कू पर कूल है हिन्दी भाषा, 6 लाख से अधिक यूजर्स ने मनाया हिंदी दिवस
दिल्ली। भारत में हिंदी की समृद्धि और लोकप्रियता का जश्न मनाने के लिए #KooHindiFest 2021- भारत के माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo (कू) द्वारा आयोजित पहला हिंदी भाषा उत्सव- आज समाप्त हुआ। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा सहित 10 राज्यों के छह लाख से अधिक लोगों ने हिंदी – भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा- की विरासत का सम्मान करने के लिए रची गई विभिन्न प्रतियोगिताओं और गतिविधियों में भाग लिया। आम उपयोगकर्ताओं से लेकर जाने-माने नेताओं व समाज के सभी वर्गों के लोगों ने Koo (कू) पर अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया। परंपरागत रूप से ‘गैर-हिंदी’ राज्यों का उत्साह और भागीदारी उल्लेखनीय थी।
#CoolHaiHindi,#KooHindiFest और #KooPeKaho पूरे दिन प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड करते रहे क्योंकि लोगों ने इस प्लेटफॉर्म पर भाषा के लिए खुलकर अपने प्यार का इजहार किया, जिसने हाल ही में 1 करोड़ यूजर्स को पार किया।
#KooHindifest 2021, Koo (कू) के #KooPeKaho अभियान के हिस्से के रूप में स्थापित उत्सव का पहला संस्करण है, जिसका उद्देश्य उन भारतीयों से जुड़ना और उन्हें सशक्त बनाना है जो अपनी मातृभाषा में बोलते हैं। अभियान को Koo (कू) के ऐसे दृष्टिकोण के अनुरूप तैयार किया गया है जिससे यूजर्स को एक सरल और उपयोग में आसान माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की पेशकश करके भारत की आवाज का लोकतंत्रीकरण किया जा सके जहां वे खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें। सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां और कन्टेंट शामिल था जो Koo (कू) पर यूजर्स के साथ जुड़ा हुआ था। इनमें से कुछ गतिविधियों में #कविशाला, #मिट्टी का स्वाद, #गीतसागर, #पिक्चर अभी बाकी है और #एक दिन का नायक शामिल थी ।
Koo (कू) के एक प्रवक्ता ने कहा, “#KooHindiFest 2021 केसाथ, हमारा उद्देश्य हिंदी भाषा की समृद्धि का जश्न मनाना है जो भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली आधिकारिक भाषाओं में से एक है। हालाँकि, पहल बहुत बड़ी है दृ इसका उद्देश्य लोगों को याद दिलाना और देशभर में बोली जाने वाली विभिन्न देशी भाषाओं के महत्व पर जोर देना है। हम उत्सव के पहले संस्करण की सफलता से बहुत उत्साहित हैं। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के यूजर्स जैसे – किसान, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, गृहिणी और छात्र की प्रतिक्रिया वास्तव में उत्साहजनक रही। यह स्पष्ट रूप से इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे Koo (कू) भारतीयों को अपनी मातृभाषा में विभिन्न विषयों पर अपनी राय व्यक्त करने में मदद कर रहा है – जिसे अब तक किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने सक्षम नहीं किया है।“