150 ताड़ की प्रजातियां, 7,700 प्रत्यारोपित पौधे, लिली की 100 किस्में, कमल की 96 प्रजातियां और 180 दुर्लभ, इंडेंजर्ड और थ्रेटेंड प्रजातियां और 10 इकॉलॉजिकल हैबिटैट हैं। इस टर्मिनल के चारों ओर स्थित गार्डन यहाँ पर एक माईक्रोक्लाईमेट बनाता है, जिसका तापमान अपने आस-पास के वातावरण से दो से तीन डिग्री कम रहता है। वनस्पति और जीव, और बाँस की जाली से छनकर आती रोशनी, एवं कर्नाटक के जलमार्गों से प्रेरित इनडोर वॉटरफॉल- हर चीज़ यहाँ आने वाले और यहाँ से प्रस्थान करने वाले यात्रियों को बहुत सुंदर और सुखद अहसास प्रदान करती है।
- सस्टेनेबिलिटी
जहां इंटीरियर बाँस के बनाए गए हैं और खूबसूरत गार्डन टर्मिनल की खूबसूरती बढ़ाते हैं, वहीं ये टी2 की सस्टेनेबिलिटी में भी योगदान देते हैं। इंजीनियर्ड बाँस का इस्तेमाल भारत में पहली बार किया गया है। ये अग्निरोधक हैं और लंबे समय तक चलते हैं। गार्डन और वन क्षेत्र हवा को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ बनाते हैं। सोलर पैनल और डेलाईट हार्वेस्टिंग द्वारा बिजली में 24.9 प्रतिशत की बचत होती है। रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, एयरपोर्ट की जरूरतों को पूरा करने के लिए बारिश जल से भरने वाले 413 मिलियन लीटर के छः बड़े तालाब, और बहुउद्देशीय लैगून द्वारा प्रदूषक तत्व प्राकृतिक रूप से साफ हो जाते हैं। ये सभी दीर्घकालिक सस्टेनेबिलिटी योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। बेहतर इनडोर क्वालिटी की विधियाँ, जैसे एंट्रीवे सिस्टम्स और इंटीरियर क्रॉस-कंटैमिनेशन प्रिवेंशन, हीटिंग, वैंटिलेशन, एवं एयर कंडीशनिंग सिस्टम्स के लिए ट्रीटेड रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) वॉटर से बैंगलोर एयरपोर्ट के सस्टेनेबिलिटी के प्रयासों को बल मिलता है। इन सस्टेनेबिलिटी के प्रयासों को लॉन्च से पहले ही पहचान मिल गई और टर्मिनल 2 को ऑपरेशंस शुरू होने से पहले ही यूएसजीबीसी (यूएस ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) द्वारा प्लेटिनम लीड रेटिंग का सम्मान दिया गया। भविष्य में इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बायोडिग्रेडेबल वेस्ट को ईंधन और खाद में बदलेगा, जिससे बैंगलोर एयरपोर्ट ‘जीरो वेस्ट टू लैंडफिल’ एयरपोर्ट बन जाएगा।
- इनोवेशन एवं टेक्नॉलॉजी
टी2 का एक मुख्य मार्गदर्शक बल इनोवेशन एवं टेक्नॉलॉजी है, जिसका तर्कसंगत उपयोग कर यात्रियों के अनुभव को सरल, सुगम और आसान बनाया गया है। एयरपोर्ट में प्रवेश से लेकर हवाई जहाज में बोर्डिंग तक यात्रियों को आसान चेक-इन प्रक्रिया, तीव्र सिक्योरिटी चेक और सुविधाजनक बोर्डिंग का अनुभव प्राप्त होता है। सैल्फ बैगेज ड्रॉप और डिजी यात्रा के अलावा यात्रियों का सफर आसान बनाने के लिए अनेक टेक्नॉलॉजिकल इनोवेशंस का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
डिजी यात्रा सबसे स्मार्ट और सबसे आसान प्रक्रियाओं में से एक है, जिसने यात्रियों का सफर ज्यादा उत्तम बनाया है। ‘आपका चेहरा आपका बोर्डिंग पास’ की टेक्नॉलॉजी के साथ यात्री सिक्योरिटी चेक से बिना किसी मुश्किल के आसानी से गुजर सकते हैं। यात्री का चेहरा एक सिंगल बायोमीट्रिक टोकन बन गया है, और बैंगलोर एयरपोर्ट यह स्मार्ट सिक्योरिटी समाधान लागू करने में अग्रणी बन गया है, ताकि 2017 से ज्यादा सटीक स्क्रीनिंग और ज्यादा थ्रूपुट संभव हो सके। बैंगलोर एयरपोर्ट ने 15 अगस्त, 2022 को भारत सरकार को पहला चरण सफलतापूर्वक शुरू करने में मदद की।
इन इनोवेटिव विधियों और एडवांस्ड टेक्नॉलॉजी के साथ, टी2 का उद्देश्य यात्रियों का सफर आसान व यादगार बनाने का बैंगलोर एयरपोर्ट का वादा पूरा करना है।
- कला व संस्कृति
टी2 अपने ज्ञानवर्धक कला व डेकोर के तत्वों के साथ सभी यात्रियों को एक सुंदर दृश्य प्रदान करेगा, जो इसके कला कार्यक्रम का हिस्सा है। बैंगलोर एयरपोर्ट की कला की टीम ने दो विषयों पर आधारित कार्यक्रम तैयार किया है – कर्नाटक की समृद्ध विरासत और संस्कृति, और भारत के नाट्यशास्त्र के नौरस। इन दो विषयों को आत्मसात करती हुई कुल साठ कलाकृतियां हैं। बोर्डिंग पियर्स पर लगी कृष्णराज छोनट की कॉपर की मूर्ति, गाथा और मा रौफ की बिदरी आर्ट वॉल, और बोर्डिंग गेट्स के पास छत से लटकी धातु एवं अनुपमा होसकेरे की लकड़ी की कठपुतली तथा फोले डिज़ाईन एवं गुंडूराजू की लैदर की कठपुतली तक टी2 की कलाकृतियाँ अद्भुत हैं, और टर्मिनल से गुजरने वाले यात्रियों को यादगार अनुभव प्रदान करती हैं। हालाँकि टी2 में कला कार्यक्रम को दक्षिण भारत के कलारूपों, खासकर कर्नाटक की सांस्कृतिक विविधता और अद्वितीय कलारूपों का प्रदर्शन करने पर केंद्रित रखा गया है।
ये 60 कलारूप बनाने का काम भारत और कर्नाटक के 43 कलाकारों को सौंपा गया, ताकि यात्री रुककर ये कलारूप देखें, उनका अवलोकन करें, विचार करें और तरोताजा महसूस करें।
टी2 यात्रियों को सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाईन किया गया है, जो यात्रियों को इस जगह का यादगार अनुभव प्रदान करे, और यहाँ के दृश्य, सस्टेनेबल विधियाँ, एवं टेक्नॉलॉजी यात्रियों को सदैव याद रहें।