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हजारों की तादाद में ईपीएस-95 पेंशनधारकों ने जंतर-मंतर पर दिया विशाल धरना, निकला पीएमओ तक मोर्चा

नई दिल्ली। देश भर के ईपीएस-95 के पेंशन धारक पेंशन में बढ़ोतरी के लिए बुधवार को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया और पीएमओ तक मोर्चा निकालकर प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ऑल इंडिया ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि पूरे भारत में 186 इंडस्ट्रीज से संबंधित 65 लाख पेंशनर्स ने हर महीने 541 रुपये काटकर अपनी पेंशन के लिए फंड जमा किया है। वह फंड उनके बुढ़ापे में काम नहीं आ रहा है। इनमें बोर्ड, कॉरपोरेशन, कॉरपोरेट सेक्टर, चीनी मिल, प्राइवेट उद्योग और सरकारी उद्योग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार पीएम श्रम योगी मानधन योजना में 100 रुपये महीना देने वालों को 30 साल के बाद 3 हजार रुपये पेंशन देती है। हमने 541 रुपये औसतन 30 साल काम करके दिए हैं तो हमें उस हिसाब से तो पेंशन मिलनी ही चाहिए। सरकार के पास इन लोगों के 20 लाख रुपये पेंशन फंड में जमा है, लेकिन इसके बावजूद सरकार उन्हें केवल 200 से 2500 रुपये की पेंशन दे रही है। इतने कम पैसे में महीने भर गुजारा करना मुश्किल है। सरकार 40 लाख पेंशनर्स को 1500 रुपये महीने से भी कम पेंशन दे रही है। राउत ने बताया कि अगर सरकार ने हमारी मांगें 10 मार्च तक नहीं मानी तो 15 मार्च से देश भर में रेल रोको आंदोलन चलाने पर मजबूर होंगे। कमांडर अशोक राउत नेवा से रिटायर हुए हैं। अब उनके बेटे सेना में शामिल होकर देश की सेवा कर रहे हैं।
कमला बाई पवार जो महाराष्ट्र की रहने वाली हैं जिनकी उम्र ६६ साल है उन्होंने कहा की – “मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करती हूँ की वो हमारी मांगों को मान लें क्योंकि इस उम्र में 500 रुपए मासिक पेंशन से गुजारा नहीं होता।“
ऑल इंडिया ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि हमने मुंडन आंदोलन, अर्ध नग्न आंदोलन, भिक्षा मांगो आंदोलन, ताला ठोको आंदोलन आदि बहुत से आंदोलन किए, लेकिन इसका सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा। आज की विषम घड़ी में हम अपने देश की सरकार और सेना के साथ खड़े हैं, लेकिन तीन साल तक विभिन्न आंदोलन करने के बाद हम अपनी आवाज प्रधानमंत्री तक पहुंचने में नाकाम रहे। हमें हर बार झूठे आश्वासन दिए गए। अगर 10 मार्च तक हमारी मांगें पूरी न हुई तो 15 मार्च से भारत के प्रमुख रेल मार्गों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। रेल रोको आंदोलन उत्तर भारत में ग्वालियर, पूर्वी भारत में कोलकाता, पश्चिमी भारत में भुसावल और दक्षिणी भारत में बेंगलुरु में किया जाएगा। इससे पहले लाखों पेंशन धारक राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने के लिए पत्र लिख चुके हैं। राउत ने बताया कि एक साल के भीतर 1 से 2 लाख पेंशनर्स की मौत हो चुकी है।
ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि आज करीब 65 लाख पेंशनर्स में से 40 लाख लोगों को 1500 रुपये महीने से भी कम पेंशन मिल रही है। उन्होंने बताया कि ईपीएस-95 के हर पेंशन धारक ने अपने पूरे सर्विस पीरियड में हर महीने पेंशन फंड में अंशदान दिया है। यह राशि कम से कम 15 से 20 लाख रुपये हो गई है। इस योजना से पूंजी की वापसी भी बंद हो गई है। पेंशनधारक 2013 की कोशियारी समिति की सिफारिशों के अनुसार 7500 रुपये मासिक पेंशन, उस पर 5000 रुपये महंगाई भत्ते और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वास्तविक वेतन पर उच्चतम पेंशन की मांग कर रहे हैं।
पेंशनधारकों की मांग है कि जिन पेंशनर्स को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें पेंशन योजना में भागीदार बनाया जाए। ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो, 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार दो साल का वेटेज दिया जाए और ईपीएस की सदस्यता में बढ़ोतरी की जी जाए। राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री हमारी इन मांगों पर जल्द ध्यान देंगे और हमें हमारे मौजूदा संकट से निजात दिलाएंगे।

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