स्वास्थ्य

5 खाद्यान जो आपको रखेंगे हमेशा जवाँ

‘जवाँ रहने के उपाय’, यह शायद इंटरनेट पर सबसे अधिक सर्च किया जाता है। बाजार में ढेरों विकल्प, चिकित्सीय खोज और उत्पाद भरे पड़े हैं, लेकिन सच में किस पर भरोसा किया जाए? कैसा होगा अगर विज्ञान हमारी युवावस्था और सुन्दरता की उम्र बढ़ा दे और वह भी कुदरती तरीके से? सोनी बीबीसी अर्थ पर 5 फरवरी से शुरू हुए नए शो, ‘हाउ टू स्टे यंग’ में उम्र से संबंधित हर सवाल का जवाब है। लंबे समय तक जवाँ रहने और दिखने का एक तरीका, जैसा कि इस शो में खोजा गया है, स्वास्थ्यकर आहार लेना है। यहाँ कुछ वैसे खाद्य उत्पादों के उदाहरण दिए जा रहे हैं जो आयुर्वृद्धि-रोधक गुणों से भरपूर हैं और जिन्हें दैनिक आहार में शामिल करना भी आसान है।
1. एवोकाडो (रुचिरा)
एवोकाडो आपकी त्वचा में नमी बनाए रखने का सर्वोत्तम स्रोत है। वे असंतृप्त फैटी एसिड से भी भरपूर होते हैं जिससे हृदय संबंधी रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इस तरह एवोकाडो तंदुरुस्त हृदय और चमकती त्वचा के लिए उपयोगी है।
2. दही (योगर्ट)
यह कुछ गिने-चुने खाद्य पदार्थों में से एक है जिसमें हमारे शरीर के लिए आवश्यक सभी तत्व होते हैं। दही में कैल्सियम और प्रोटीन के अलावा अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व और विटमिन्स भी पाए जाते हैं। दही में मौजूद विटमिन बी शरीर की अनेक क्रियाओं, जैसे कि कोशिकाओं की वृद्धि एवं विभाजन के लिए आवश्यक है। रोजाना एक कप दही से आप अपने आहार को स्वास्थ्यकर बना सकते हैं।
3. फल
जल की ज्यादा मात्रा वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि तरबूज, सेब, आड़ू, खरबूज-ककड़ी आदि और खीरा भी त्वचा की कान्ति के लिए बड़े फायदेमंद होते हैं। इन फलों में फाइबर होता है जो पाचन और ताजगी में मददगार है।
4. अखरोट
बादाम श्रेणी में अखरोट एकमात्र फल है जिसमें गुणकारी फैट पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रल एवं उच्च रक्तचाप कम करने में सहायक है। यह न केवल हृदयरोग को रोकता है, बल्कि त्वचा को भी कोमल बनाता है। तो अब आप जान गए हैं कि तंदुरुस्त त्वचा और जीवन के लिए आपको बादाम श्रेणी में क्या खाना चाहिए।
5. शाकाहार
शाकाहार महज एक खाद्य पदार्थ ही नहीं, बल्कि एक संपूर्ण स्वास्थ्यकर आहार है। इस आहार में दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों सहित सभी तरह के पशु उत्पाद से बचा जाता है। इस आहार के दीर्घकालिक प्रभाव से लंबा, तंदुरुस्त जीवन प्राप्त होता है और व्यक्ति अपनी उम्र से काफी छोटा दिखाई देता है। यह सब टोफू, फलियों, अंकुरित अनाज, सन और तुलसी प्रजाति के (चिया) बीजों, बादाम आदि, खीरा-ककड़ी आदि जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से संभव होता है।

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