संपादकीय

1.3 मिलियन बैरल कच्चे तेल का समुद्र में रिसाव का खतरा, पर्यावरणीय आपदा के मुहाने पर दुनिया

एक ताजा मिली जानकारी के मुताबिक वेनेजुएला और त्रिनिदाद के बीच, पारिया की खाड़ी में, एक खराब और लगभग डूबते तेल टैंकर से 1.3 मिलियन बैरल के करीब कच्चे तेल के समुद्र में गिरने का खतरा बन गया है। अगर इस मात्रा में कच्चा तेल समुद्र में गिरता है तो यह मात्रा 1989 के बहुचर्चित एक्सॉन वाल्डेज स्पिल के लगभग पांच गुना के बराबर है। टैंकर पेट्रोसुक्रे नामक कंपनी के स्वामित्व में है, जिसका मालिकाना हक वेनेजुएला की राष्ट्रीय तेल कंपनी पेट्रोलिओस डी वेनेजुएला (PDVSA ) के पास है, जिसकी 74% हिस्सेदारी है, और इटली की ईनी बाकी 25% की मालिक है।
त्रिनिदाद और टोबैगो की एनजीओ फिशरमेन एैंड फ्रेंड्स ऑफ द सी पिछले कुछ महीनों से इस स्थिति की निंदा करते हुए इस स्थिति के निपटान की मांग कर रही है। अगस्त की शुरुआत में ही इस एनजीओ ने चेतावनी दी थी कि जहाज ‘खतरनाक तरीके से झुक रहा है और इसके पलटने का खतरा बढ़ रहा है’।
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक मंगलवार 20 अक्टूबर को PDVSA  ने ICARO नामक एक टैंकर को बैरल के आधे हिस्से को ऑफलोड करने के लिए भेजा है लेकिन यह एक बेहद खतरनाक प्रक्रिया है। उसी दिन, त्रिनिदाद और टोबैगो के ऊर्जा और उद्योग मंत्रालय ने भी स्थिति को जांचने के लिए एक विशेषज्ञ दल को टैंकर के पास भेजा।
स्थिति इतनी संवेदनशील है कि फिशरमेन एैंड फ्रेंड्स ऑफ द सी, बाकी दुनिया की तरह, आशंकित हो कर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। स्काईट्रूथ से प्राप्त चित्रों और वैश्विक मीडिया में प्रसारित होने वाली रिपोर्टों से ऐसा प्रतीत होता है कि वेनेजुएला के एक तेल टैंकर, ICARO/आईसीएआरओ ने एफएसओ नाबारिमा से संपर्क किया है और भीतर कुछ तेल स्थानांतरित कर भी रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कैरिबियन सी का वो हिस्सा खतरे से बाहर है। फिलहाल हम राहत की सांस नहीं ले सकते क्योंकि इस प्रक्रिया में मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी तरह के रिसाव को रोकने के लिए उपाय अपर्याप्त हैं।
किसी भी स्थिति से निपटने के लिये PDVSA के पास जहाज के चारों ओर आवश्यक रोकथाम उपकरण होने चाहिए। साथ ही PDVSA को स्पिल/रिसाव जैसी आपदा के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएँ बनानी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस स्थिति ने 1989 के त्रिनिदाद और टोबैगो और वेनेजुएला के बीच हुए तेल रिसाव प्रबंधन योजना पर पुनर्विचार करने की जरूरत को फिर उजागर किया है। मौजूदा समझौते के बावजूद, जहाज का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को भेजने के लिए स्वीकृति प्राप्त करने में ही त्रिनिदाद और टोबैगो सरकार को एक महीने से अधिक समय लग गया। नियमों के चलते इतना समय लगना घातक सिद्ध हो सकता है। यही नहीं, इस समुद्रीय क्षेत्र पर तमाम देश निर्भर हैं और सभी को ऐसी किसी पर्यावरणीय आपदा से निपटने की तैयारी रखनी चाहिए। बल्कि ऐसी पर्यावरणीय आपदाओं से निपटने के लिए क्षेत्रीय कार्ययोजना के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए सभी प्रभावित और सम्बंधित देशों को तत्काल मिलना चाहिए।

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