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‘आज़ादी की अमृत कहानियां’ सीरीज के तहत वास्तविक जीवन के नायकों को सम्मानित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ नेटफ्लिक्स की साझेदारी

दिल्ली। एक तरफ जब आजादी के 75 साल के अवसर पर देशभर में जश्न मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नेटफ्लिक्स और सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऐसे लोगों का सम्मान करने के लिए साझेदारी की है, जिनकी असाधारण और रीयल लाइफ जिंदगी ने हजारों लोगों को प्रेरणा दी है। इस साझेदारी के तहत ‘आजादी की अमृत कहानियां‘ शीर्षक से प्रेरक लघु वीडियो की एक सीरीज तैयार की जाएगी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में आज इस सीरीज को लॉन्च किया गया।
कार्यक्रम में मौजूद नेटफ्लिक्स की ग्लोबल हेड ऑफ टीवी बेला बजरिया ने कहा, ‘‘महान कहानियां कहीं से भी आ सकती हैं और अक्सर इनके जरिये ऐसे लोगों की दास्तान सामने आती हैं, जिन्होंने मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ साझेदारी में रची गई सीरीज ‘आजादी की अमृत कहानियां’ ऐसे ही प्रेरक लोगों की जिंदगी पर आधारित है। इस सीरीज में ऐसी कहानियों को शामिल किया गया है, जो भारत और दुनिया भर के लोगों को प्रेरित कर सकती हैं।’’
प्रतिष्ठित अभिनेत्री नीना गुप्ता ने इस सीरीज की कहानियों में सूत्रधार की भूमिका निभाई है। यह सीरीज हमें बताती है कि किस तरह हमारे समकालीन नायकों ने अपने जीवन के प्रेरणास्पद सफर के दौरान तमाम बाधाओं को पार किया और कैसे उन्होंने विज्ञान से लेकर खेल तक अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ खास कार्यों को अंजाम दिया और अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई।
अपने-अपने क्षेत्र में खास उपलब्धियां हासिल करने वाले ये नायक यहां बता रहे हैं कि उनके लिए आजादी के क्या मायने हैं-
‘अगर पहले किसी ने कोई प्रयास नहीं किया है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे नहीं कर सकते। मेरे लिए, आज़ादी का मतलब है एक भीषण आग का सामना करना।’ – हर्षिनी कान्हेकर, भारत की पहली महिला फायर फाइटर।
‘जीवन का उद्गम जल से है, और जल ही जीवन है। मैं नदी की तरह मुक्त रूप से बहना पसंद करती हूं, और मैं हमेशा पानी की रक्षा और सेवा करती रहूंगी, यही मेरे लिए आजादी है।’ – बसंती देवी, पर्यावरणविद और कोसी नदी इकोसिस्टम की रक्षक।
‘अगर नारी जीवन का सृजन करने की शक्ति रखती है, तो महिला जीवन बचाने की शक्ति भी रखती हैं। अगर मुझे दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगानी पड़े, तो मैं दोबारा नहीं सोचूंगी।’ – पूनम नौटियाल, जिन्होंने उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में मीलों पैदल चलकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों का टीकाकरण किया।
‘एक वैज्ञानिक होने के नाते, हमें हर पल सीखने के लिए तत्पर रहना होता है। हमें चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है, और हमें निरंतर सीखने की जरूरत है। मैं हमेशा कहती हूं कि विज्ञान की अलग से कोई पहचान नहीं है, और असली आजादी तब है, जब हम अपने देश को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाते हैं।’ – टेसी थॉमस, ‘भारत की मिसाइल वूमैन’, भारत में मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक।
‘मैं कुदरत की एक शक्ति समान हूं, मैं महान ऊंचाइयों को छू सकती हूं, और मेरी यात्रा तो अभी शुरू ही हुई है। आज़ादी का मतलब दुनिया में अपनी जगह बनाना है।’ – अंशु जमसेनपा, 5 दिनों में दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला।
‘जब आप कुछ नया, कुछ अलग किस्म का सपना देखते हैं, तो पहले से कायम नियमों को आगे बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। आजादी का मतलब हवा के साथ एकाकार होना है।’ -आरोही पंडित, दुनिया की सबसे कम उम्र की पहली ऐसी महिला पायलट, जिसने एक लाइट-स्पोर्ट विमान में अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर को अकेले पार किया।
‘आपको सपने देखने का अधिकार है, और अपने सपनों को हासिल करने का अधिकार भी है। लहरों की तरह, धैर्य रखें, लगातार बने रहें और कभी पीछे मुड़कर न देखें। मेरे लिए आज़ादी का मतलब है कि मैं जहां भी जाऊं, समुद्र का थोड़ा सा हिस्सा अपने भीतर समाहित कर लूं।’ – तन्वी जगदीश, भारत की पहली प्रतिस्पर्धी महिला स्टैंड-अप पैडल बोर्डर।
‘आजादी की अमृत कहानियां’ सीरीज के वीडियो अब मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और दूरदर्शन पर उपलब्ध हैं।

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