मूवी रिव्यु

काॅलेज-कैंपस की जिंदगी से रू-ब-रू करवाती है फिल्म ‘छिछोरे’

फिल्म के कलाकार : श्रद्धा कपूर, सुशांत सिंह राजपूत,, वरुण शर्मा, तुषार पांडे, ताहिर भसीन, प्रतीक बब्बर, सहर्ष कुमार
फिल्म के निर्देशक : नितेश तिवारी
फिल्म के निर्माता : साजिद नाडियाडवाला
रेटिंग : 3.5/5

पूरी जिंदगी में सबसे सुनहरे पल काॅलेज की जिंदगी के पल होते हैं, ये बड़े ही खूबसूरत पल होते हैं जिन्हें याद करने पर चेहरे पर खुद-ब-खुद स्माइल आ जाती है। हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में काॅलेज की जिंदगी पर आधारित कई सफल फिल्में बनी हैं जो दर्शकों को काफी पसंद भी आई हैं। नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘छिछोरे’ भी कुछ इसी तरह की फिल्म है जिसमें दोस्तों के बीच प्यार-मोहब्बत भी है, नोक-झोंक भी है और रूठना-मनाना भी है। जानते हैं फिल्म कैसी है?…

फिल्म की कहानी :
यह कहानी है अनिरुद्ध (सुशांत सिंह राजपूत) और माया (श्रद्धा कपूर) की जिंदगी की। अन्नी (सुशांत) अपनी पत्नी माया (श्रद्धा) से अलग होकर अपने बेटे राधव के साथ रहता है। राधव इंजीनियरिंग करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देता है लेकिन वो इस एग्ज़ाम को पास नहीं कर पाता डिप्रेशन में आ जाता है। इस डिप्रेशन के चलते वो अपने आपको लूजर मान लेता है और इसका नतीजा यह होता है कि वो बिल्डिंग से कूद जाता है और बुरी तरह से घायल हो जाता है। अस्पताल में डॉक्टर बताते हैं कि उसकी शारीरिक और मानसिक हालत काफी गंभीर है। अनिरुद्ध पहले तो कुछ समझ ही नहीं आता लेकिन बाद में उसे राघव को इस तकलीफ से बाहर लाने का एक ही रास्ता सूझता है कि क्यों न वोे राधव को अपने यानि (अन्नी) के कॉलेज के दिनों में ले जाये। जहां उसे कैसे काॅलेज में एडमिशन मिला, लूज़र्स के साथ हाॅस्टल में जगह मिली साथ ही साथ कैसे उसे माया का साथ मिला था और सेक्सा (वरुण शर्मा), एसिड (नवीन पोलिशेट्टी), डेरेक (ताहिर राज भसीन), बेवड़ा (सहर्श कुमार शुक्ला) और मम्मी (तुषार पांडे) जैसे दोस्तों का साथ भी मिला था। इसके बाद कहानी फ्लैशबैक में चलती है यह सभी दोस्त एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हैं, इनके आपसी रिश्ते, जज्बात प्रतिस्पर्धा और हार-जीत पर यह कहानी आगे बढ़ती है। आगे क्या होता है, क्या अपने काॅलेज की जिंदगी की कहानी को सुना कर अनिरुद्ध अपने बेटे को ठीक कर पाता है, उसके मनोबल को बढ़ा पाता या नहीं….. यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी ही पड़ेगी।

निर्देशक नितेश तिवारी ने पहले भी ‘दंगल’ जैसी सफल फिल्म दी है। ‘छिछोरे’ के ज़रिए एक बार फिर से उन्होंने अपने निर्देशन को साबित किया है। फिल्म की कहानी यदि कमज़ोर हो तो फिल्म नहीं चल पाती फिर चाहे उसमें कितनी भी बड़ी स्टारकास्ट क्यों न हो? इस फिल्म में परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर पड़ने वाले प्रेशर और मानसिक तनाव को दिखाया गया है। फिल्म कॉलेज की जिंदगी की तरफ लेकर जाती है, जिसे आप एन्जाॅय भी करते हैं और साथ ही साथ आपके खुद के काॅलेज के दिन भी तरोताज़ा हो जाते हैं। फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो आपके चेहरे पर खुशी लाते हैं। फिल्म में इमोशन भी है, मस्ती-मज़ाक और बोल्ड जोक्स भी हैं और कहीं-कहीं गाली-गलौज भी है। फिल्म की सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक अच्छा मैसेज देती है कि ज़िंदगी में यदि कभी नाकामयाब हुए तो उसके लिए गलत कदम उठाना यह ज़रूरी नहीं है बल्कि ज़रूरी यह है कि कामयाब होने के लिए जद्दोजहद को जारी रखें।
वैसे तो हम पहले भी इस तरह की कहानियां देख चुके हैं लेकिन फिर भी निर्देशक ने काफी अच्छी कोशिश की है।

बात करें अभिनय की तो सुशांत सिंह राजपूत ने युवा किरदार और पिता का किरदार दोनों ही अच्छा निभाया है। श्रद्धा कपूर का किरदार भी आपको पसंद आएगा। वरुण शर्मा के जोक्स आपको हंसाते में हैं। तुषार पांडे, नवीन पॉलिशेट्टी, ताहिर भसीन, सहर्ष कुमार और प्रतीक बब्बर सभी ने शानदार परफॉर्मेंस दी है।

फिल्म क्यों देखें? :
फिल्म काफी मनोरंजक है, आप बोर नहीं होंगे।

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