कोरोना महामारी के बीच डेंटल क्लिनिक मरीजों का विश्वास पुनः स्थापित करने पर केंद्रित
नई दिल्ली। मुंह की बीमारियों को दूर रखने के लिए अच्छी ओरल हाईजीन सबसे ज्यादा जरूरी है। कोरोना महामारी लगातार बढ़ रही है, फिर भी लाॅकडाऊन के बाद कई डेंटल क्लिनिक फिर से खुल गए हैं।
अनिश्चितता की स्थिति अभी भी खत्म नहीं हुई है। भारत एवं विश्व में कोविड के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, इसलिए हैल्थकेयर सुविधा में जाने पर वायरस से संक्रमित होने का डर मरीजों की पहली चिंता है, खासकर तब जब वो डेंटल क्लिनिक जाकर अपना इलाज करा रहे हों, क्योंकि इस संक्रमण के फैलने का सबसे प्रमुख माध्यम सांस से फैलने वाली ड्राॅपलेट्स हैं।
इस महामारी के बीच डेंटल क्लिनिक मरीजों का विश्वास पुनः स्थापित करने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। क्योंकि मरीजों का विश्वास जीतकर ही वो उन्हें अपने यहां आने के लिए आकर्षित कर पाएंगे। लाॅकडाऊन के बाद सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए पारदर्शिता, इलाज में गुणवत्ता, अत्याधुनिक टेक्नाॅलाॅजी का उपयोग एवं हाईजीन के कठोर प्रोटोकाॅल का पालन किया जाना बहुत जरूरी है।
नई दिल्ली की निवासी, श्रद्धा पटनायक ने बताया, ‘‘यदि ओरल समस्या का इलाज न कराया जाए, तो यह काफी पीड़ादायक हो सकता है। लाॅकडाऊन के दौरान मैं काफी समय तक डेंटिस्ट के यहां जाने से कतराती रही, लेकिन इससे मेरे दांत का दर्द बढ़ता गया।’’ आनलाईन परामर्श से श्रृद्धा को इलाज कराने का आश्वासन मिला।
उन्होंने बताया, ‘‘मेरे दो दांतों में बहुत पीड़ा हो रही थी। लेकिन मैं लाॅकडाऊन के दौरान किसी भी डेंटल इलाज से घबरा रही थी। मैंने कुछ दोस्तों से बात की और उन्होंने मुझे क्लोव डेंटल के डाॅक्टर्स के बारे में बताया। मेरे दांत का एक्सट्रैक्शन और आरसीटी बहुत सावधानी से एवं काफी प्रोफेशनली किया गया। डेंटल क्लिनिक जाने पर कोविड 19 होने का जो डर मेरे मन में था, वह दूर हो गया।’’ वह क्लोव डेंटल गई और अपने दांत का इलाज करवाया, जिसके बाद उसे पूर्ण संतुष्टि मिल गई। उसने कहा, ‘‘वहां पर सुरक्षा और हाईजीन का कोई डर मेरे मन में शेष नहीं रहा।’’
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के ओरल हैल्थ उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारत भी इसका अपवाद नहीं। इस महामारी का डेंटिस्ट सहित सभी निजी मेडिकल सुविधाओं की वित्तीय सेहत पर बुरा असर हुआ है। फिक्की-ईवाई के अध्ययन के अनुसार, मार्च में जब लाॅकडाऊन शुरू हुआ, उस समय लगभग 70 प्रतिशत के राजस्व का नुकसान हुआ। लाॅकडाऊन बढ़ाए जाने से वित्तीय स्थितियां सुधरने नहीं वाली थीं। अध्ययन में स्थिति सामान्य होने के लिए तीन तिमाही का समय लगने का अनुमान लगाया गया है। यह डर भी बढ़ रहा है कि डेंटल क्लिनिक आसानी से वायरस को एक मरीज से दूसरे मरीज में पहुंचा सकते हैं।
क्लोव डेंटल के चीफ क्लिनिकल आफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल डाॅक्टर विमल अरोड़ा ने कहा, ‘‘लाॅकडाऊन के पहले दिन से ही हमारा केंद्रण 350 क्लोव क्लिनिक्स में हमारे सभी मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर था। 20 मार्च को हमने देश में अपने अधिकांश क्लिनिक बंद कर दिए। जिस समय ज्यादातर डेंटिस्ट अपने क्लिनिक बंद कर चुके थे और इलाज के लिए उपलब्ध नहीं थे, उस समय हम अपने मरीजों को अकेला नहीं छोड़ सकते थे। हमने हर जोन में 1-2 क्लिनिक चालू रखे, ताकि पूरी सावधानी बरतते हुए इमरजेंसी इलाज दिया जा सके। इसके बाद हमने एक टेलीडेंटिस्ट्री प्लेटफाॅर्म, ‘eDentist@Clove’ लाॅन्च किया, ताकि हमारे मरीजों की पीड़ा को दूर कर उन्हें घर पर ही इलाज दिया जा सके। इसके बाद हमने अपने डाॅक्टरों एवं स्टाफ की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की और हमने नई जीवनशैली में ढलने के लिए एक विस्तृत प्रशिक्षण प्रोग्राम तथा दिशानिर्देश – 10एक्स सुरक्षा प्रोटोकाॅल जारी किए।’’
डाॅक्टर अरोड़ा ने कहा, ‘‘सभी डाॅक्टरों को 10एक्स सुरक्षा प्रोटोकाॅल के लिए प्रशिक्षित किया गया और हर सर्जरी के लिए दुनिया में उपलब्ध सबसे आधुनिक गैजेट्स उपलब्ध कराए गए। इसके बाद सर्जरी में वायरल लोड को कम करने के लिए नए ईक्विपमेंट एवं टेक्नाॅलाॅजी का उपयोग किया गया, ताकि यह पूरी प्रक्रिया ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित हो। हमने सभी क्लिनिक्स में हाई-एंड सुरक्षा ईक्विपमेंट, जैसे एयरोसाॅल सक्शन एंड डिकाॅन्टेमिनेशन यूनिट्स (एएसडीयू) एवं काॅन्सटैंट फ्यूमिगेशन डिवाईसेस (सीएफडी) स्थापित किए। हमारे 10एक्स सुरक्षा प्रोटोकाॅल्स में हर टचप्वाईंट पर सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जो मरीज के क्लिनिक में आने से पहले ही शुरू हो जाते हैं। हम दुनिया में होने वाली नवीनतम प्रगति से खुद को अवगत रख रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे मरीजों को हम सबसे आधुनिक सुरक्षा दे सकें।’’
डाॅक्टर ब्रिगेडियर एस.के. राॅय, एचओडी ओरल एवं मैक्सिलो-फेशियल सर्जरी, क्लोव डेंटल ने कहा, ‘‘हम खुद को पुनः स्थापित करने के लिए अनेक अभिनव उपाय कर रहे हैं, ताकि हमारे क्लिनिक्स में सुरक्षा के सर्वोच्च मापदंड सुनिश्चित हो सकें। क्लोव डेंटल ने टेलीडेंटिस्ट्री सेवा शुरू की है तथा डब्लूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुरूप सभी सुरक्षा प्रोटोकाॅल बढ़ा रहा है, ताकि मरीज की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से स्टराईल वातावरण सुनिश्चित हो। हमने अपने सभी क्लोव क्लिनिक्स में एयरोसाॅल सक्शन एंड डिकाॅन्टेमिनेशन यूनिट्स (एएसडीयू) एवं लेटेस्ट यूवी लाईट चैंबर्स स्थापित किए हैं, जो डेंटिस्ट को उनके घर से भी ज्यादा सुरक्षित वातावरण देते हैं। हम सदैव समय से आगे चलते हैं और चाहे जैसा भी दौर हो हम अपने इसी सिद्धांत के साथ काम करते रहेंगे।’’
भारत में महामारी अपने पैर फैलाती जा रही है, शहरी क्षेत्रों में लोग डेंटल विजिट के दौरान इलाज एवं हाईजीन की बेहतर क्वालिटी की अपेक्षा कर रहे हैं। यद्यपि मरीजों भरोसा पुनः स्थापित होने में लंबा समय लगेगा, लेकिन सेवाएं देने का तरीका इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।