सामाजिक

महाराणा प्रताप जयंती पर क्षत्रिय महासभा ने निकाली विशाल रैली

नई दिल्ली। मात्रभूमि की स्वतंत्रा के लिए मुगलों से लोहा लेने वाले शूरवीर महाराणा प्रताप की जयंती मुरैना जिले के सती मंदिर सरसेनी में बड़े धुमधाम से मनाई गयी। इस अवसर पर एक भव्य व विशाल रैली निकाली गई। रैली सुबह 10 बजे सर्किट हाउस मुरैना से शुरू हुई और सरसेनी सती धाम तक पहुंची। भव्य रैली में युवाओं का जोश देखने लायक था। लगभग दो किलोमीटर लंबी रैली में राजपुताना पगड़िया बांधे लोग अपनी विरासत तथा संस्कृति का प्रदर्शन करते हुए शूरवीर महाराणा प्रताप के जयकारे लगाते जा रहे थे।
रैली की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सिकरवार और वीर प्रताप सिंह ने की। वहीं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के समस्य पदाधिकारियों ने जन सभा में आये अतिथियों का स्वागत किया। सती माता मंदिर सरसेनी में आयोजित जनसभा में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा राजेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए तथा विशेष अतिथि के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैनेन्द्र सिंह पवार, राष्ट्रीय महामंत्री/राष्ट्रीय प्रमुख मीडिया प्रभारी उमेश कुमार सिंह, राष्ट्रीय मंत्री/प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़ राजस्थान, सर्वेन्द्र सिंह चौहान उपस्थित हुए। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता राजा राव लोकेन्द्र सिंह सिकरवार कोडेरा नेे की।
मुख्यतिथि व आए हुए अन्य गणमान्य लोगों ने शूरवीर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ा कर उनको श्रंदाजलि दी। मुख्यतिथि राजा राजेंद्र सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ऐसे वीर राजा थे, जिन्होंने मुगलों की गुलामी को नहीं स्वीकारा और अपने राष्ट्र के आत्मसमान के लिए लगातार मुगलों से संघर्ष किया। इसके लिए उन्होंने जंगलों में रहकर घास की रोटी भी खाई। उन्होंने कहा कि मुगलों की भारी भरकम फौज के सामने महाराणा प्रताप की कम संख्या में फौज होने के बाद भी हल्दीघाटी का युद्ध बड़ी हिम्मत और जोश के साथ लड़ा और मुगलों के दांत खट्टे किए। कार्यक्रम में चंद्रभान सिंह सिकरवार और अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र सिंह सिकरवार रिंकु ने किया।
कार्यक्रम में देशभर से एकत्रित हुए पदाधिकारी जिनमें राष्ट्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बी.के.सिंह व संगठन मंत्री विक्रम सिंह राठौड, विश्वजीत सिंह, राष्ट्रीय मंत्री नरसिंह सिकरवार, मीडिया प्रभारी मध्य प्रदेश दामोदर सिंह देवड़ा, आरती चौहान, पप्पू सिंह तोमर, तारा सिंह सिकरवार, उम्मेद सिंह सिकरवार, धमेंद्र सिकरवार, बंटी परमार, प्रताप सिंह, वीर प्रताप सिंह, महेश सिंह अरहेला, राजकुमार सिंह सिकरवार, सौरव सिकरवार सरपंच, भानु प्रताप सिंह, ललित तोमर, सतेंद्र सिंह सिकरवार पवन सिंह तोमर, आदि देश के सैकड़ों पदाधिकारी उपस्थित थे।

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