ओले ने भारत में एसटीईएम कॅरियर में लैंगिक अंतर को कम करने के लिये बहु-वर्षीय पहल की शुरुआत की
मुंबई। क्यों युवा लड़कियों को उनके जन्मदिन पर किचन सेट उपहार के तौर पर दिया जाता है? जबकि लड़कों को टॉय रोबोट या कंस्ट्रक्शन सेट दिये जाते हैं? क्या हमारे अचेतन मन में छिपे लिंग पक्षपातों ने लड़कियों को पीछे रखा है? संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत में महिलाएं केवल 14% एसटीईएम या स्टेोम (साइंस, टेक्नोमलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्सा) में अपना योगदान देती हैं। अग्रणी स्किनकेयर ब्रांड ओले विज्ञान का एक ब्रांड है, जो स्वस्थ और सुंदर त्वचा के लिये बेहतरीन विज्ञान से समर्थित प्रोडक्ट्सै की पेशकश करता है और इसके लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों एवं फॉर्मुलेशंस का लाभ उठाता है। इसके साथ ही ओले गर्व से महिलाओं का एक ब्रांड भी है – वैश्विक स्तर पर ओले के 220 वैज्ञानिकों में 50% महिलाएं हैं। ओले का मानना है कि दुनिया को एसटीईएम में अधिक महिलाओं की जरूरत है और उनका मानना है कि भारत में एसटीईएम में लिंग अंतर के इस समीकरण को बदलने का समय आ गया है।
सांस्कृतिक बाधाओं और रूढ़िवादी लिंग भूमिकाओं में बंधकर, अक्सर महिलाओं को देखभाल करने वाली या गृहिणी के रूप में ही देखा जाता है और वे कुछ सीमित क्षेत्रों जैसे शिक्षण, नर्सिंग, फाइन आर्ट्स और गृह अर्थशास्त्र तक सिमट कर रह जाती हैं । हमारे लैंगिक पूर्वाग्रह और रूढ़िवादिता महिलाओं और लड़कियों को आगे नहीं बढ़ने दे रही है। जबकि भारत में एसटीईएम नौकरियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, भविष्य में नौकरियों में प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिये, ओले का मानना है कि हमें ज्यादा से ज्यादा भारतीय लड़कियों को एसटीईएम शिक्षा ग्रहण करने और कॅरियर को निडरता से आगे बढ़ाने के लिये सक्षम बनाना चाहिये।
अपनी सार्थक पहल #स्टेमदगैप के लॉन्च के साथ, ओले इंडिया एसटीईएम में लैंगिक अंतर को कम करने में मदद करने के लिये प्रतिबद्ध है। ब्रांड ने एक जागृति पैदा करने वाली फिल्म से परदा उठाया है, जिसमें बताया गया है कि कैसे हमारे अचेतन पूर्वाग्रह लड़कियों को सिखाते हैं कि एसटीईएम उनके लिये नहीं है। यह फिल्मै हमें सामूहिक रूप से #स्टेमदगैप पर संबोधित करने के लिये आमंत्रित करती है।
इसके अलावा, ब्रांड भारत में लड़कियों की एसटीईएम शिक्षा का समर्थन करने के लिये जरूरी कदम उठा रहा है। लीड के साथ साझेदारी में लड़कियों के लिये एक स्टेम छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू कर रहा है। लीड भारत की अग्रणी स्कूल एडटेक है जिसने 1.2 मिलियन छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा देने के लिए 3000 स्कूलों को सशक्ते बनाया है। 2021 से, ओले भारत के 6 राज्यों में लड़कियों के लिये ट्यूशन फीस, साथ ही टेबलेट और डेटा पैक प्रायोजित कर रहा है।
#स्टेमदगैप पहल पर, प्रियाली कामथ, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, स्किन एंड पर्सनल केयर -एशिया पैसिफिक, मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका, प्रॉक्टर एंड गैंबल (पी एंड जी) ने कहा, ‘ओले विज्ञान से गहराई से जुड़ा एक ब्रांड है और हमारे 50% वैज्ञानिक, महिला होने के नाते, हम जानते हैं कि लड़कियों में अद्भुत वैज्ञानिक बनने की क्षमता होती है। अधिक से अधिक नौकरियों के एसटीईएम आधारित होने के साथ, हम मानते हैं कि लड़कियों को भविष्य की नौकरियों के लिये तैयार करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिये स्टेम के माध्यम से हम लैंगिक अंतर को कुछ करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। हमें इस तरह की दिल छू लेने वाली लेकिन सोची-समझी फिल्म बनाने की खुशी है,जो हमारे समाज में व्याप्त लिंग पूर्वाग्रह को उजागर करने के लिये रोजमर्रा की विभिन्न घटनाओं को एक साथ जोड़ते हुए सबके सामने लाती है। इसके अलावा, लीड के साथ हमारा छात्रवृत्ति कार्यक्रम पहले से ही एक वास्तविक और सार्थक बदलाव ला रहा है और हम भारत में लड़कियों के लिये एक सकारात्मक भविष्य का हिस्सा बनने के लिये उत्साहित हैं। आइये एक साथ #स्टेमदगैप करें।’
लीड के सह-संस्थापक और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सुमीत मेहता ने कहा, “ओले की छात्रवृत्ति बेहद सार्थक है और लड़कियों को अपने जुनून और रुचियों को पूरा करने में सक्षम बनायेगी। लीड में हमारा मिशन स्कूलों में बदलाव लाना है खासकर छोटे शहरों में ताकि हर बच्चे को उत्कृष्ट शिक्षा मिल सके। ओले के साथ हमारी साझेदारी हमें छात्रों को तराशने और शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करने की अनुमति देगी, चाहे वे कहीं भी कोई भी स्कूल जायें। लड़कियों के लिये शुरूआती वर्ष अहम होते हैं और सकारात्मक बदलाव लाने और स्टेम के साथ मिलकर लैंगिक फर्क को कम करने की दिशा में काम करने पर हमें गर्व है।’