हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई कन्याओं का विवाह एक ही पंडाल में कर रचा इतिहास
नई दिल्ली। अक्सर हमने सुना और पढ़ा है ‘हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आपस में है भाई-भाई’ इस बात को सच कर दिखाया फियाम फाउंडेशन और वैश्य अग्रवाल एवं जैन महापंचायत द्वारा आयोजित 21 नवंबर 2018 को हुए सामूहिक विवाहोत्सव में। एक ही पंडाल में भारत के मुख्य धर्म माने जाने वाले हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्मों की कन्याओं का विवाह तीसरी बार उनके रीति रिवाज के अनुसार क्वात्रा टैंट, हवेली हरिनगर में करवाया गया। आपको बता दें अभी तक फियाम फाउंडेशन एवं महापंचायत मिलकर 93 निर्धन परिवारों की कन्यायों का विवाह करवा चुके हैं, तो वहीं इस वर्ष 36 कन्याओं का विवाह करवाया गया। जहाँ एक तरफ मुस्लिम जोड़े का विवाह मुस्लिम परम्परा अनुसार काजी द्वारा तो वहीं ईसाई धर्म का विवाह ईसाई परम्परा अनुसार फादर (पादरी) द्वारा करवाया गया। इनके अलावा हिन्दू जोड़ों का विवाह हिन्दू रीतिरिवाज एवं मंत्रोच्चारण के साथ फेरे करवा कर किया गया। समारोह में जैन आचार्य लोकेश मुनि जी, महापौर आदेश गुप्ता जी, संसद भवन के सह सचिव डी.एस. मल्लाह जी, फिल्म अभिनेत्री अंजलि सिंह जी, पूर्व मंत्री हरशरण सिंह बल्ली जी, विधायक जगदीप सिंह जी, राष्ट्रीय कवि संगम के संस्थापक अध्यक्ष जगदीश मित्तल जी (आर.एस.एस. के पूर्व प्रचारक), पार्षद वीना शर्मा जी, पार्षद पूनम जिंदल जी, पूर्व पार्षद रजनी ममतानी जी, पूर्व पार्षद राधिका सेतिया जी, पूर्व पार्षद तिलोत्तमा चैधरी जी आदि ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की तथा सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। साथ ही इस मौके पर महापौर आदेश गुप्ता जी ने कहा कि जे.के. जैन जी की तरह यदि हर उद्योगपति इस तरह का संकल्प ले तो हमारे देश से कन्या भ्रूण हत्या जैसा महापाप हमेशा के लिए खत्म हो जायेगा। फियाम फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी जे.के. जैन जी एवं महापंचायत के महामंत्री आशीष जैन जी सहित सैकड़ों समाजसेवियों ने सामूहिक विवाह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महापंचायत के महामंत्री आशीष जैन जी ने बताया कि फियाम फाउंडेशन के सहयोग से हमारी संस्था सभी नवविवाहित वर-वधू को दाम्पत्य जीवन प्रारम्भ करने हेतु सहयोग व् आवश्यक सामग्री भी उपहार स्वरुप देती है। साथ ही हमारी संस्था ने सर्वधर्म समभाव का सन्देश देने के लिए चारों धर्मों की कन्याओं का विवाह एक पंडाल के नीचे उनके धर्मानुसार ही करवाया और आगे भी इसी तरह हम निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह करवाते रहेंगे।