सामाजिक

जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 11वें संस्करण में साहित्य, थिएटर, नृत्य और प्रस्तुति कविताओें को किया पेष

नई दिल्ली। जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2018 साहित्य और प्रदर्षन कलाओं के संबंधों की संभावनाएं तलाषने के लिए पूरी तरह से तैयार है जिसके विभिन्न सत्र थिएटर, संगीत, नृत्य और प्रदर्षन कविताओं के स्वाद से समृद्ध होंगे। भारत की स्वतंत्रता के 70 वर्शों और यूके भारत संस्कृति वर्श के उत्सवों के अंतर्गत अपने विष्वस्तरीय प्रीमियर के मौके पर भारतीय नृत्य के यूके के प्रमुख निर्माता एकेडमी द्वारा पेष किया जाने वाला द ट्राॅथ 1915 की लघु कथा चंद्रधर षर्मा गुलेरी की उसने कहा था पर आधारित है।
द ट्राॅथ मित्र देषों के युद्ध के प्रयासों में भारतीय सैनिकों द्वारा निभाई गई एकीकरण की भूमिका को एक साथ समेटते हुए बेल्जियम के डर के बीच सरदार लेहना सिंह के त्याग और एकतरफा प्रेम की कहानी बताता है। पुरस्कृत कोरियोग्राफर गैरी क्लार्क समकालीन नृत्य, याद ताजा कर देने संगीत और संभाल कर रखी जाने वाली फिल्म के माध्यम से मार्मिक परिदृष्य को सामने लाते हैं। एक गंभीर मूक फिल्म के अनुभव के साथ दर्षक 1800 के आखिर में ग्रामीण पंजाब की षांति से संघर्शरत रक्तरंजित बेल्जियन इलाकों तक पहुंच जाते हैं।
यह आर्ट काउंसिल आॅफ इंग्लैंड और द ब्रिटिष काउंसिल के समर्थन से चलने वाले रिइमैजिन इंडिया प्रोग्राम का हिस्सा है। द ट्राॅथ में यूके के सबसे आकर्शक और विविधतापूर्ण युवा नर्तक देखने को मिलेंगे। द रियज थिंग में सर टाॅम स्टाॅपर्ड जानी-मानी थिएटर हस्ती संजना कपूर से बातचीत करते हुए दिखते हैं। स्टेज, टीवी और फिल्म के लिए लिखने वाले और महानतम जीवित कथाकारों में से एक स्टाॅपर्ड राॅजेनक्रांट्स एंड गिल्डेनस्टर्न आर डेड, ट्रैवेस्टिज, एवरी गुड ब्वाॅय डिजर्वस ए फेवर, एरकेडिया, जंपर्स, द रियल थिंग और द इंवेंषन आॅफ लव जैसी षानदार चीजों के लेखक हैं। वह षेक्सपियर इन लव और द रषिया हाउस के आॅस्कर पुरस्कृत स्क्रीनराइटर भी हैं और उन्हें चार टोनी अवाड्र्स भी मिल चुके हैं। एक पत्रकार और एक ड्रामा आलोचक के तौर पर अपना करियर षुरू करने वाले स्टाॅपर्ड राॅयल नेषनल थिएटर के प्रमुख लेखक और अंतरराश्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक प्रस्तुतियां देने वाले अपनी पीढ़ी के कलाकारों में से एक है।
नृत्य की कलात्मक गंभीरता और आकर्शक उत्कृश्टता फेस्टिवल के सत्र द डांसर एंड द डांस में जीवंत हो गई जहां नृत्य की कला में दक्ष सोनल मानसिंह और जीवनी लेखक सुजाता प्रसाद बातचीत करती हैं। अ लाइफ लाइक नो अदर में मानसिंह ने तीन नृत्य प्रकारों-भरतनाट्यम, ओडिसी और छाउ के साथ ही आजादी के बाद के भारत में षास्त्रीय कला के विकास के बारे में और अपनी लगातार बदलती जिंदगी के बारे में बात की जिसे उन्होंने उत्सुकता और बेजोड़ रचनात्मकता के साथ जीना जारी रखा।
आॅन पेज, आॅन स्टेज एंड आॅन स्क्रीन में बच्चों की बेस्टसेलिंग किताब द ग्रुफालो की लेखक जुलिया डोनाल्डसन, अभिनेता डेरिल षूट और जुलिया के पति एवं बाल रोग विषेशज्ञ मैलकम डोनाल्डसन ने नुपूर पाइवा के साथ द ग्रुफालो द्वारा युवा पाठकों के लिए रची गई उज्ज्वल और अजीब दुनिया के बारे में बात की।
कहानी कहने, प्रस्तुतियों, कवितावाचन के मजेदार सत्र में डोनाल्डसन ने बच्चों के लिए लिखने, अपने काम में मजबूत प्रस्तुतिकरण के तत्व और मैजिक लाइट पिक्चर्स द्वारा द ग्रुफालो और अन्य किताबों के फिल्म के रूप में परिवर्तन की प्रक्रिया के बारे में बात की। फेस्टिवल प्रोग्राम मंच के ड्रामा और नाटकों की विरासत के प्रति भी अपना सम्मान प्रकट करता है। ग्लोब टू ग्लोब: वाई षेक्सपियर वक्र्स इन एवरी कंट्री आॅफ द वल्र्ड अत्यंत आकर्शक सत्र है जहां ऐतिहासिक ग्लोब थिएटर के कला निदेषक डोमिनिक ड्रूमगूले ने अविष्वसनीय सफर के बारे में बताया। षेक्सपियर के जन्म की 450वीं वर्शगांठ के लिए लंदन में द ग्लोब थिएटर ने पूरी दुनिया के साथ हेमलेट को साझा करने का बेजोड़ सफर षुरू किया। ड्रूमगूले के दिमाग की उपज ’’हेमलेट ग्लोब टू ग्लोब’’ एक यात्रा और एक अद्भूत अनुभव है जिसने दो वर्शों में 197 देषों में 1,90,000 मील से अधिक का सफर तय किया है। तपते रेगिस्तान, राजधानियों और दूरदराज के षहरों, भीड़भाड़ भरे बाजारों और पैसिफिक आईलैंड पर, मैक्सिको में फूड प्वाॅइजनिंग के बावजूद, नुकसान के डर के बीच सोमालीलैंड, पष्विमी अफ्रीका में इबोला महामारी और यूक्रेन में राजनीतिक बवाल के बावजूद ग्लोब के कलाकार लगातार कोषिष करते रहे, अपने प्राॅप्स, उपकरण और परिधान लेकर चलते रहे और दो घंटों से भी कम समय पूरा सेट तैयार करते थे। फेस्टिवल में ड्रूमगूले अपने मेहनतकष और प्रभावी कलाकारों का परिचय कराएंगे, अपनी यात्रा के दौरान आए उतार-चढ़ावों के बारे में बात करेंगे और अपनी महान थिएरिटकल यात्रा के चष्मे से चर्चा करेंगे कि क्यों हेमलेट और साधारण तौर पर षेक्सपियर लौकिक और भौगोलिक सीमाओं के पास वैष्विक अपील रखते हैं। इसके अलावा वह षेक्सपियर के महान कार्यों, नाटकों के इतिहास पर गौर करेंगे, इसके अर्थों और इसके आनंद के बारे में बात करेंगे और आधुनिक मंच पर षेक्सपियर की मौजूदगी की नाटकीय और हृदयस्पर्षी असर को प्रदर्षित करेंगे।
गल्र्स बार कमिंग आउट आॅफ द वुड्स के साथ परफाॅर्मिंग पोएट्री यानी प्रस्तुति कविताएं फेस्टिवल के केंद्र में है जो एक षानदार षो होने का वादा करता है-हाफ डांस, हाफ रीडिंग-जिसमें देष के जाने-माने और प्रतिभाषाली युवा कवि हिस्सा लेंगे।
मिल्क एंड हनी आकर्शक सत्र में आषुकवि और इंटरनेट पीढ़ी की प्रतिनिधि रुपी कौर ने दर्षकों के लिए प्रस्तुति देती हैं और उन चीजों का प्रदर्षन करती हैं जिन्होंने एक बेजोड़ परिदृष्य बनाया है। इसके बाद जाॅन फ्रीमैन द्वारा प्रदर्षित किए गए जेनिस पैरिएट, जीत थाइल, जोवान मेज, मेलीजारानी टी. सेल्वा और नैथालाइ हंडल प्रस्तुतियां देंगे जहां सबसे षानदार प्रस्तुति देने वाले कवि चारबाग मंच पर मौजूद होंगे। ऐसे में आतिषबाजियां तो बनती हैं!
ऐसे में अपनी सीटबेल्ट बांध लें और सर्वश्रेश्ठ कहानियों का अनुभव लेने के लिए तैयार हो जाएं!

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