सामाजिक

हर महिला को बनाना होगा सशक्त : डाॅ. नाओहेरा शायक

नई दिल्ली, निशा जैन। जानी-मानी कारोबारी, मानव अधिकार कार्यकर्ता, परोपकारी एवं इस्लामी विद्वान तथा हीरा ग्रुप की संस्थापक और सीईओ डाॅ नाओहेरा शायक ने अखिल भारतीय महिला सशक्तीकरण पार्टी को लाॅन्च किया। यह एक राष्ट्रीय राजनैतिक दल है जिसका उद्देश्य समाज की हर महिला को सशक्त बनाना है फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या क्षेत्र से ताल्लुक रखती हो। भारत को ऐसी विकसित अर्थव्यवस्था में बदलना इस दल का उद्देश्य है जहां आम आदमी/महिलाएं/नागरिक सरकार को चुकाए जाने वाले करों से लाभान्वित हो सकें। हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आम आदमी को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का फायदा मिले।
इस मौके पर डाॅ. नाओहेरा ने कहा, -भारत 70 साल पहले आजाद हुआ, लेकिन आज भी हमारी एक बड़ी आबादी गरीबी की रेखा से नीचे रहती है। सरकार ने असंख्य कार्यक्रम लाॅन्च किए, गरीबी उन्मूलन एवं अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण के लिए बहुत सी योजनाएं बनाई गईं, लेकिन आम आदमी इन योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो सका है क्योंकि सरकर इन योजनाओं को ठीक से अंजाम देने में नाकाम रहती है। हमारे राजनैतिक दल के माध्यम ये हम देश के हर कोने में मौजूद हर महिला तक पहुंचना चाहते हैं। सरकार इस बात को माने या ना माने, भेदभाव आज भी देश के हर हिस्से में मौजूद है। हमारा दल इसी भेदभाव को दूर करने के लिए प्रयासरत है, ताकि कथित योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाए और आम आदमी को इनका फायदा मिले।
एआईएमईपी के दिल्ली राज्य अध्यक्ष श्री आकिल ने कहा, ‘‘यह सिर्फ हमारे लिए एक राजनैतिक दल नहीं है। यह अखिल भारतीय महिला सशक्तीकरण दल है। यह हर व्यक्ति की पार्टी है। यह हर मां की पार्टी है। यह हर पिता की पार्टी है। यह हर बेटे की पार्टी है। यह हर बेटी की, हर किसान की, हर कारोबारी और हर व्यापारी की पार्टी है। यह भारत के हर नागरिक की पार्टी है। देश के हर कोने में मौजूद हर महिला को सशक्त बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। हमें भारत के हर नागरिक में आत्मविश्वास पैदा करना होगा कि हम सही मायने में हर महिला के उत्थान के लिए कम कर रहे हैं, फिर चाहे वह किसी भी धर्म, जाति उम्र या वर्ग से ताल्लुक रखती हो। हमें हर नागरिक के अंदर यह भरोसा पैदा करना है कि महिला सशक्तीकरण पार्टी उसकी अपनी पार्टी है और उसके लिए काम करती है। हमारी पार्टी का हर स्वयंसेवी समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचने के लिए प्रयास करेगा।’’
एआईएमईपी पार्टी इन मुख्य मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करेगी :
संसद और राज्य विधानसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का मुद्दा काफी समय से लम्बित है और कोई भी राजनैतिक दल महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है। हालांकि सभी पार्टियों ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इसे शामिल किया है।
कामकाजी महिलाओं को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। एक ओर वे कार्यालय, फैक्टरी में देश के लिए काम करती हैं, दूसरी ओर घर और बच्चों की देखभाल करती है। ऐसे में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को कर में छूट देनी चाहिए।
  इतना ही नहीं महिला उद्यमी देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं, जिसके लिए उन्हें आयकर में छूट मिलनी चाहिए।
–  शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना जरूरी है। केन्द्र सरकार को स्वास्थ्यक्षेत्र में मौजूद खामियों विशेष रूप से गर्भावस्था एवं पोषण से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
बड़ी संख्या में महिलाएं असंगठित क्षेत्र में काम करती हैं, जिसे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जा सकता है। इन महिलाओं के लिए विशेष बीमा योजनाएं एवं अन्य योजनाएं पेश की जानी चाहिए।
–  महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। हर्ष कानून लागू किए जाने चाहिए। विशेष रूप से बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
–  केन्द्र सरकार को बाल विवाह पर सख्ती से प्रतिबंध लगना चाहिए, देश के कई हिस्सों में आज भी बाल विवाह खुलेआम हो रहे हैं।
–  हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है, इसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका भी अहम रही है। लेकिन आज भी बहुत सी मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक प्रणाली के तहत तलाक दिए जा रहें हैं, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सख्त निगरानी प्रणाली लागू की जानी चाहिए।
–  बाल मजदूरी कानूनी रूप से प्रतिबंधित है लेकिन लोग आज भी अव्यस्क लड़कियों से घरेलू काम कराते हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और इन लड़कियों के लिए शिक्षा योजनाएं लागू करनी चाहिए।
–  केन्द्र सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए कई सकारात्मक प्रयास किए हैं, कई योजनाएं लागू की हैं, लेकिन महिलाओं को इनका फायदा नहीं मिल रहा। केन्द्र सरकार को महिलाओं की समस्याओं पर निगरानी रखने के लिए ‘माॅनिटरिंग कमेटी’ का गठन करना चाहिए, ताकि इन समस्याओं का सही समाधान किया जा सके।

 

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