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इस दीवाली वेगास मॉल में पवित्र शहर बनारस का गौरव देखने के लिए तैयार रहिए

नई दिल्ली। बनारस शहर को वर्षों से भिन्न नामों से जाना जाता रहा है और मार्क ट्वैन का यह कोट सब कुछ कह देता है, ‘बनारस इतिहास से भी पुराना है, परंपरा से भी पुराना और किंवदंतियों से भी पुराना है। इन सबको एक साथ रखा जाए तो इनकी उम्र के योग के दूने से भी ज्यादा पुराना यह दिखाई देता है।’ बनारस के घाटों पर दीवाली आंखें चैंधियां देती हैं। बनारस में इसे “देवताओं के प्रकाश का त्यौहार माना जाता है”। माना जाता है कि दीवाली के दिन देवता पृथ्वी पर उतर आते हैं और गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए, इस मौके पर भनारस के सभी घाटों को सजाया जाता है और गंगा मां के सम्मान में दीयों से ढंक दिया जाता है।
इस बार हम मॉल में बनारस के दैवीय घाट नए सिरे से तैयार करेंगे और मॉल में देवताओं की दीवाली पेश करेंगे। इस मौके पर यहां आप देख सकेंगे मंदिर की संरचना, सुंदर कलाकृतियां और स्तंभ। यही नहीं गंगा को मॉल में पेश करने के लिए पानी से नदी का दृश्य बनाया जाएगा जिनमें झिलमिल प्रकाश रहेगा और सजावटी घंटियां भी रहेंगी। ये सब मिलकर देखने वालों के लिए आंखें चैंधियां देने वाला दृश्य पेश करेंगे। इन्हें देखकर लगेगा जैसे वे सचमुच देवी-देवताओं के साथ प्रकाश का पर्व दीवाली मना रहे हों।
इस संबंध में कार्मिक ईवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री गुणवंत सिंह ने कहा, त्यौहारों की शुरुआत के साथ ही, कार्मिक ईवेंट्स इंडिया में हम आपके लिए पेश करते हैं वास्तविक से भी बड़े आयोजन। ‘ग्लोरी ऑफ बनारस’ के तहत हमने जो मंदिर बनाया है वह 68 फीट लंबा, 40 फीट ऊंचा और इतना ही चौड़ा है। मॉल उद्योग में यह अभी तक का अनूठा है। बारीक डिजाइन वाले कार्विंग और पिलर, जल संस्थान, झिलमिलाती बत्तियां, सजावटी घंटियां सब मिलकर एक सुंदर संस्थापन का भाग लगती है। हमारी परिश्रमी टीम ने यह सब संभव किया है। इसमें 140 कुशल शिल्पकार हैं जो 40 दिनों तक समर्पण के साथ काम करते हैं और पूरी संरचना को हाथ से तैयार करते हैं। हरेक पिलर या पाए को भारी परिश्रम कर हाथ से बनाया गया है और ये भारतीय पौराणिक कथाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सुंदर और असली जैसे संस्थापन को यह सोच कर पेश किया गया है कि हमारे संरक्षकों को उसी आध्यात्मिकता और सकरात्मकता का अहसास हो जो उन्हें बनारस के घाट पर होता।
श्री रविन्दर चौधरी, वाइस प्रेसिडेंट, वेगास मॉल कहते हैं, बनारस के घाटों पर दीवाली का दृश्य आंखों को सबसे ज्यादा चौंधियांता है। इस बार वेगास मॉल में यह देखने लायक होगा। इसके बारे में माना जाता है कि यह बनारस के प्रकाश और देवताओं का त्यौहार है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि वेगास मॉल अपनी तरह का अकेला अनुभव दे। हमलोगों ने इस शानदार संरचना में निवेश किया खासकर बहत सामान्य अनुभव देने के लिए। ऐसा जो मॉल उद्योग ने पहले कभी नहीं किया है। वेगास मॉल में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अपने संरक्षकों को भविष्य में भी ऐसा ही अनुभव कराएं।
श्री प्रसाद राणे, सीएमओ-मार्केटिंग, वेगास मॉल कहते हैं – इस साल वेगास मॉल में हम आपके लिए पेश कर रहे हैं पवित्र शहर बनारस का गौरव। यह भारत का सबसे पुराना शहर भी है। बनारस शहर की एक संस्कृति है और इसे वहां की कला के लिए जाना जाता है। इस बार वह सब कुछ हमलोगों ने दिल्ली में पेश करने की कोशिश की है। इस संरचना को बनाने का मकसद कुछ नयापन लाना था और इसके साथ थोड़ी सी सकारात्मकता भी जिससे मॉल की आभा, चर्चा नई उंचाइयां छुए। सजावट भव्य है और यहां आने वालों को लगेगा कि वे वाकई बनारस में है। इस संरचना की सुंदरता यह है कि हरेक पिलर या स्तंभ का पूरा विवरण दिया गया है जो पूरी तरह शहर की कला और संस्कृति में डूबा हुआ है। इस साल लोग कुछ अलग तरह की चीज देखेंगे जो सुंदर है, मनुष्य का बनाया हुआ है। कहने की जरूरत नहीं है कि वेगास मॉल में नयापन लाने के लिए हमलोगों ने अपना दिल दिमाग एक कर दिया है।

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