सुरक्षा एजेंसियों से मिलने वाली जानकारी पर हम उचित कार्रवाई करते हैं : राजेश रंजन
नई दिल्ली। पिछले 50 वर्षों में सीआईएसएफ की विश्वसनीयता एवं पेशेवर दक्षता में गुणात्मक वृद्धि हुई है। बल के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि सीआईएसएफ द्वारा प्रदत्त सेवाओं को संबंधित संस्थानों द्वारा अत्यधिक प्रशंसा की गई है, जिसके परिणामस्वरूप विविध संस्थानों द्वारा की जा रही सीआईएसएफ सुरक्षा की मांग में अपेक्षित वृद्धि हुई है। आज सीआईएसएफ 1,56,000 की संख्या के साथ देश के 345 विभिन्न महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। सीआईएसएफ के सुरक्षा कवच में 61 हवाई अड्डे के साथ परमाणु एवं अंतरिक्ष संस्थान, समुद्री बंदरगााह, बिजली उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र, इस्पात, कोयला, अन्य खनन के क्षेत्र एवं तेल के प्रतिष्ठान, दिल्ली, मेट्रो, सरकारी भवनों, संग्रहालयों, ऐतिहासिक विरासत के स्मारकों जैसे – ताजमहल, लाल किला इत्यादि। सीआईएसएफ के स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप (एसएसजी) द्वारा विभिन्न श्रेणियों के 83 विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान किया जा रहा है।
सीआईएसएफ के 50वें स्थापना दिवस से पहले सीजीओ कॉम्प्लेक्स के मुख्यालय में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जहां सीआईएसएफ के महानिदेशक और कई बड़े अधिकारी मौजूद थे। महानिदेशक ने सीआईएसएफ की उपलब्धियों और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। महानिदेशक राजेश रंजन ने बताया कि हम किसी भी हमले से निपटने के लिए तैयार हैं। सुरक्षा एजेंसियों से मिलने वाली जानकारी पर उचित कार्रवाई भी करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ऐसे हमले से निपटने के लिए बल को तैयार कर लिया गया है। वह किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
श्री रंजन ने बताया कि जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में चल रहे हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की सुरक्षा में सीआईएसएफ के जवान तैनात हैं। यह जगह लाइन ऑफ कंट्रोल से 1.2 किलोमीटर दूर है। वहीं उरी में भी उनके जवान तैनात हैं, जो लाइन ऑफ कंट्रोल से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में वहां तैनात जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वह आतंकियों को करारा जवाब दे सकें। दिल्ली मेट्रो में रोजाना तीस लाख यात्रियों की आवाजाही है और बल के जवान व अफसर अपनी पेशेवर शैली के साथ 239 मेट्रो स्टेशनों को सुरक्षा प्रदान कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान जहां अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा सेमीनार 2018, 67वीं अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप आदि का आयोजन किया गया, वहीं उत्तराखंड में हिमालयी अभियान का आयोजन किया गया। अलावा इसके इस वर्ष नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सीआईएसएफ की झांकी को प्रथम पुरस्कार और सबसे लंबी सिंगल लाइन साइकिल परेड का विश्व रिकॉर्ड भी बल के खाते में है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 26 अक्तूबर को आतंकियों ने उनके जवानों पर हमला किया था। इसमें एएसआई राजेंद्र प्रसाद शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद जवानों को इससे निपटने की ट्रेनिंग दी गई। पिछले साल 28 दिसंबर को 6 से 8 आतंकियों ने हमला किया, जिसका जवानों ने डटकर मुकाबला किया और उनके हमले को नाकाम कर दिया।
बता दें कि 10 मार्च को सीआईएसएफ के 50वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वह बल के अधिकारियों और जवानों को संबोधित करेंगे। यह पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री सीआईएसएफ के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। सीआईएसएफ 10 मार्च को रजत जयंती समारोह गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सीआईएसएफ के 5वें बटालियन कैंप में आयोजित करेगा। अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री भारतीय वायु सेना के हेलीकाॅप्टर से आयोजन स्थल पर पहुंचेंगे। सबसे पहले नरेंद्र मोदी कैंप परिसर में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और सीआईएसएफ के सलामी गारद का निरीक्षण करेंगे। उसके बाद सीआईएसएफ कर्मियों को संबोधित करेंगे।