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इंडियन चौंबर ऑफ कॉमर्स ने देश की उभरती अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को लेकर वुमन एम्पावरमेंट समिट का आयोजन किया

नई दिल्ली। इंडियन चौंबर ऑफ कॉमर्स ने 22 जुलाई 2022 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, में ‘आईसीसी वुमन एम्पावरमेंट समिट 2022’ का आयोजन किया। यह आयोजन उन महिला संस्थापकों को प्रोत्साहित करने और सुविधा प्रदान करने पर केंद्रित था जिन्होंने देश की उभरती अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय यात्रा और महान योगदान दिया है।

महिला सशक्तीकरण के महत्व पर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित आईसीसी एनसीडब्लू वूमैन एम्पॉवरमेंट समिट 2022 में उच्च स्तरीय शिखर वार्ता में नए भारत में उद्योग और व्यवसाय के विकास एवं प्रगति में महिलाओं के भागीदारी को बढ़ावा देने पर विचार विमर्श किया गया। पूरी दुनिया में महिलाओं ने खुद को पुरुषों के समान समर्थ साबित करके दिखाया है। जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इन सब बाधाओं और मुश्किलों के बावजूद वो पुरुषों के वर्चस्व वाले इस समाज में अपनी क्षमता को साबित करती आई हैं।
भारत की अग्रणी रियल इस्टेट कंपनी, स्मार्टवर्ल्ड डेवलपर्स की सह-संस्थापिका मिस एश्वर्य बंसल ने देश के उद्योग जगत में महिलाओं की भूमिका पर बात की । एक जीवंत व ज्वलंत उदाहरण के रूप में रियल ईस्टेट उद्योग में मिस बंसल की संलग्नता और स्मार्टवर्ल्ड डेवलपर्स के डिजिटाईज़ेशन एवं इनोवेशन में उनका महत्वपूर्ण योगदान महिला शक्ति का एक अभूतपूर्व उदाहरण है।
प्रतिष्ठित वक्ताओं में प्रख्यात एवं आदरणीय मिस रेखा शर्मा, चेयरपर्सन, नेशनल कमीशन फॉर वीमैन और श्री धीरज पुरी, को-चेयरमैन – आईसीसी नर्दर्न रीज़नल काउंसिल; अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करने वाले, न केवल अपने-अपने देशों में, बल्कि पूरे विश्व में महिला सशक्तीकरण के सबसे मुखर और शक्तिशाली समर्थक, कोलंबिया की एम्बेसडर, माननीय मिस मैरियाना पशेसो; इंडोनेशिया की एम्बेसडर माननीय मि. इना एच. कृष्णमूर्ति, और थाईलैंड की एम्बेसडर, माननीय पत्तारत होंगतोंग शामिल थी ।
इस कार्यक्रम में सिमरिन बक्शी, एजुकेशनिस्ट – बक्शी ग्रुप ऑफ कंपनीज़, सेंट्रल पार्क ने कहा मैं प्रभावशाली वक्ताओं और उन्होंने जो कुछ कहा, उससे बहुत प्रभावित हूँ। मुख्य वक्ताओं और विशेष गेस्ट ऑफ ऑनर के सभा को संबोधन के बाद उल्लेखनीय महिला कार्यकर्ताओं के साथ एक पैनल वार्ता का आयोजन किया गया। इस वार्ता में महिलाओं का देश के विकास में अहम भूमिका है और इसको बढ़ावा देने की पर विशेष ध्यान देने बारे में विचार विमर्श किया गया और कहा गया कि देश की प्रगति तब तक संभव नहीं हो सकती, जब तक महिलाओं को समानता प्रदान न की जाए। उन्हें पुरुषों के समतुल्य बनाना होगा। विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को सम्मानित किए जाने और उनकी सराहना किए जाने की जरूरत है। महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान किए जाने की जरूरत है।
आईसीसी के क्षेत्रीय निदेशक और कार्यक्रम के एक आयोजक, श्री देबमल्या बनर्जीने कहाः ‘‘भारत का संविधान लैंगिक समानता को मान्यता देता है। संविधान की प्रस्तावना से लेकर मौलिक अधिकारों और राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (डीपीएसपी) तक संविधान के सभी घटकों में लैंगिक समानता और समानतापूर्ण समाज को बढ़ावा दिया गया है। संविधान राज्यों को महिलाओं के पक्ष में सकारात्मक पक्षपात के उपाय करने का अधिकार देता है। राज्य ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी में महिलाओं की संलग्नता बढ़ाने के प्रयास भी किए हैं। इनमें उच्च शिक्षा के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए लड़कियों को प्रोत्साहित करना, वैज्ञानिक और तकनीकी इनपुट पर केंद्रित विकास परियोजनाओं में महिलाओं को शामिल करना, मूल्य आधारित वैज्ञानिक शिक्षा का विकास कर बचपन से ही वैज्ञानिक अभिरुचि का विकास करना शामिल हैं।’’
स्कूलों को स्थापित कर चुकी शिक्षाविद, सिमरन बक्शी ने कहा, ‘‘शिक्षा उन्नति और विकास का सबसे जीवंत तत्व है। यह भारत में महिलाओं का सशक्तीकरण करने और मानव संसाधन का विकास करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। शिक्षा रोजगार और आजीविका के लिए संभावनाओं के द्वार खोलती है, जिससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण होता है। विकसित देशों के समुदाय में शामिल होने के लिए, लोगों को महिलाओं की शिक्षा का मूल्य व महत्व समझना होगा और भारत को प्र्रगति के मार्ग पर ले जाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। शिक्षा व्यक्ति को विवेकशील बनाती है, उसे विश्लेषण करने, व्याख्या करने, आलोचना करने और अपने वातावरण में परिवर्तन लाने में समर्थ बनाती है। इससे उसे वो कौशल प्राप्त होते हैं, जो उसका उत्साह और जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता बढ़ाते हैं।’’

नर्दर्न रीज़नल काउंसिल के आईसीसी को-चेयरमैन, धीरज पुरी ने कहा, ‘‘यह सराहनीय है कि ‘स्मार्टवर्ल्ड डेवलपर्स जैसी कंपनियां हमारे देश में महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर गंभीर हैं। ये अभियान हमारे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘आईसीसी में हमें खुशी है कि आईसीसी वीमैन शिखर वार्ता की वार्ता अध्यक्ष, मिस एश्वर्य बंसल हमारे साथ हैं। उन्होंने एक सच्ची महिला नेतृत्वकर्ता और उद्योग के आदर्श के रूप में आत्मविश्वास और साहस के साथ हमारा नेतृत्व किया।’’
बता दें कि प्रमुख नेतृत्व भूमिकाओं में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई प्रगतिशील कंपनियों, बोर्डों और यहां तक कि निवेशकों के प्रयासों के बावजूद, भारत में संगठनों में शीर्ष नेतृत्व स्तरों पर उनकी संख्या बहुत कम है। महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन करियर प्लेटफॉर्म द्वारा 350 से अधिक बड़ी, मध्यम और छोटी कंपनियों के सर्वेक्षण के अनुसार, वरिष्ठ नेतृत्व में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2020 में 23% से गिरकर 2022 में 13% हो गया है।

एनएसई 200 कंपनियों के डेटा से पता चलता है कि भारत में संगठनों के वरिष्ठ प्रबंधन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व महज 7% है, जो कि शीर्ष प्रबंधन स्तर पर और भी कम होकर 5% हो जाता है, जैसा कि एक हालिया अध्ययन के अनुसार है। लिंग विविधता पर बातचीत में पुरुषों को बहुत अधिक शामिल करने की आवश्यकता है। प्रत्येक सीईओ जब वे उत्तराधिकार की योजना बना रहे हैं तो उन्हें महिलाओं पर विचार करने के बारे में जागरूक होना चाहिए। महिलाओं को तैयार करने के लिए लीडर्स के लिए बहुत अधिक प्रोत्साहन होना चाहिए।

यह एक अच्छी बात है कि भारत में कई बड़ी कंपनियां महिला लीडर्स की एक पाइपलाइन तैयार कर रही हैं। महामारी ने अनिश्चित समय को नेविगेट करने के लिए अलग-अलग विचारों को लाने के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

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