राजनीति

चंबल रिवर फ्रंट स्थापत्य एवं शिल्प की दृष्टि से अनुपम – राज्यपाल 

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल
कोटा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि चम्बल नदी पर बन रहा रिवर फ्रंट स्थापत्य की दृष्टि से अतुलनीय है, प्रत्येक घाट का निर्माण भारतीय संस्कृति ओत-प्रोत है। आने वाले समय में देश-दुनिया के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। राज्यपाल ने यह विचार बुधवार को कोटा में निर्माणाधीन चम्बल रिवर फ्रंट के अवालोकन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने गोल्फ कार्ट से विभिन्न घाटों पर बने विश्व स्तरीय स्मारकों के फसाड़ एवं नाव में बैठकर विभिन्न घाटों की विशेषताओं का नजदीकी से अवलोकन किया। इस दौरान स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, प्रशासनिक पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।

  • धारीवाल के विजन की सराहना

राज्यपाल ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के विजन की सराहना करते हुए कहा कि कोटा लगातार विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। चौराहों का अद्भुत विकास, ट्रैफिक लाईट फ्री शहर एवं सिटी पार्क व चम्बल रिवर फ्रंट की कल्पना को साकार करने से यह पर्यटक स्थल के रूप में देश-दुनिया में पहचान बनाएगा। यहां घटोत्कच्छ सर्किल भी बनाया है। उन्होंने कहा कि बनारस, गोमती, साबरमती नदी पर बने रिवर फ्रंट अलग प्रकार के हैं, चम्बल नदी का रिवर फ्रंट स्थापत्य एवं शिल्प की दृष्टि से भारतीयता से ओत-प्रोत है। उन्होंने कहा कि यहां का हर घाट अन्तर्मन को छूता है, स्वाभाविक रूप से लोगों को आकर्षित करेगा।
राज्यपाल ने कहा कि चम्बल नदी पर बना यह रिवर फ्रंट स्थापत्य एवं शिल्प की दृष्टि से देश-दुनिया का अनुपम स्थान है। यहां प्रत्येक घाट पर विश्वस्तरीय स्मारकों का निर्माण करवाकर एक ही स्थान पर भव्यता के साथ प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट का निर्माण भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत है, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ घाटों पर संस्कृति को जीवंत किया गया है। उन्होंने चम्बल निर्माणाधीन सबसे ऊँची चंबल माता की प्रतिमा , गीता का उपदेश देते हुए उकेरे गए श्लोकों , पंचतत्व घाट में जीवन का सार बताया है, वहीं योगी घाट पर देश की पुरातन योग संस्कृति को साकार आदि स्थलों को देखा।

  • पुरातन व तकनीकी का संगम

राज्यपाल ने कहा कि रिवर फ्रंट पर हमारी पुरातन संस्कृति को सभी घाटों पर साकार करते हुए आधुनिकी तकनीकी का उपयोग कर इस आकर्षक बनाया गया है। सभी 27 घाटों पर कल्पना को साकार कर इस प्रकार से प्रदर्शित किया है कि देखते रह जाएं। देश-दुनिया के पर्यटक इसे देखने आएंगे, इससे राजस्थान ही नहीं सम्पूर्ण देश में पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान मिलेगी। उन्होंने हाडौती घाट, वीर घाट, सिंह घाट, पुस्तकालय घाट के साथ निर्मित बावड़ी को एक ही स्थान पर सभी संस्कृतियों का संगम बताया।

  • 30 मार्च तक होगा पूर्ण –

स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि 30 मार्च तक रिवर फ्रंट के कार्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यह स्थान देश-दुनिया में विशेष रूप से अपनी निर्माण शैली के लिए भी जाना जाएगा। राज्यपाल को जिला प्रशासन एवं नगर विकास न्यास की ओर से रिवर फ्रंट के प्रतीक घड़ियाल की प्रतिमा को प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट किया।

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