संपादकीय

देश को ऊंची उड़ान पर ले जाने को तैयार भारतीय युवा पीढ़ी !

-सुनील कुमार महला
फ्रीलांस राइटर, कालमिस्ट व युवा साहित्यकार (उत्तराखंड)

सभी को यह बात ज्ञात है कि भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के ‘स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023’ के डेटा का यह अनुमान है कि भारत में एक साल में डेढ़ फीसदी से ज्यादा जनसंख्या बढ़ी है, जबकि अब चीन दूसरे नंबर पर है। जानकारी के अनुसार चीन की कुल आबादी 142 करोड़ 57 लाख है। आज भारत आबादी के मामले में दुनिया में सबसे बड़ा देश है लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि भारत की असली ताकत इसकी युवा शक्ति है। सच तो यह है कि आज विश्व का सबसे ज्यादा युवा देश भारत है। युवा देश होना हमारी ताकत भी है। किसी कवि ने युवाओं के बारे में क्या खूब कहा है कि -‘सूरज का भी तेज लिए जो,हैं युवा हम वो शक्तिशाली, खण्ड नहीं कर सकता जिसके है उस अखण्ड देश की डालीे,ओत-प्रोत हैं यौवन से हम, और नहीं है असमर्थ विकल्प, आह्वान कर युवा क्रांति का, लिया है परिश्रम का संकल्प…!’ बहरहाल, जानकारी देना चाहूंगा कि 50% से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की और 65% से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। भारत के पास पूरी दुनिया की जमीन का 2% हिस्सा है।चीन के पास 6.3% हिस्सा है, जबकि दुनिया की कुल आबादी के 18% लोग भारत में रहते हैं और लगभग 18% लोग चीन में रहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो भारत में 15 से 64 वर्ष के 68 प्रतिशत लोग हैं। यानी मोटे तौर पर भारत युवाओं का देश है। भारत में 15 से 24 साल के 25 करोड़ 40 लाख युवा हैं।दुनिया में सबसे ज्यादा युवा शक्ति भारत के पास है। जानकारी देना चाहूंगा कि चीन में 65 वर्ष से ज्यादा के 14 प्रतिशत लोग हैं लेकिन भारत में 65 वर्ष से ज्यादा लोगों का प्रतिशत 7 है। वास्तव में, चीन धीरे धीरे बूढ़ों का देश बन रहा है और भारत युवाओं का। आंकड़े बताते हैं कि भारत में 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 आयु वर्ग के बच्चों की है।18 प्रतिशत 10-19 साल की आयु के बच्चों की आबादी है। वहीं 10 से 24 साल के आयु वर्ग की जनसंख्या 26 प्रतिशत है। सबसे ज्यादा 68 प्रतिशत जनसंख्या 15 से 64 आयु वर्ग में हैं, जबकि जैसा कि ऊपर बता चुका हूं कि 65 से ऊपर के लोग सिर्फ 7 प्रतिशत ही हैं। यदि हम यहां आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि देश की कुल आबादी में आधे से ज्यादा लोगों की उम्र 40 से कम है। देश में 2020 में 10 से 14 उम्र वर्ग के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा थी।
भारत 15 से 30 साल के बीच की उम्र के लोगों को युवा मानता है। इस लिहाज से देश की 27 फीसद आबादी युवा है। भारत करीब 25 करोड़ युवाओं का देश है। इस लिहाज से यह चीन से आगे हैं। चीन में 17 करोड़ युवा आबादी है। दुनिया में कुल आबादी की तादाद 121 करोड़ से ज्‍यादा है। चीन 15 से 35 साल के बीच की उम्र के लोगों को युवा कहता है। इस लिहाज से भारत की 35 फीसद आबादी युवा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र 15 से 25 साल के बीच की उम्र के लोगों को युवा कहता है, इस लिहाज से भारत की 18 फीसद आबादी युवा है। जानकारी देना चाहूंगा कि पाक की कुल आबादी का तीन करोड़ ही युवा हैं। इस तरह भारत, पाकिस्‍तान से कहीं आगे है। पाकिस्‍तान में 48.2 फीसद ज्‍यादा युवा भारत में हैं। इस मामले में भारत चीन से आगे है चीन की 144 करोड़ की आबादी में 17 करोड़ युवा ही हैं। कुल युवा आबादी में 57 फीसद युवा सिर्फ 10 देशों में रहते हैं। इसमें भारत सबसे ऊपर है। संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषण के अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश में युवा आबादी अधिक है। यूएनएफपीए की भारत की प्रतिनिधि और भूटान की निदेशक ने यह बात कही है कि , ‘भारत की 1.4 अरब आबादी को 1.4 अरब अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।’ सच तो यह है कि भारत के युवा लैंगिक असमानता, गरीबी और पर्यावरणीय गिरावट जैसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पिछले कुछ समय में ही शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, आर्थिक विकास के साथ-साथ तकनीक में काफी प्रगति की है, लेकिन भारत को अपनी युवा शक्ति का फायदा उठाने के लिए नौकरियों और काम के अवसर बढ़ाने होंगे‌। युवाओं की आबादी के मामले में भारत चीन व पाकिस्तान से आगे है। वास्तव में भारत के युवा देश होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां आज कामकाजी लोगों की संख्या पाकिस्तान व चीन से ज्यादा है। कितनी अच्छी बात है कि आज देश की 68 प्रतिशत आबादी कामकाजी है। जानकारी देना चाहूंगा कि वर्ष 2011 में 10-24 आयु वर्ग के 36.5 करोड़ लोग थे, जो 2024 में 38 करोड़ से भी अधिक होने का अनुमान है। वास्तव में इस कामकाजी आबादी का फायदा उनकी स्किल डिवेलपमेंट ट्रेनिंग पर ध्यान देकर उठाया जा सकता है। अधिक युवा आबादी के कारण हमारे यहां श्रम की प्रचुरता उपलब्ध है और श्रम की प्रचुरता का फायदा उठाकर हम अधिकाधिक आय का सृजन कर सकते हैं, जिससे देश आर्थिक विकास और अधिक तेज गति से कर सकता है। जनसंख्या एक संसाधन है। यह हम सभी को गौरवान्वित करता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा ‘यूथ पावर'(युवा शक्ति)आज हमारे देश भारत में है। दुनिया का हर पांचवां यंगस्टर यानी कि युवा भारतीय है। इन्हीं यंगस्टर्स(युवाओं )की बदौलत दुनिया की 13 बड़ी इकोनॉमीज(अर्थव्यवस्थाओं)में भारत की विकास दर बीते कुछ सालों में तीसरे नंबर पर रही है। वास्तव में
देश का युवा वर्ग वह बड़ा मानव संसाधन है, जिनका उपयोग शिक्षा, खेलकूद, विभिन्न सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों के साथ ही राजनीति के क्षेत्र में उन्हें आगे लाकर किया जाना चाहिए। युवा यदि शिक्षा,खेल, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर काम करेंगे तो निश्चित ही देश व समाज तरक्की के पथ पर अग्रसर हो सकेगा। वास्तव में युवा बुजुर्ग पीढ़ी के अनुभवों व ज्ञान का लाभ लेकर देश व समाज को आगे बढ़ा सकते हैं। युवा ऊर्जा व शक्ति से भरपूर होते हैं और उनकी शक्ति व ऊर्जा से देश व समाज को एक नवीन दिशा मिल सकती है। यहां यह बात कहना ग़लत नहीं होगी कि युवा राजनीतिकों की विकसित और आधुनिक सोच के साथ देश की बुजुर्ग पीढ़ी के लंबे राजनीतिक अनुभव का उपयोग देश की शांति, एकता, अखंडता और संप्रभुता बनाए रखने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का यह मानना था कि बच्चे किसी भी देश का असली भविष्य होते हैं। नेहरू जी ने यह बात कही थी कि ‘, ‘बच्चे एक बगीचे में कलियों की तरह होते हैं और उन्हें सावधानीपूर्वक और प्यार से पालना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं। आज जो कुछ बच्चों को सिखाएंगे तो वह कल एक बेहतरीन भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही देश का भविष्य तय करेगा।’ आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। यदि हम अपनी युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ साथ ही खेलकूद गतिविधियों से मिलने वाले लाभों की जानकारी समय- समय पर देते रहे तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में अपने कौशल से देश का नाम रोशन कर सकते हैं। आज का युवा वर्ग विश्व पटल पर भारत को अपने बलबूते पर अपने कौशल के साथ नई-नई ऊंचाइयों पर ले जाने में पूरी तरह सक्षम हैं, बस उन्हें उचित अवसर दिए जाने की जरूरत है। कहना ग़लत नहीं होगा कि अवसर और जगह के अभाव में बेहतरीन प्रतिभाएं असमय ही दम तोड़ जाती हैं। इसलिए युवाओं को स्टेज प्रदान किया जाता आज बहुत आवश्यक है। सही शिक्षा से समाज की बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है। बुजुर्ग पीढ़ी का यह दायित्व है कि वे युवाओं को सही दिशा देने में मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन करें। गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भी यह बात कही थी कि ‘हर बच्चा यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्य से निराश नहीं हुआ है।’ स्वयं एपीजे अब्दुल कलाम इस बात के पक्षधर थे कि ‘आइए हम अपने आज का बलिदान दें, ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।’ आज का युवा सीखने और नई चीजों को तलाशने के लिए उत्सुक हैं। अब जब वे अपने बड़ों से सलाह ले सकते हैं तो वे हर कदम पर उनके द्वारा निर्देशित नहीं होना चाहते हैं, यह हमारी बुजुर्ग पीढ़ी को समझने की जरूरत है। हमें यह बात अपने जेहन में रखनी चाहिए कि युवा शक्ति किसी भी देश और समाज की रीढ़ होती है। आज जरूरत इस बात की है कि हम युवाओं को सशक्त बनाएं, ताकि वे शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, कौशल विकास, सामुदायिक संपर्क, राजनीति और प्रशासन में अपनी भागीदारी बढ़ाकर समाज में उचित स्थान पा सकें। वास्तव में, देश निर्माण में आज युवाओं की भागीदारी को अधिकाधिक सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
कहना ग़लत नहीं होगा कि समाज और देश को बेहतर बनाने और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में युवाओं को सम्मिलित करना अति महत्त्वपूर्ण है।भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी युवा कंधों पर ही है। परिवर्तन का दूसरा नाम युवा है और याद रखिए कि युवा शक्ति जिस ओर चलती है, जमाना भी उसी ओर चल पड़ता है। युवा ही देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान लाने में युवा सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। इतना ही नहीं समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।
इतिहास इस बात का गवाह है कि आज तक दुनिया में जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रहे हों, उनके मुख्य आधार युवा ही रहे हैं। भारत में भी युवाओं का एक समृद्ध इतिहास रहा है। गौरतलब है कि युवाओं की बड़ी आबादी की मदद से भारत आने वाले थोड़े समय के भीतर ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। कुछ समय बाद ही विश्व की कुल जीडीपी में भारत का योगदान लगभग छह फीसद से अधिक होगा। याद रखिए कि बिना खनिज संसाधन के तो किसी देश का विकास हो सकता है, लेकिन बिना मानव संसाधन के देश के विकास के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। वास्तव में,युवाओें को एक उन्नत और आदर्श जीवन की ओर अग्रसर करना वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। यह सच है कि जितना योगदान देश की प्रगति में कल-कारखानों, कृषि, विज्ञान और तकनीक का है, उससे बड़ा और महत्त्वपूर्ण योगदान स्वस्थ और शक्तिशाली युवाओं का होता है। अंत में किसी कवि के शब्दों में यही कहना चाहूंगा कि -‘…नहीं आग है इन हाथों में,
हम खुद ही एक चिंगारी हैं, अंधता और अत्याचारों से, युद्ध हमारा फिर जारी है, ये युवा ही राष्ट्र शक्ति हैं, देश कर्म फैला कर देखो हम सब ही तो सिद्ध युक्ति हैं, दृढसंकल्प जगा कर देखो…!’

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