मूवी रिव्यु

भोला बनकर लड़कियों को ठगता फ्राॅड संयियां

फिल्म का नाम : फ्रॉड सैंया
फिल्म के कलाकार: अरशद वारसी, सौरभ शुक्ला, सारा लॉरेन, फ्लोरा सैनी, एली अवराम, निवेदिता तिवारी, भावना पाणि, पियूष सहाय और अन्य
फिल्म के निर्देशक : सौरभ श्रीवास्तव
रेटिंग : 2/5

निर्देशक सौरभ श्रीवास्तव ने एक ऐसे टाॅपिक को चुना है जिसका कंटेंट भले ही नया न हो लेकिन यदि इस पर विचार किया जाए तो आप देखेंगे कि आज का युग इतना बदल गया है कि शादी जैसे पवित्र रिश्ते को कुछ लोगों ने ठगी का कारोबार बना लिया है। लुटेरी दुल्हन के बारे में भी आपने सुना होगा जिसने कई शादियों के ज़रिए कई मर्दों को ठगा था, और एक ऐसा व्यक्ति भी था जिसने सात अलग-अलग शहरों में महिलाओं से शादी की थी और उनके साथ फ्राॅड किया था। इस फिल्म में भी कुछ ऐसा ही है। फिल्म में अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला हैं जिन्होंने पहले भी जाॅली एलएलबी में हमारा मनोरंजन किया है। एक बात जो हमने नोटिस किया कि फिल्म शायद नोटबंदी से पहले से बन रही थी इसलिए दो जगह जो नोट दिखाए गए हैं वो नोटबंदी से पहले के पुराने नोट हैं जो अब चलन में नहीं है। फिल्म 18 जनवरी को रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म प्रकाश झा के प्रोडक्शन में बनी है।

फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी शुरू होती है लखनउ से जहां अरशद वारसी को लोगों से बचकर दुल्हे के कपड़ों में भागते हुए दिखाया जाता है। यह भागता हुआ व्यक्ति भोला प्रसाद त्रिपाठी (अरशद वारसी) है जो काम-धंधा कुछ करता नहीं हैं लेकिन पैसों के लिए अमीर लड़कियों को फंसाकर या यूं कहें कि अपने नाम के हिसाब से भोला बनकर लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाता है और शादी करता है। वह इसी ठगी के धंधे को अपना मकसद बना लेता है कि सिंदूर भरो, अंगूठी पहनाओ और रुपये कमाओ। इसी तरह वो 12 शादियां करता हैं। वो अपने मकसद में कामयाब भी होता है लेकिन तभी उसकी जिंदगी में मुरारी (सौरभ शुक्ला) की एंट्री होती है, जो कि भोला की ही एक बीवी का ताउ है और एक प्रावेट डिटेक्टिव भी है। मुरारी को जब भोला की इस फ्रॉडगिरी का पता चलता है, तब वह उसके पीछे लग जाता है और इस बात को पक्का इरादा कर लेता है कि वह उसे मज़ा चखाएगा। क्या भोला को मुरारी कभी भी बेनकाब कर पाता है या नहीं यह जानने के लिए आपको थिएटर का रूख करना होगा।

अगर बात करें एक्टिंग की तो फिल्म में सौरभ शुक्ला और अरशद वारसी की वजह से थोड़ी चल पाएगी। ये दोनों मंझे हुए कलाकार हैं और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। हमेशा कि तरह दोनों ने अपना बेस्ट दिया है। फिल्म में पुराने गाने छम्मा-छम्मा को रिक्रिएट किया गया है जिसे कभी उर्मिला मंतोडकर पर फिल्माया गया था। अब इस फिल्म में इसी गाने पर एली अवराम ने आइटम नं. किया है। फिल्म में सौरभ शुक्ला और अरशद वारसी के बाद सारा लॉरेन और भावना पाणि थोड़ा ज़्यादा दिखे हैं, भावना ने चंदा के रोल में लेडी डाॅन की भूमिका की है। इनके अलावा बाकी कलाकारों की भूमिका बहुत छोटी है वो सभी बस आते हैं और चले जाते हैं।
फिल्म में सौरभ शुक्ला और अरशद वारसी के बीच फिल्माए गए कई सीन और डायलाॅग काफी रोचक हैं जो आपको हंसाते हैं।

फिल्म क्यों देखें : यदि आप सौरभ शुक्ला और अरशद वारसी की एक्टिंग के फैन हैं तो फिल्म एक बार देख सकते हैं।

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