सामाजिक

कथाकार एक बार फिर 11 से 13 अक्तूबर को विश्व में कथावाचन का जादू बिखेरेगा

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी इसी सप्ताह एक बार फिर विश्व की पौराणिक कथाओं के वाचन गूंजेगी। देश में बोलकर कथा सुनाने के एकमात्र उत्सव कथाकार 2019 के तहत 11 अक्तूबर से तीन दिन की संध्या तक कथावाचन के आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है। दिलचस्प अंदाज में कथा सुनाने वाले दुनियाभर के पेशेवर और जुनूनी कथावाचक इस नौवें सालाना समारोज में कथावाचन का जादू बिखेरेंगे और यह कार्यक्रम दिल्ली में हुमायूं मकबरे से सटे 16वीं सदी के हेरिटेज पार्क कॉम्प्लेक्स सुंदर नर्सरी में आयोजित किया जाएगा। सांस्कृतिक संस्था निवेश द्वारा 11 से 13 अक्तूबर की संध्या को मुख्य रूप से आयोजित इस समारोह में कुल 17 सत्र होंगे और साथ ही इस दौरान दिल्ली के स्कूलों में सुबह भी यह कार्यक्रम दोहराया जाएगा।
हिमालयन हब फॉर आर्ट, कल्चर एंड हेरिटेज (एचएचएसीएच) और बाबाजी म्यूजिक के सहयोग से आयोजित कथाकार कार्यक्रम आम जनता के लिए खुला है। कथावाचन सत्र मेजबान देश के अलावा पोलैंड, आस्ट्रेलिया, स्वीडन, रोमानिया, मंगोलिया, लिथुआनिया और ब्रिटेन की लोक कथाओं और भारत की दुर्लभ कला विधाओं पर केंद्रित है। समारोह में कार्यक्रम के संरक्षक और स्वरों के जादूगर मोहित चौहान के साथ अभिनेता मनोज वाजपेयी की वार्तालाप के जरिये ‘ किस्से कहानी और अदाकारी’ सत्र भी आयोजित किया जाएगा। दोनों हस्तियां शुक्रवार, 11 अक्तूबर की संध्या 7.30 बजे समारोह का उद्घाटन करेंगी।
थियेटर कलाकार दानिश हुसैन खुद के निर्देशन में ‘किस्सेबाजी: ए मल्टीलिंगुअल स्टोरीटेलिंग आॅर्बिट’ की प्रस्तुति देंगे। केरल के परंपरागत तोलपावाकूतु से जुड़े कठपुतली कलाकार तमिल महाकाव्य कंबा रामायण के थीम पर आधारित अपने मशहूर शैडो थियेटर से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। साथ ही पहली बार कलाकार 2019 में हिमाचल प्रदेश के शेराब्लिंग से आए ग्रैमी पुरस्कार विजेता बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बौद्ध मंत्रों का उच्चारण किया जाएगा। इसके अलावा पहली बार आॅस्ट्रेलियाई आदिवासी कथावाचक अंकल लैरी वाल्श अपनी स्वदेशी कथाओं का वाचन करेंगे और भारतीय श्रोताओं के बीच यह उनका पहला अनुभव होगा। फिल्मकार इम्तियाज अली भी फिल्म निर्माण को लेकर अपनी कहानियों का साझा करेंगे।
समारोह का आगाज 2010 में तीन बहनों प्रार्थना, रचना और शगुना गाहिलोत की पहल पर हुआ था जिन्होंने नाट्य प्रस्तुति और त्योहारों के माध्यम से अलगकृथलग पड़ चुकी इस कला विधा कथावाचन को पुनर्जीवित करने में उत्कृष्ट भूमिका निभाई। शगुना कथावाचन में माहिर हैं, साथ ही प्रार्थना और शगुना ने ‘क्यूरियस टेल्स फ्रॉम हिमालयाज’ नामक पुस्तक लिखी है जिसमें हिमालयी क्षेत्र लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी हिस्से की 11 लोककथाएं शामिल हैं।
पोलैंड की कथावाचक एमिलिया रेटर भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर रही हैं और वह अपने देश के गीतों को बीन बजाते हुए गाने के लिए प्रसिद्ध हैं। ब्रिटेन की एमिली हेनेसी भारत में काली और महाभारत से जुड़ीं लोककथाएं सुनाएंगी। इसके अलावा आॅस्ट्रेलिया को छोड़कर दुनिया के अन्य देशों खासकर रोमानिया और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों की कहानियां भी कार्यक्रम में सुनाई जाएंगी। इसमें किस्सेबाजी दो खंडों में प्रस्तुत की जाएगी जिसमें श्रोताओं का कई देशों व संस्कृति की कहानियों से मनोरंजन किया जाएगा। इसके तहत महिला कलाकारों रश्मि मान और रुचिता ताहिलियानी द्वारा हरियाणवी लोककथाओं की भी प्रस्तुति की जाएगी।
सुबह के सत्रों में दिल्ली निगम, सरकारी, प्राइवेट, सामुदायिक और सिविल सोसायटी के स्कूलों के बच्चों का मनोरंजन किया जाएगा। ये सत्र प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के बच्चों में विभाजित होंगे जिनमें आठ साल और इससे अधिक उम्र के बच्चों को कहानियां सुनाई जाएंगी। यह कार्यक्रम सबसे पहले यूनेस्को के निर्देशन में घुमक्कड़ नारायण के तहत शुरू किया गया था। घुमक्कड़ नारायण भारत के पहले ब्रेल एडिटर और उत्सुक पाठक तथा साहित्यकार ठाकुर विश्व नारायण सिंह की याद में शुरू किया गया एक चलता-फिरता साहित्य समारोह है।

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