संपादकीय

मुकेश गौतम ने कवि और रचनाकार के रूप में पहचान

-डॉ.प्रभात कुमार सिंघल
लेखक एवम् पत्रकार, कोटा

लगन हो तो कैसी भी परिस्थिति में व्यक्ति अपनी राह बना लेता है और लक्ष्य अर्जित कर लेता है। ऐसी ही शख्सियत है बूंदी जिले के छोटे से गांव डपटा के निवासी कवि और रचनाकार मुकेश गौतम जिन्हें बचपन से ही सभी भाई -बहनों को पिता शाम को सोते समय कविता,कहानियाँ व दोहे सुनाया करतें थे। वे अक्सर रामायण और महाभारत से सम्बंधित प्रश्न पूछा करतें थे।
गाँव में उस समय बिज़ली नहीं होंने पर पिता लालटेन की रोशनी में इन धार्मिक ग्रंथों को पढ़ कर सुनाते थे। यहीं से इनका साहित्य के प्रति मे विशेष लगाव हो गया और काव्य लेखन का बीजांकुर हुआ।वे बताते है कि आज भी उनके मानस पटल पर उठे प्रश्नों का समाधान पिता ही करतें हैं।
मुकेश का कविता लिखना काॅलेज समय से प्रारम्भ हुआ जब ये स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र थे इनकी मे पहली रचना ‘स्वार्थी राजनीति’ के नाम से सांध्य समाचार पत्र “दैनिक राजमार्ग” में प्रकाशित हुई। उसके बाद फिर लगातार दैनिक अंगद और दैनिक राजमार्ग में रचनाएँ छपती रही और आज देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ प्रकाशित हो रही हैं।
ये बताते हैं कि मंचों पर काव्य पाठ करने की प्रेरणा बूँदी कजली तीज मेले में कवि सम्मेलन देखकर मिली थी। वहाँ पुलिस के जवान मंच के पास से दूर खदेडते थे और मेरी कवियों को पास से देखने और सुनने की प्रबल इच्छा रहती थी। उस समय इन्होंने ठान लिया था कि माँ शारदे की कृपा रही तो एक दिन इस मंच पर जाकर रहूँगा। तब से अनवरत उन्होंने प्रयास जारी रखा और आखिर में परमात्मा ने इन्हें वहाँ तक पहुँचा ही दिया। जब माँ शारदे कोई अच्छी सी रचना लिखवा देती हैं तो मुझे असीम आनन्द की अनुभूति होती हैं। दूसरी बात यह भी हैं कि हिंदी मेरा प्रिय विषय रहा हैं। इनके संकल्प की ध्वनि इस प्रकार ध्वनित होती है………..
खूब पढूँगा खूब लिखूँगा,
अफ़सर बन दिखलाऊँगा।
मैं हर दिन स्कूल जाऊँगा,
मुझ पर पापा की आशाएँ,
उम्मीद टिकी है माता की।
खरा उतर कर दिखलाऊँ,
कदर करूँ हर नाता की।।
रिश्तों की पावन बगियाँ को,
बनकर माली महकाऊँगा।
मैं हर दिन स्कूल जाऊँगा,
हाँ, हर दिन स्कूल जाऊँगा।
कवि सम्मेलनों में ये अपनी ओजस्वी वाणी में राजस्थान की महिमा का गुणगान करते हैं तो श्रोता भी जोश से भर उठते हैं…….. जय जय राजस्थान तेरा करें गुणगान, वंदन में बार-बार शीश को झुकाते हैं। धोरां वाली वीर धरा जहाँ बलिदान भरा, कण कण शौर्य वाले गीत यहाँ गाते हैं।। हाय माते पन्ना धाय कैसें तुझें भूल जाए, स्वामी भक्ति हेतु भेंट पुत्र चढ जातें हैं। धन्य धन्य हाडी रानी अमर वीर क्षत्राणी, निशानी में जहाँ पर शीश कट जातें हैं।।
भामाशाह जैसा दानी महाराणा की कहानी, मुगलों के जहाँ पर छक्के छूट जातें हैं। साँगा जैसा रण जहाँ प्रताप रा प्रण जहाँ, मातृभूमि सर्वोपरि सीख दे जातें हैं।। मीठी मनुहार यहाँ तीजा रा त्योहार यहाँ, आओं म्हारें देश थांतो खूब मन भाते हैं। भाषा में मिठास यहाँ भक्ति में विश्वास यहाँ, मींरा के रचित पद सब मिल गाते हैं।।
आप यूं तो हिंदी और मायड़ दोनों भाषाओं पर समान अधिकार रखते हैं और दोनों ही भाषाओं में काव्य रचना करते हैं ,पर राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति इनका अनन्य प्रेम है। ग्रामीण परिवेश और जीवन शैली को बचपन से देखते आए हैं इसलिए स्वाभाविक रूप से किसान, कामधेनु जैसे अनेक विषय भी आपकी काव्य सृजन के विषय बने हैं।
मुकेश पद्य कविता,गीत,दोहे,छंद,हाइकु तथा गद्य में निबन्ध,लघुकथा और विभिन्न विषयों पर आलेख लिखने में पारंगत हैं।
आपकी रचनाएं देश के विभिन्न दैनिक, साप्ताहिक और मासिक पत्र- पत्रिकाओं में अनवरत प्रकाशित हो रही है। कवि के रूप में आप स्थानीय और जिला स्तर के साथ – साथ जिला स्तर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और राजस्थानी कवि सम्मेलनों में अपनी काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपने गांव का नाम रोशन कर चुके हैं। आप हिंदी साहित्य समिति, बूंदी से सक्रिय रूप से जुड़े हैं और अखिल भारतीय साहित्य परिषद ईकाई कापरेन के संयोजक भी हैं

सम्मान

आपको साहित्य सृजन के लिए कई संस्थाओं द्वारा समय – समय पर सम्मानित किया जा चुका है। आपको अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सम्मान-2019,राजस्थान गौरव सम्मान-2020, ऊर्जित काव्यसाधक सम्मान-2020, साहित्य श्रीसम्मान-2021,टीजीटी हिंदी सेवी सम्मान-2022, सरस्वती सम्मान-2022 (मायड़भासा साहित्य सिरजन मंच),श्री कर्मयोगी साहित्य गौरव सम्मान “शान-ए-राजस्थान2022 एवं साहित्य रत्न/समाज रत्न सम्मान-2023 हिन्दी साहित्य समिति,बूँदी द्वारा द्वारा प्रदान कर सम्मानित किया गया है। ये आनलाईन कविता पाठ,काव्य-गोष्ठी में काव्य पाठ व कई ई-सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं।

परिचय

बूंदी जिले के लोकप्रिय कवि और रचनाकार मुकेश गौतम का जन्म 1 जुलाई 1983 को डबटा ग्राम में धर्मराज गौतम के परिवार में हुआ। आपने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर कर बी. एड. की शिक्षा प्राप्त की। आप वर्तमान में अध्यापक के रूप में सेवारत हैं।

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