सामाजिक

बच्चों को तंबाकू से बचाने के लिए बैरकपुर पुलिस की पहल

बैरकपुर । रायण हेल्थ हावड़ा और संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के सहयोग से बैरकपुर पुलिस कमीश्नर द्वारा बैरकपुर को तंबाकू मुक्त करने के लिए जागरूकता पहल के रूप में एक रैली आयोजित किया गया। जिसका मुख्य लक्ष्य तंबाकू के उपयोग से जुड़े जोखिम कारकों को उजागर करना , वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी को तम्बाकू की महामारी से बचाना और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना था।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2 (गेटस -2) के आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 2.3 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन किसी न किसी रूप में करते हैं और हर साल तंबाकू के सेवन से पैदा हाने वाली बीमारियों से 1.5 लाख लोग मर जाते हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल में रोजना 440 से अधिक बच्चे तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) में सार्वजनिक स्थानों, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन और इसे बढ़ावा देने, नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री बिक्री, शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों से 100 गज की दूरी के भीतर बिक्री और बिना अनिवार्य चेतावनियों के बिना तम्बाकू उत्पादों की बिक्री और धूम्रपान पर रोक लगाने का प्रावधान है। कार्यक्रम के दौैरान केाटपा नियमों के बारे में जानकारी दी गई।
इससे पूर्व पुलिस लाईन से स्कूल व कालेज के बच्चों के द्वारा रैली को कमीश्नर डा.राजेंश कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और वे स्वंय भी बच्चों के साथ चलते रहे। यह रैली पुलिस लाइन से शुरु हेाकर चिड़िया मोड़ होते हुए सुकांत सदन पहुंची। इस दौरान पुलिस के जवान भी दुपहिया वाहनों पर बैठकर तंबाकू न करने का संदेश देते रहे। इसके बाद तंबाकू पर एक परामर्श सत्र और पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। पुरस्कार समारोह में 20 छात्रों को तंबाकू विरोधी पेास्टर बनाने की प्रतियोगिता में पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बैरकपुर नगर पालिका के अध्यक्ष उत्तम दास, डॉक्टर, शिक्षकों, पुलिस कार्मिकों के साथ 500 से अधिक छात्रों ने वॉकाथन में हिस्सा लिया। जागरूकता सत्र का उद्देश्य धूम्रपान के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने, युवाओं के बीच तम्बाकू के सेवन को रोकने के लिए तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों को बढ़ावा देने के साथ-साथ तम्बाकू के उपयोग के सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक हानि को उजागर करना था।
इस अवसर पर डॉ.राजेश कुमार सिंह ने कहा, बच्चों में बचपन से ही चबाने और धूम्रपान करने की लत पैदा हो रही है, जिससे मुंह के कैंसर सहित अन्य कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे है। बैरकपुर पुलिस केाटपा को पूरी तरह से लागू करने के लिए संकल्पबद्ध है। इससे साथ ही पुलिस युवाओं के लिए पूरी तरह से तंबाकू मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मुहिम में सभी का सहयेाग जरुरी है। इसके लिए सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर केाटपा में कार्रवाई की जाएगी। शैक्षिक संस्थानों के 100 गज की दूरी पर और नाबालिगों के लिए तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। इस अभियान को शुरू करके, हम बच्चों को तंबाकू की लत से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हेाने अब्राहम लिंकन का जिक्र करते हुए बच्चों को कभी भी इस तरह के जहरीले पदार्थों का सेवन न करने की सलाह भी दी।
नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, हावड़ा के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरव दत्ता ने कहा, नारायण हेल्थ पश्चिम बंगाल में युवाओं को तंबाकू के सेवन से रोकने के लिए समर्पित है। अधिकतर मरीजों में तंबाकू के कारण बड़े मुंह के कैंसर के रोगी बढ़ रहे है। इससे बड़ा मानसिक आघात और वित्तीय हानि तथा जीवन में बड़ी नाकामयाबी का सामना इन लोगों को करना पड़ता है। ऐसे कैंसर के मरीजों में लगभग 50 प्रतिशत एक वर्ष से अधिक नहीं जीवित रह पाते। वे सब पश्चाताप करते हैं कि उन्होंने तम्बाकू का सेवन क्यों किया।
उन्होेने कहा कि रोकथाम इलाज से बेहतर है – इसलिए बैराकपुर पुलिस की तंबाकू को ना कहने के लिए जो पहल की है वह सराहनीय है। बैरकपुर पूरी तरह से तंबाकू मुक्त हो इसके लिए सभी यह अभियान सभी के लिए है और इस जिले का तंबाकू मुक्त हेाना पूरे पश्चिम बंगाल में एक रोल मॉडल के रूप बन सकेगा।
नारायण हेल्थ, हावड़ा के फैसेलिटी डायरेक्टर अक्षय ओलेटी ने कहा, हम नारायण हेल्थ में महसूस करते हैं कि देश के नागरिकों को तंबाकू के उपयोगकर्ताओं को तम्बाकू के सेवन से बचने के लिए प्रोत्साहित करना हमारी जिम्मेदारी है। समाज के अच्छे स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के बारे में जागरूकता पैदा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उन्होने बताया कि ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस -2) 2016-17 के अनुसार, भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान तम्बाकू से कहीं अधिक है। वर्तमान में 42.4 प्रतिशत पुरुष, 14.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में 28.6 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं या फिर धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस समय 19 प्रतिशत पुरुष, 2 प्रतिशत महिलाएं और 10.7 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 29 .6 प्रतिशत पुरुष, 12.8 प्रतिशत महिलाएं और 21.4 प्रतिशत वयस्क धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं। 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं जिनकी संख्या सिगरेट या बिड़ी का उपयोग करने वाले 10 करोड़ लोगों से कहीं अधिक हैं।
पश्चिमी बंगाल के गैटस 2 के अनुसार वर्तमान में पुरुषों का 48.5 प्रतिशत , 17.9 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में 33.5 प्रतिशत धूम्रपान या धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करने का प्रचलन है। आंकड़ों के मुताबिक, 31.7 प्रतिशत पुरुष, 0.9 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में 16.7 प्रतिशत तम्बाकू धूम्रपान करते हैं, जबकि 22.8 प्रतिशत पुरुष, 17.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में 20.1 प्रतिशत वर्तमान में धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं।
संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ, ने कहा, बैरकपुर पुलिस की पहल सराहनीय है और हम सब को अपने समाज को स्वस्थ बनाने के लिए मिल जुलकर काम करना चाहिए। पुलिस द्वारा केाटपा के प्रावधानों को लागू करने से हमारी भविष्य की पीढ़ी तंबाकू उत्पाद के घातक शिकार होने से बच जाएगी। कार्यक्रम के अंत में तबांकू न करने की शपथ दिलाई, जिसमें सभी ने शपथ ली कि वे न कभी इस प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन करेंगे और ना ही दूसरेां को करने देंगे।
इस अवसर पर नारायणा सुपर स्पेशलिटी के कैंसर रोग विशेषज्ञ, डा. अपूर्वा गर्ग, वरुण सिंह, डीसीपी अमिताभ बर्मा, डीसीपी जोन 1 के आनंद राय, डीसीपी जोन 1 के डा.के.कन्नन, डीसीपी ट्रेफिक डा.जोबी थामॅस, एसीपी बराकपुर पुलिस हैड र्क्वाटर समीर बसक, अेासी अनुसूया चक्रबर्ती, दस स्कूलों के बच्चे, पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, बैरकपुर पुलिस व संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) की और से सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का मंच संचवालन जयश्री दे सरकार ने किया।

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