भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद की 136वीं जयंती पर राष्ट्र ने उनका कृतज्ञ स्मरण किया
दिल्ली। राजेन्द्र चिंतन समिति द्वारा आयोजित समारोह का आरंभ नई दिल्ली नगर पालिका के चेयरमैन धर्मेंद्र कुमार ने मंगलदीप प्रज्जवलित कर राजेन्द्र बाबू के प्रति सम्मान व्यक्त किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू ने स्वाधिनता संग्राम में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। गांधी, नेहरू,सरदार पटेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्र को स्वाधीन कराने में उनका अनुकरणीय योगदान रहा।
नगर पालिका के सचिव बृज मोहन मिश्रा ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद ने सादगी और नैतिकता के उच्च मापदंड स्थापित किये.आज हम उनके दिखाये गये रास्ते पर चलकर उनको सच्ची श्रद्धांजली अर्पित कर सकते हैं।
राजेंद्र चिंतन समिति के संयोजक राम कृष्ण शर्मा ने डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा किये गये कार्यो को विस्तार से बताते हुए कहा कि वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं सच्चे देशभक्त थे। उनका संविधान की रचना में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू ने अपने त्याग, तपोनिष्ठ जीवन को राजनीतिक गरिमा प्रदान की।
चिंतन समिति के उपाध्यक्ष विजयशंकर चतुर्वेदी ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से देश सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और आजीवन निष्ठापूर्वक उस मार्ग पर चलते रहे।
इस अवसर पर इस्कॉन मंदिर की ओर से सभी को गीता भेट कर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर राजेन्द्र चिंतन समिति के संयोजक पंकज शर्मा पुलकित चतुर्वेदी, अधिवक्ता श्याम सुन्दर गुप्ता, मनोज शर्मा एवं सैकड़ों लोगों ने डा. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।