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इंटरनेशनल पैकेजिंग मीट का ‘पैकेजिंग-द ग्रोथ ड्राइवर’ की अनोखी थीम पर फोकस

नई दिल्ली। प्रमोशन और पैकेजिंग स्टैंडडर्स की केंद्रीय सर्वोच्च संस्था, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पैकेजिंग (आईआईपी) के इंटरनैशनल समिट फॉर पैकेजिंग इंडस्ट्री (आईएसपीआई) का आयोजन 27 और 28 अक्टूबर को नेहरू प्लेस के होटल ईरोज में किया गया।
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने और बर्बादी को रोकने के लिए विभिन्न पैकेजिंग मटीरियल, कन्वर्जन की तकनीकों और ऑटोमैटिक पैकेजिंग मशीनरी के आधुनिक ट्रेंड और तकनीकों को उभारना था। इस सम्मेलन में पैकेजिंग यूजर इंडस्ट्री की आवश्यकताएं पूरी करने, आधुनिक उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने और उन्हें संतुष्ट करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन की मुख्य थीम “पैकेजिंग-द ग्रोथ ड्राइवर” थी, जिसका इस आधार पर चयन किया गया कि पैकेजिंग देश की अर्थव्यवस्था के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रही है।
सम्मेलन के साथ-साथ रिसर्च कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य पैकेजिंग इंडस्ट्री में शोध कर रहे विभिन्न यूनिवर्सिटीज के युवा छात्रों को प्रोत्साहित करना था। इसके अलावा कॉन्क्लेव में भारतीय के साथ-साथ विदेशी यूनिवर्सिटीज के उन वैज्ञानिकों को अपने शोधपत्र पेश करने के लिए आमंत्रित किया गया, जिन्होंने पैकेजिंग सिस्टम के माध्यम से नए-नए पैकेजिंग मटीरियल को विकसित किया है। अन्य युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को पैकेजिंग के विविध क्षेत्रों में आधुनिक शोध के लिए प्रेरित करने के मकसद से भी इस सम्मेलन का आयोजन किया गया।
27 अक्टूबर को रिसर्च पेपर पर एक पोस्टर सेशन भी आयोजित किया गया, जहां फूड टेक्नॉलोजी, पॉलिमर टेक्नॉलोजी, प्रिंटिंग टेक्नॉलोजी और पैकेजिंग डिजाइन से जुड़ीं विभिन्न एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स ने पैकेजिंग इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं पर पोस्टरों का प्रदर्शन किया।
आईएसपीआई के बारे में बोलते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के निदेशक डॉ. एन. सी. साहा ने कहा, “ग्लोबलाइजेशन के बढ़ते दौर में बाजार की यह मांग है कि पैकेजिंग से न सिर्फ क्वॉलिटी प्रोडक्ट्स की डिलिवरी हो, बल्कि इससे पर्यावरण पर भी कम से कम प्रभाव पड़े। इन्हीं कारकों के चलते एक विज्ञान के रूप में पैकेजिंग से अतिरिक्त उम्मीदें लगाई जा रही है। पैकेजिंग इंडस्ट्री ने पैकेजिंग के कच्चे माल के अधिक से अधिक उत्पादन, अलग-अलग तरह की पैकेजिंग में इसके रूपांतरण और पैकेजिंग के विभिन्न रूपों के उपयोग ने देश की अर्थव्यवस्था को विशाल पैमाने पर प्रभावित किया है। इन्हीं सब बातों का ध्यान रखते हुए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पैकेजिंग एक्सपटर्स को एक मंच पर लाना पैकेजिंग इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा यह खास थीम पैकेजिंग-द ग्रोथ ड्राइवर आज के संदर्भ में विशेष रूप से उपयुक्त है।“
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मौजूद विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों में आईआईपी के निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) एन. सी. साहा, आईआईपी के चेयरमैन श्री सुबोध गुप्ता, फूड सेफ्टी और स्टैंडडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के सीईओ श्री पवन अग्रवाल, भारत सरकार की वाणिज्य सचिव सुश्री रीता टियोटिया, अमूल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री आर. एस. सोढ़ी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के कार्यकारी निदेशक श्री ए.एन. झा, आईआईपी की कॉन्फ्रेंस कमिटी के चेयरमैन श्री तरुण डागा, भारत सरकार की एपीईडीए के चेयरमैन श्री डी. के. सिंह, इंडियन फार्मासोपोइया कमीशन के सचिव और वैज्ञानिक निदेशक और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉ. जी. एन. सिंह, सिग्नोड इंडिया लिमिटेड के ग्रुप प्रेसिडेंट श्री आरवीएस रामाकृष्णा, हिमालया ड्रग्स लिमिटेड के महाप्रबंधक डॉ. विजेंद्र प्रकाश और यूफ्लेक्स लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर श्री अमित राय शामिल थे।
आईएसपीआई के आयोजन के साथ आईआईपी के अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी हुए, जिसमें तीन दिन का ट्रेड शो ‘इंडियापैक पेक प्रोसेस 2017’, इंडिया स्टार 2017 का समापन समारोह और प्रो मशीन अवाडर्स 2017 शामिल थे।

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